हिंदी कक्षा 6वीं पाठ 3 हेलन केलर/Helen keller

 पाठ 3 हेलन केलर


शब्दार्थ 

सुप्रसिद्ध=मशहूर, विख्यात,

अर्पित करना=देना,

विलक्षण=विशेष लक्षण से मुक्त,

प्रतिभा= विलक्षण बुद्धि,

बोस्टन=अमेरिका का अभाव, अनायास=बेवजह,  जिज्ञासा=जानने की इच्छा,

फौरन=तुरंत,  दैवयोग= देवताओं की कृपा से, यकायक=अकस्मात्,  उल्लास= प्रसन्नता, आनंद,

परिश्रम= मेहनत,  यथेष्ट= जितना चाहिए उतना, काफी,

पाठ से

प्रश्नों के उत्तर लिखिए -

प्रश्न 1. हेलन केलर कौन थी ?

उत्तर-हेलन केलर अमेरिका की एक सुप्रसिद्ध महिला थी। अंधी और बहरी होते हुए भी उसने उच्च शिक्षा प्राप्त की और दीन-दुखियों की सेवा में अपना जीवन व्यतीत किया।

प्रश्न 2. हेलन केलर ने अपनी पढ़ाई किस विद्यालय से प्रारंभ की थी ? उसने किस कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की ?

उत्तर - हेलन केलर ने अपनी पढ़ाई कैम्ब्रिज स्कूल से प्रारंभ की तथा उसने बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की।

प्रश्न 3. सलीवन हेलन के दुःख को क्यों समझ सकती थी ?

उत्तर - सलीवन हेलन की अध्यापिका थी। उन्होनें खुद भी अंधेपन का दुख भोगा था, इसलिए वे हेलन के दुख को समझ सकती थी।

प्रश्न 4. सलीवन ने हेलन के मन की निराशा को कैसे दूर किया ?

उत्तर- हेलन को अपनी गुड़िया बहुत प्यारी लगती थी। सलीवन ने हेलन की हथेली पर उँगली से डॉल शब्द लिखा। हेलन को उँगलियाँ का यह खेल पसंद आया, उसने भी वैसा ही डॉल शब्द लिखा। इस प्रकार सलीवन ने हेलन के मन की निराशा को दूर किया।

प्रश्न 5. सलीवन की प्रेरणा से हेलन ने क्या सीख मिलती है ?

उत्तर- सलीवन की प्रेरणा से हेलन ने नित नये शब्द लिखना सीखा।

प्रश्न 6. हेलन के जीवन का सबसे सुखी दिन कौन सा था ?

उत्तर- हेलन के मुख से पहली बार टुटे-फूटे शब्द निकले थे जिसका आशय था 'आज बहुत गर्मी है।' वह दिन हेलन के जीवन का सबसे सुखी दिन था।

प्रश्न 7. सलीवन की विशिष्ट क्षमता हासिल करने के बाद अपने सुखद अनुभवों के बारे में हेलन ने अपनी जीवनी में क्या लिखा ?

उत्तर- सलीवन की विशिष्ट क्षमता हासिल करने के बाद अपने सुखद अनुभवों के बारे में हेलन ने अपनी जीवनी में लिखा है- "ज्यों-ज्यों मैं सीखती जा रही थी, दुनिया जिसमें रहती थी, मुझे अधिक सुखमय और आकर्षक नजर आती जा रही थी।" उस दिन मेरे हृदय में जितना आनंद और उल्लास उमड़ा, उतना शायद ही किसी बालक के जीवन में कभी उमड़ा हो"।

प्रश्न 8. हेलन ने समाज सेवा के कौन-कौन से कार्य किये ?

उत्तर- सबसे पहले हेलन ने अनाथालय के अंधे-बहरे बच्चों की सेवा करने काम शुरू किया। फिर "मिल्टन अंध सोसाइटी" नामक एक सोसाइटी कायम करके अंधे विद्यार्थियों के लिए ब्रेल लिपि में उपयोगी साहित्य प्रकाशित करने की व्यवस्था की। उसके पश्चात् विश्व यात्रा कर अंधे बहरे लोगों के लिए प्रेरणा का कार्य किया।

प्रश्न 9. सलीवन ने हेलन को शब्द लिखना कैसे सिखाया ? उत्तर- सलीवन ने हेलन को सर्वप्रथम उँगलियों की मदद से शब्द लिखना सिखाया।

प्रश्न 10. ब्रेललिपि से क्या समझते हैं ?

उत्तर-ब्रेललिपि दृष्टिहीनों को शिक्षा देने के लिए बनायी गयी विशेष लिपि है। जिसमें मोटे कागज पर सूज़े से छेदकर ध्वनि सूचक बिन्दियाँ बनायी जाती है। पलट कर उन उभरी हुई बिन्दियों को उँगलियों के स्पर्श से पढ़ा जाता है।

प्रश्न 11. पढ़ाई के अलावा हेलन के कौन-कौन से शौक थे ? उसका किन-किन भाषाओं पर अधिकार था ?

उत्तर- पढ़ाई के अलावा हेलन को नाव को खेने, तैरने और घुड़सवारी करने का भी शौक था। वह शतरंज और ताश भी खेल लेती थी। स्कूल की पढ़ाई के अलावा केवल दो वर्ष में ही अंग्रेजी जर्मन और फ्रेंच भाषाओं पर भी अच्छा काबू पा लिया था।

प्रश्न 12. हेलन केलर ने दिव्यागों की सेवा के लिए किस सोसाइटी की स्थापना की ? इसकी स्थापना के उद्देश्य क्या थे ?

उत्तर-हेलन केलर ने अंधे-बहरे लोगों की सेवा के लिए "मिल्टन अंध सोसायटी" की स्थापना की। इसकी स्थापना का उद्देश्य अंधे विद्यार्थियों के लिए ब्रेललिपि में उपयोगी साहित्य को प्रकाशित करना था।

प्रश्न 13. हेलन का जीवन शारीरिक रूप से बाधित लोगों को क्या प्रेरणा देता है ?

उत्तर- हेलन केलर का जीवन अंध-बधिर लोगों को कठोर परिश्रम, दृढ़ इच्छा शक्ति से आसाधारण कार्य करने की प्रेरणा देता है।

प्रश्न 14. हेलन झुंझलाहट में क्या करती थी ?

उत्तर- हेलन झुंझलाहट में कभी-कभी अपने छोटे भाई- बहनों को बुरी तरह मार बैठती थी या फिर दुःखी होकर अपने आपको ही किसी न किसी तरह दंड दिया करती थी।

प्रश्न 15. 'ज्यों-ज्यों मैं सीखती गयी, दुनिया जिसमें मैं रहती थी, मुझे अधिक सुखमय और आकर्षक नजर आती जा रही थी।

उत्तर- हेलन बुद्धिमान महिला थी। उसमें आत्मविश्वास तथा जीवनपथ पर आगे बढ़ने की इच्छा थी। वह ज्यों-ज्यों सीखती गयी, उसे सारा संसार अधिक सुखमय और आकर्षण लगने लगा।

प्रश्न 16. (सत्य घटनाएँ कल्पित किस्सों से अधिक आश्चर्यजनक होती है।) इसका क्या आशय है ?

उत्तर- "सत्य घटनाएँ कल्पित किस्सों से अधिक आश्चर्य-'जनक होती है" यह बात हेलन के जीवन पर हू-ब-हू लागू होती है, क्योंकि एक अंधी-बहरी महिला ने अपने कठोर परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति से असाधारण कार्य किये हैं।

पाठ से आगे

प्रश्न 1. यदि हेलन केलर स्वयं पर ईश्वर का प्रकोप मानकर निष्क्रिय पड़ी रहती तो क्या होता ? सोचकर लिखिए। 

उत्तर- यदि हेलन केलर स्वयं पर ईश्वर का प्रकोप मानकर निराश होकर निष्क्रिय पड़ी रहती तो अंधे और बहरे लोगों केजीवन में आशा और उत्साह का संचार नहीं होता, न ही नित नवीन शब्द सीखने और साहित्य पढ़ने की इच्छा होती है।

प्रश्न 2. एक नेत्रहीन व्यक्ति दुनिया के रूप के बारे में क्या सोचता होगा ? कल्पना करके लिखिए।

उत्तर- एक नेत्रहीन व्यक्ति के लिए दुनिया का रूप बेरंग ही होगा क्योंकि उसके जीवन में अंधकार ही रहता है।

प्रश्न 3. शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए क्या-क्या सुविधाएँ होनी चाहिए।

उत्तर- शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए निम्न सुविधाएँ होनी चाहिए-

1. विकलांगों के कल्याण के लिए ग्रामीण स्तर, अतवर्ती स्तर व जिला स्तर पर पंचायती राज संस्थान प्रयासरत होनी चाहिए।

2. विकलांग व्यक्ति को स्व-रोजगार के लिए राष्ट्रीय वित्तीय विकास निगम से सहायता करनी चाहिए।

3. विकलांग व्यक्तियों के लिए शिक्षा का विशेष सुविधा प्रदान करनी चाहिए।

प्रश्न 4. शारीरिक रूप से बाधित लोग सहानुभूति के पात्र होते या समान अवसर पाने के अपनी विचार लिखिए।

उत्तर- शारीरिक रूप से बाधित लोगों के लिए समाज के हर व्यक्ति को आगे आकर कार्य करना चाहिए। उनके जीवन निर्वाह के लिए उनकी सहायता करनी चाहिए तथा सदा उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।

प्रश्न 5. हेलन के सफल होने में उसकी शिक्षिका सलीवन की महत्वपूर्ण भूमिका थी ? अगर सलीवन न होती तो क्या हेलन वो सब कर पाती जो उसने किया ?

उत्तर- हेलन के सफल होने में उसकी शिक्षिका सलीवन का महत्वपूर्ण स्थान था। सलीवन ने ही हेलन की पथ-प्रदर्शिका बनकर उसे शब्दों को बोलना सिखाया।

प्रश्न 6. आत्मविश्वास और सच्ची लगन से जो काम प्रारम्भ किया जाता है। उसमें व्यक्ति को अवश्य सफलता मिलती है। हेलन केलर के जीवन को दृष्टि में रखते हुए इस कथन को सिद्ध कीजिए।

उत्तर-हेलन में आत्मविश्वास तथा जीवन पथ पर आगे बढ़ने की इच्छा थी। इसी के बल पर उन्होंने नवीन शब्दों को सीखा तथा ब्रेल लिपि में लिखे गए साहित्य का अध्ययन किया अनाथालय में विश्वास करने वाले अंधे बहरे बच्चों की सेवा की तथा उनकी निराशा को दूर किया और अपना सम्पूर्ण जीवन समाज सेवा में लगा दिया।

भाषा से

1. दिये गये उपयुक्त कारक चिह्न खाली स्थानों में भरिए - (पर, को, ने, को, के, का, को, का, ने)

(क) हेलन को अपनी गुड़िया बहुत प्रिय थी।

(ख) सलीवन ने हेलन की हथेली पर उँगली से डॉल (गुड़िया) शब्द लिखा।

(ग) हेलन को उँगलियों का यह खेल बहुत पसंद आया। वह फौरन अपनी माँ के पास गयी।

(घ) धीरे-धीरे सलीवन ने हेलन को ब्रेल लिपि सिखा दी।

(ङ) हेलन को नाव खेने, घोड़े पर सवारी करने का भी शौक था।

2. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए। निराश, अनाथालय, अन्तर्मन, विस्तार, हू-ब-हू, दैवयोग।

निराश-हेलन कभी निराश नहीं हुई।

अनाथालय - अनाथ बच्चे अनाथालय में रहते हैं।

अन्तर्मन-हेलन ने अन्तर्मन से अनाथों की सेवा की।

विस्तार-ज्ञान का विस्तार प्रत्येक गाँव में किया गया।

हू-ब-हू-हू-ब-हू वह बन्दर की नकल उतारता है। दैवयोग- दैवयोग से हेलन की वाणी खुल गई।

3. नीचे कुछ अनेकार्थी शब्द दिए गए है। उनका अपने शब्दों में प्रयोग कीजिए-

अंक - मुझे गणित में 48 अंक प्राप्त हुए हैं।

काल - नीता भविष्य काल के उदाहरण लिख रही है।

गति - गाड़ी धीमी गति से चलानी चाहिए।

वर्ण - हिन्दुओं में वर्ण व्यवस्था है।

कर - किसानों को कर मुक्त किया गया है।

धन - धन एक आवश्यक वस्तु है।

स्वर - लता मंगेश्कर को स्वर कोकिला कहते हैं।

कनक कनक की तरह अपनी पहचान बनाए

घर मोहन स्कूल से घर नहीं गया।

उत्तर- रीता ने सारे प्रश्नों के उत्तर दिये।

आम - गर्मी के मौसम आम की फसल होती है।

गुरु - गुरु का स्थान सबसे ऊंचा है।

4. नीचे लिखे शब्दों की वर्तनी को शुद्ध करके लिखिए।

  शब्द             शुद्ध रूप

1. हस्ताक्षेप –हस्तक्षेप

2. बिमारी–बीमारी

3. लहु–लहू

5. एनक–ऐनक

6. हिरन–हिरण

7. कँगन–कंगन

8. विस्वास–विश्वास

9. क्षुद्र –शुद्र

10. ग्रहस्थ–गृहस्थ

11. आर्शीवाद–आशीर्वाद

5. निम्नलिखित के पर्यायवाची शब्द लिखिए। 

रात, दिन, माता, फूल, ईश्वर।

रात-रजनी, निशा, रात्रि, रैन, यामिनी ।

दिन-दिवस, वार, वासर, अहं।

माता-जननी, माँ, अम्बिका, धात्री, अम्बा

फूल-पुष्प, सुमन, कुसुम ।

ईश्वर-परमात्मा, ईश्वर, ईष्ट।

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