हिंदी कक्षा 4 पाठ 11 जीत खेल भावना की

पाठ 11 जीत खेल भावना की 



शब्दार्थ- 

जाहिर = प्रकट । 

लहूलुहान = खून से लथपथ । 

उम्मीद = आशा करना । 

तन्द्रा = ध्यान । 

अव्वल = प्रथम , पहला ।

ईर्ष्या = जलन । 

ख़िलाफ = विरोधी , उल्य , प्रतिकूल । 

आशंका = संदेह , शंका । 

आघात = चोट , मार । 

हकदार = अधिकारी होना , वारिस । 

ग्रहण = लेना , स्वीकार करना । 

प्रयास = प्रयत्न , कोशिश । 

स्टिक = हॉकी खेलने की छड़ी । 

हादसा = दुर्घटना । 

हिंसक = मारने वाला , हिंसा करने वाला । 

खचाखच = बिल्कुल जगह न होना।

 आयोजन = किसी कार्य का होना / करना ।

प्रश्न और अभ्यास 

प्रश्न 1. सुरेश ने महेश की शिकायत प्रधान अध्यापक जी से क्यों नहीं की ? 

उत्तर – सुरेश ने महेश की शिकायत प्रधानाध्यापक जी से इसलिए नहीं की , क्योंकि उसके शिकायत करने पर महेश को दंड मिलता जिसे वह नहीं चाहता था । 

प्रश्न 2. प्रधान अध्यापक जी ने वार्षिकोत्सव रद्द करने की बात क्यों की ? 

उत्तर – खेल , खेल भावना से नहीं खेले जा रहे थे , अत : प्रधान अध्यापक जी ने वार्षिकोत्सव रद्द करने की बात की । प्रश्न 3. महेश , सुरेश से ईर्ष्या क्यों करता था ? 

उत्तर – सुरेश खेलों में हमेशा अञ्चल आता था  इसलिए महेश उससे ईर्ष्या करता था ।

प्रश्न 4. प्रधान अध्यापक जी ने विशेष मीटिंग क्यों बुलायी थी ? उत्तर - वार्षिक खेलों को रद्द करने की सूचना देने के लिए प्रधान अध्यापक जी ने विशेष मीटिंग बुलाई थी । 

प्रश्न 5. महेश को आत्मग्लानि क्यों हुई ? 

उत्तर- अपनी गलती एवं सुरेश की उदारता के कारण महेश को आत्मग्लानि हुई । 

प्रश्न 6. क्या महेश ने सुरेश के साथ ठीक किया ? अगर तुम महेश की जगह होते होती तो क्या करते / करती ? 

उत्तर – महेश के मन में ईर्ष्या एवं शत्रुता का भाव था । जिसे मिटाने के लिए उदारता एवं मित्रता की जरूरत थी । सुरेश ने सबको महेश का नाम न बताकर महेश का दिल जीत लिया । महेश ने सुरेश के साथ बहुत गलत किया था । यदि मैं महेश की जगह होता तो परिश्रम और प्रयास से अव्वल आने की कोशिश करता । 

प्रश्न 7. महेश और सुरेश में से आपको कौन अच्छा लगा और क्यों ? 

उत्तर – मुझे महेश और सुरेश दोनों ही बच्चे अच्छे लगे । सुरेश ने महेश को सजा से जिस प्रकार बचाया यह उसके हृदय के बड़प्पन एवं उदारता को सूचित करता है । समय रहते महेश ने अपने अपराधों को जिस प्रकार स्वीकार कर माफी माँगी वह भी सराहनीय है । 

भाषा तत्व और व्याकरण

प्रश्न 1. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखो और वाक्य प्रयोग करो –

उत्तर – ( क ) भनक लग जाना— जानकारी होना । 

वाक्य प्रयोग - रामदास को अपनी बीमारी की भनक लग गई थी ।

( ख ) कहासुनी हो जाना - विवाद हो जाना । 

वाक्य प्रयोग- महेश और सुरेश में कहासुनी हो जाती थी । 

( ग ) आगा देखा न पीछा- बिना सोच - विचार के । 

वाक्य प्रयोग - सुरेश को मारते वक्त महेश आगा देखा न पीछा । ( घ ) चेहरा पीला पड़ जाना - डर जाना । 

वाक्य प्रयोग- महेश और उसके साथियों के चेहरे पीले पड़ गए । ( ङ ) कान भरना - भड़काना । 

वाक्य प्रयोग - महेश के साथियों ने उसके इतने कान भरे कि वह सुरेश को अपना दुश्मन समझने लगा था । 

( च ) शैतान सवार होना . अत्यधिक क्रोधित होना । 

वाक्य प्रयोग – सुरेश को मारते समय महेश इतना हिंसक हो गया मानो उस पर शैतान सवार हो गया हो । 

प्रश्न 2. निम्न अवतरण को पढ़ो और रेखांकित के स्थानों पर उचित सर्वनामों का प्रयोग करते अनुच्छेद को पुनः लिखो “ लोभी काका एक बार बीमार हो गया । खर्च के डर से लोभी काका वैद्य से औषधि भी नहीं खरीदना चाहता था । बैगा के पास जाने पर लोभी काका को एक नारियल लाने का हुकुंम हुआ । नारियल खरीदने लोभी काका को लोभी काका के गाँव के दुकानदार के यहाँ जाना पड़ा । " 

उत्तर- लोभी काका एक बार बीमार हो गया । खर्च के डर से वह वैद्य से औषधि भी नहीं खरीदना चाहता था । बैगा के पास जाने पर उसको एक नारियल लाने का हुकुम हुआ । नारियल खरीदने उसको स्वयं के गाँव के दुकानदार के यहाँ जाना पड़ा । 

प्रश्न 3. नीचे लिखे वाक्यों को बहुवचन में परिवर्तित करके पुनः लिखो । 

( क ) बकरी चना खा गई ।

( ख ) चरवाहा भैंस चराने गया । 

( ग ) छात्र का उत्साह ठंडा पड़ गया । 

( घ ) लेखक ने कहानी लिखी । 

उत्तर- ( क ) बकरियाँ चने खा गईं । 

( ख ) चरवाहा भैंसे चराने गया । 

( ग ) छात्रों का उत्साह ठंडा पड़ गया । 

( घ ) लेखक ने कहानियाँ लिखी । 

प्रश्न 4. निम्नलिखित विशेषण शब्दों का प्रयोग करते हुए खाली जगह भरो ( दस , भारतीय , मीठे , छोटे ) 

( क ) रमेश ........मीटर कपड़ा लाया । 

( ख ) राजेश के पास ......... फल हैं । 

( ग ) रवि .......... नागरिक है । 

( घ ) राहुल......... बच्चों को पढ़ाता है ।

 उत्तर- ( क ) दस , ( ख ) मीठे , ( ग ) भारतीय , ( घ ) छोटे । 

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न 

प्रश्न 1. सुरेश ने खुद को चोट लगने का कारण प्रधान अध्यापक जी को क्या बताया ? 

उत्तर- प्रधान अध्यापक जी को सुरेश ने बताया कि मेरा पैर सीढ़ियों से फिसल गया जिस कारण चोट लगी । 

प्रश्न 2. “ खेल अगर खेल की भावना से खेला जाय , तभी अच्छा है । " इस कथन से आप क्या समझते हो ?

उत्तर -खेलकूद में लड़ाई - झगड़े , मारपीट , ईर्ष्या एवं शत्रुता का कोई स्थान नहीं होता । खेल को स्पर्धा की भावना से खेलना चाहिए ।

प्रश्न 3. महेश सुरेश को अपना दुश्मन क्यों समझने लगा था ? उत्तर- सुरेश सभी खेलों में अव्वल आता था । महेश के साथियों ने उसके कान सुरेश के विरुद्ध भरे थे । इन्हीं कारणों से वह सुरेश को अपना दुश्मन समझने लगा था । 

प्रश्न 4. कहानी को पढ़ो और लिखो कि यह बात किसने , किससे कही ? 

( क ) “ यह किसका काम है ? उसे जरूर सजा दी जाएगी । उत्तर - प्रधान अध्यापक जी ने छात्रों से कहा । 

( ख ) “ अगली बार तुम्हें भी सफलता जरूर मिलेगी । मैं तुम्हें प्रैक्टिस कराऊँगा । बोलो स्वीकार है । "

उत्तर - सुरेश ने महेश से कहा । 

( ग ) “ मैं वादा करता हूँ कि हम खेल को खेल भावना से ही खेलेंगे । इसे ईर्ष्या का कारण नहीं बनने देंगे " 

उत्तर – महेश ने प्रधान अध्यापक जी से कहा । 

( घ ) “ मैं जानता था कि तुम जरूर आओगे । तुम्हें गलती का अहसास हो गया , यही मैं चाहता था । " 

उत्तर - प्रधान अध्यापक जी ने महेश से कहा । 

प्रश्न 5. खाली जगह में क्या भरा जाएगा । कहानी पढ़कर लिखो । ( क ) सुरेश और महेश की दुश्मनी पूरे . ........में जाहिर थी । 

उत्तर - स्कूल । 

( ख ) प्रधान अध्यापक जी के ऑफिस के आगे.….... लगी हुई थी । 

उत्तर – भीड़ ।  

( ग ) तभी प्रधान अध्यापक जी की आवाज सुनकर महेश की....... भंग हुई । 

उत्तर- तन्द्रा । 

( घ ) खेल अगर ......की भावना ...... खेला जाय , तभी अच्छा है । 

उत्तर- खेल , से । 


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