पाठ 7 चाँद का कुरता
1. हठ कर बैठा चाँद , एक दिन माता से यह बोला । सिलवा दो माँ , मुझे ऊन का मोटा एक झिंगोला ॥ सन् - सन् करती हवा , रात - भर जाड़े से मरता हूँ । ठिठुर - ठिठुरकर किसी तरह यात्रा पूरी करता हूँ ।
शब्दार्थ — झिंगोला = झबला | सन - सन- हवा बहने की तेज आवाज । ठुिठरना = ठंड से काँपना ।
अर्थ – कवि रामधारी सिंह ' दिनकर ' कहते हैं कि एक दिन चन्द्रमा जिद करने लगा और अपनी माँ से बोला – “ माँ मुझे ऊन का एक मोटा झबला सिलवा दो । ठंड के दिनों में सन - सन करती हुई ठंडी हवा चलती है । हवा के चलने से मैं रात - भर ठंड से काँपता रहता हूँ और ठंड से ठिठुरते हुए किसी तरह रात में अपनी यात्रा पूरी करता हूँ । ”
2. आसमान का सफर और यह मौसम है जाड़े का । न हो अगर तो ला दो कुर्ता ही , कोई भाड़े का ॥ बच्चे की बातें सुनकर बोली उससे यह माता । सचमुच जाड़े का मौसम तो तुमको बहुत सताता ॥
शब्दार्थ – सफर = यात्रा । भाड़े का = किराये का ।
अर्थ – चन्द्रमा रूपी बालक माँ से कहता है कि मैं रात भर असमान में घूमता हूँ और यह ठंड का मौसम है तो मुझे घूमते समय बहुत ठंड लगती है । यदि तुम ऊन का झबला नहीं सिलवा सकती हो तो मुझे पहनने के लिए एक किराये का कुर्ता लाकर दो , ताकि मुझे ठंड न लगे । चन्द्रमा की बात सुनकर माँ कहती है । हाँ सच में जाड़े के मौसम में तुम्हें बहुत परेशानी होती है ।
3. जाड़े की तो बात ठीक है पर मैं तो डरती हूँ । एक नाप में कभी नहीं तुझको देखा करती हूँ ॥ कभी एक अंगुल भर चौड़ा , कभी एक फुट मोटा । बड़ा किसी दिन हो जाता है और किसी दिन छोटा ॥
शब्दार्थ – अंगुल = अंगुली ।
अर्थ - माँ चन्द्रमा से कहती है कि तुम जो कह रहे . हो कि मुझे ठंड लगती है , झबला सिलवा दो , यह बात तो ठीक है , परन्तु मैं मन ही मन डरती भी हूँ , क्योंकि तुम कभी भी एक आकार के नहीं रहते हो । मैंने तुमको एक निश्चित आकार में कभी देखा नहीं है । मैं किस नाप में झबला बनवाऊँ मुझे इसी बात का डर लगा रहता है । तुम कभी एक अंगुल चौड़े हो जाते हो तो कभी एक फुट मोटे दिखते हो । किसी दिन बहुत बड़े दिखते हो तो किसी दिन बिल्कुल छोटे अर्थात् तुम्हारी आकृति हर दिन बदलती रहती है ।
भावार्थ – अमावस्या के बाद क्रमशः पन्द्रह दिन चन्द्रमा का आकार धीरे - धीरे बढ़ता है । पूर्णिमा के दिन वह सबसे बड़ा ( गोल ) दिखता है । पूर्णिमा के बाद क्रमशः पन्द्रह दिन तक उसका आकार घटने लगता है फिर अमावस्या आती है । इस प्रकार चन्द्रमा के घटने बढ़ने का क्रम जारी रहता है । इसलिए सही नाप का कुर्ता सिलवाना माँ के लिए अत्यन्त कठिन काम है ।
4. घटता - बढ़ता रोज किसी दिन ऐसा भी करता है ।
नहीं किसी की आँखों को तू , दिखलाई पड़ता है ॥ अब तू ही यह बता , नाप तेरा किस रोज लिवाएँ ? सी दूँ एक झिंगोला जो हर रोज बदन में आए । शब्दार्थ – नाप तौलना , रोज = प्रतिदिन ( हमेशा ) , बदन = शरीर ।
अर्थ- माँ चन्द्रमा से कहती है कि तू रोज घटता और बढ़ता रहता है । किसी दिन तो ऐसा भी होता है कि किसी को दिखाई नहीं ही देता , अर्थात् अमावस्या की रात अँधेरी होती है उस दिन आकाश में चन्द्रमा दिखाई नहीं देता । अब तू ही बता किस दिन मैं तेरा नाप लिवाऊँ ? इससे अच्छा यह है कि एक झिंगोला सिलवा दूँ जो हर रोज तुम्हारे शरीर में आये ।
प्रश्न और अभ्यास
प्रश्न 1. चाँद हमें कहाँ दिखाई पड़ता है ?
उत्तर - चाँद हमें आसमान में दिखाई पड़ता है ।
प्रश्न 2. चाँद कब दिखाई पड़ता है ?
उत्तर - चाँद रात्रि के समय दिखाई पड़ता है ।
प्रश्न 3. चाँद ने माँ से किस चीज की माँग की ?
उत्तर- चाँद ने माँ से ऊन के एक मोटे झबले की माँग की ।
प्रश्न 4. माँ ने चाँद को क्या उत्तर दिया ?
उत्तर - माँ ने चाँद को उत्तर दिया कि तुम्हारा आकार हमेशा घटता - बढ़ता रहता है । किसी दिन तो दिखाई ही नहीं देते हो । ऐसी स्थिति में तुम्हारा नाप किस दिन लिया जाय । मैं किस नाप का कुर्ता तुम्हारे लिये बनवाऊँ । अब मैं तुम्हें एक ऐसा ( ढीला - ढाला ) झबला बनवा देती हूँ जिसे तुम प्रतिदिन पहिन सको।
प्रश्न 5. ऊनी कपड़े किस मौसम में पहने जाते हैं ?
उत्तर – ऊनी कपड़े ठंड के मौसम में पहने जाते हैं ।
प्रश्न 6. चाँद कब दिखायी ही नहीं देता ?
उत्तर - चाँद अमावस्या को दिखाई नहीं देता ।
प्रश्न 7. पूरा गोल चाँद कब दिखता है ?
उत्तर- पूर्णिमा को चाँद पूरा गोल दिखाई देता है ।
प्रश्न 8. माता ने चाँद को झिंगोला देने में क्या कठिनाई बताई ?
उत्तर - माता ने चाँद को झिंगोला देने में नाप की कठिनाई बताई ।
प्रश्न 9. इनका पता करो ।
( क ) चाँद कब घटता और बढ़ता है ?
उत्तर - चाँद कृष्ण पक्ष में घटता है और शुक्ल पक्ष में बढ़ता है ।
( ख ) चाँद एक अंगुल कब और एक फुट मोटा कब दिखायी देता है ?
उत्तर - चाँद शुक्ल पक्ष के पहले दिन एक अंगुल और पूर्णिमा के दिन एक फुट मोटा दिखाई देता है ।
( ग ) चाँद रात में ही दिखता है , दिन में क्यों नहीं दिखता ? उत्तर- सूरज की तेज रोशनी के कारण दिन में नहीं दिखता रात में सूरज की रोशनी नहीं होती इसलिये दिखता है ।
प्रश्न 10. जिन पंक्तियों में यह बात कही गयी है , वे पंक्तियाँ लिखो ।
( क ) आकाश की यात्रा है और ठंड का मौसम है ।
उत्तर - आसमान का सफर और यह मौसम है जाड़े का ।
( ख ) माँ , मुझे ऊन का एक मोटा झिंगोला सिलवा दो ।
उत्तर – सिलवा दो माँ , मुझे ऊन का मोटा एक झिंगोला ।
( ग ) तुझे वास्तव में ठंड का मौसम बहुत सताता है ।
उत्तर - सचमुच जाड़े का मौसम तो तुझको बहुत सताता ।
( घ ) कभी तू आँखों को दिखायी ही नहीं पड़ता ।
उतर- नहीं किसी की आँखों को तू , दिखलाई पड़ता है ।
प्रश्न 11. अगर चींटी और हाथी के लिए झबला बनवाया जाय , तो क्या बन पायेगा ? कारण बताते हुए उत्तर लिखो ।
उत्तर- चींटी बहुत छोटी होती है इस कारण उसका झबला नहीं बन सकता । हाथी के लिये बनवाया जा सकता है लेकिन वह धारण नहीं करेगा ।
प्रश्न 12. जैसे चन्द्रमा ने अपने लिए झिंगोला दिलवाने की जिद की , इसी तरह यदि चिड़िया के बच्चे भी जिद करें तो चिड़िया उन्हें क्या समझायेगी ? सोचकर लिखो ।
उत्तर- चिड़िया अपने बच्चे तो समझायेगी कि झबला तो तुम्हारे लिये बन जायेगा मगर तुम उसको पहनकर उड़ नहीं सकोगे । "
भाषा - अध्ययन और व्याकरण
प्रश्न 1. नीचे लिखे गये शब्दों के उल्टे अर्थ वाले
( विरोधी ) शब्द लिखो व एक - एक वाक्य बनाओ ।
( क ) जाड़ा , ( ख ) मोटा , ( ग ) रात , ( घ ) बड़ा ,
( ङ ) ऊनी , ( च ) ठीक ।
उत्तर- ( क )
जाड़ा - गर्मी वाक्य - सूती कपड़े गर्मी के मौसम में पहनते हैं ।
( ख ) मोटा - पतला वाक्य - बास का पेड़ पतला और लम्बा होता है ।
( ग ) रात दिन वाक्य - सूरज की रोशनी दिन में होती है ।
( घ ) बड़ा - छोटा वाक्य - मोहन , सोहन से छोटा है ।
( ङ ) ऊनी रेशमी वाक्य - रेशमी कपड़े चमकीले एवं मजबूत होते है ।
( च ) ठीक - खराब -गर्मी के कारण खाद्य पदाथ शीघ्र खराब होते है।
प्रश्न 2. नीचे दिये गये शब्दों को शुद्ध करके लिखो ।
जादु , दीखलाई , कुसल , मौसिम , आसमन
उत्तर - जादू , दिखलाई , कुशल , मौसम , आसमान ।
प्रश्न 3. पढ़ो और समझो । चंदा , गंदा , मंदा । इसी तरह नीचे दिये गये शब्दों से मिलते - जुलते दो दो शब्द लिखो । ( क ) माता , ( ख ) मोटा , ( ग ) नाप , ( घ ) डरती ।
उत्तर ( क ) माता खाता , गाता , पाता ।
( ख ) मोटा लोटा , छोटा , खोटा
( ग ) नाप ताप , पाप , भाप ।
( घ ) डरती पड़ती , सड़ती , धरती ।
प्रश्न 4. नीचे लिखे वाक्यों में क्रिया शब्दों को चुनकर लिखो ।
( क ) मैंने भिखारी को रोटी दी । | उत्तर- दी ।
( ख ) दर्जी कपड़ा सिल रहा था ।
उत्तर- सिल रहा था ।
( ग ) माँ पुस्तक पढ़ा रही है ।
उत्तर- पढ़ा रही है ।
प्रश्न 5. इन क्रिया शब्दों को अपने वाक्यों प्रयोग करो । पढ़ना , खेलना , दौड़ना , खाना ।
उत्तर ( 1 ) पढ़ना – मैं तीसरी कक्षा में पढ़ता हूँ ।
( 2 ) खेलना –बालक खेलता है ।
( 3 ) दौड़ना दादाजी सुबह - सुबह दौड़ते है
( 4 ) खाना – मैं रात को केवल फल खाता हूँ ।
प्रश्न 6. चाँद शब्द के साथ निकलना , चमक अत होना क्रियाओं का प्रयोग करते हुए एक वाक्य बनाओ ।
उत्तर- ( 1 ) चाँद का निकलना - संध्या के समय चाँद निकलता है ।
( 2 ) चाँद का चमकना -चाँद रात में चमकता है ।
( 3 ) अस्त होना जाता है । चाँद प्रातः होते ही अस्त हो
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