पाठ 16 अगर पेड़ भी चलते होते
कविता का अर्थ
1. अगर पेड़ भी चलते होते , कितने मजे हमारे होते ।
शब्दार्थ – पेड़ = वृक्ष , मजे = आनंद ।
अर्थ- कवि कहते हैं कि अगर पेड़ भी हमारे साथ चलते - फिरते तो हमें एक साथ बहुत सी खुशियाँ मिल जातीं । हमें बहुत आनन्द आता ।
2 . बाँध तने में उसके रस्सी , जहाँ कहीं भी हम चल देते अगर कहीं पर धूप सताती , उसके नीचे हम छिप जाते ।
शब्दार्थ – तना = पेड़ के नीचे का मोटा भाग । धूप = सूर्य की रोशनी ।
अर्थ- कवि कहते हैं कि पेड़ चलते - फिरते होते तो उसके तने में रस्सी बाँधकर हम कहीं पर भी चल देते । अर्थात् हम अपने साथ पेड़ों को भी ले जाते । अगर हमें कहीं पर धूप सताती तो झट से पेड़ के नीचे छिप जाते ।
3 . भूख सताती अगर अचानक , तोड़ मधुर फल उसके खाते । आती कीचड़ , बाढ़ कहीं तो , ऊपर उसके झट चढ़ जाते । शब्दार्थ – मधुर = मीठा । बाढ़ = पानी की अत्यधिक मात्रा के कारण नदी नालों का सीमा से हटकर बहना ।
अर्थ – कवि कहते हैं अगर हमें अचानक भूख लगती तो कहीं पर भी हम उसके मीठे - मीठे फल तोड़कर खा लेते । अगर कहीं पर भी कीचड़ या बाढ़ आती तो हम पेड़ के ऊपर बहुत जल्दी चढ़ जाते और कीचड़- पानी से बच जाते ।
प्रश्न और अभ्यास
प्रश्न 1. कविता में बताये गये लाभों के अलावा हमें पेड़ों से और क्या लाभ होते हैं ?
उत्तर –( 1 ) पेड़ों से हमें जड़ी - बूटी एवं औषधि प्राप्त होती है । ( 2 ) पेड़ों से हमें भोजन और कपड़े प्राप्त होते हैं ।
( 3 ) पेड़ों से हमें कीमती लकड़ियाँ प्राप्त होती हैं ।
( 4 ) पेड़ों से ही वर्षा होती है ।
( 5 ) वर्षा से हमें जल प्राप्त होता है ।
प्रश्न 2. अगर पेड़ चलते होते तो क्या होता ?
उत्तर - अगर पेड़ चलते होते तो हम जहाँ कही जाते उन्हें भी साथ ले जाते । वे हमें भूख , धूप , बाढ़ कीचड़ से भी बचाते ।
प्रश्न 3. पेड़ों पर हम कब - कब चढ़ते हैं ?
उत्तर – ( 1 ) फल तोड़ने , ( 2 ) पेड़ों की पत्तियाँ तोड़ने । ( 3 ) पेड़ों पर झुलने के लिए ।
प्रश्न 4. पेड़ों के चलने पर क्या - क्या परेशानियाँ हो सकती हैं ? उत्तर – ( 1 ) दुर्घटनाएँ बहुत अधिक बढ़ जातीं ।
( 2 ) कहीं का पेड़ कहीं चला जाता ।
( 3 ) विवाद और झगड़े बढ़ जाते ।
प्रश्न 5. अगर पेड़ न होते तो हमें क्या कठिनाइयाँ झेलनी पड़ती ? सोचकर लिखो । उत्तर- अगर पेड़ न होते तो हमें शुद्ध वायु , लकड़ी , फल - फूल आदि चीजे नहीं मिलती । जलवायु विषम हो जाती बाढ़ों का खतरा बढ़ जाता , वर्षा भी कम हो जाती अर्थात ? बहुत कठिनाइयाँ उत्पन्न हो जाती ।
प्रश्न 6. अगर पहाड़ भी चलने लगें तो क्या होगा ?
उत्तर – दुनिया में तबाही मच जायेगी ।
भाषा - अध्ययन और व्याकरण
प्रश्न 1. नीचे दिये गये अनुच्छेद में संज्ञा और विशेषण शब्दों को चुनकर तालिका में लिखो । एक बगीचा था । बगीचे में आम , अमरूद तथा जामुन के बहुत - से पेड़ थे । कुछ पेड़ों के तने बहुत मोटे थे । वे आम मीठे थे । वहाँ बहुत पुराने पेड़ थे । उन पेड़ों अमरूदों के पेड़ भी थे । अमरूद खट्टे थे । पके जामुनों का रंग काला था । कभी - कभी बगीचे में बन्दर आ जाते थे । वे बहुत शरारत करते थे । वे पेड़ों पर चढ़कर फल गिरा देते थे । उन फलों को चिड़ियाँ खा लेती थीं ।
संज्ञा ( चीजों के नाम )
बगीचा , आम , अमरूद , जामुन पेड़ , तने , बन्दर , चिड़ियाँ , फल ।
विशेषण संज्ञा ( चीजों के नाम )
बहुत से, मोटे, पुराने, मीठे, खट्टे,पके, काला , बहुत।
प्रश्न 2. इन शब्दों से मिलते - जुलते दो - दो शब्द लिखो , जैसे मजे - सजे ।
उत्तर- तोड़–जोड़ , फोड़ ,
नाते– खाते , जाते ,
फल– जल , बल ,
चलते–लिखते , पढ़ते ,
धूप– लूप , कूप ,
झट– चट , पट ।
प्रश्न 3. इन शब्दों को तुम्हारी बोली में क्या कहते हैं ? लिखो । पेड़ , धूप , तना , रस्सी , भूख , कीचड़ , बाढ़ ।
उत्तर – हमारी छत्तीसगढ़ी बोली में ( 1 ) पेड़ – रुख
( 2 ) धूप –घाम
( 3 ) तना –तना
( 4 ) रस्सी– सुतरी
( 5 ) भूख– भूख
( 6 ) कीचड़– चिखला
( 7 ) बाढ़ – बाढ़
रचना
प्रश्न 1. अगर पेड़ न होते तो क्या होता ? इस विषय पर पाँच वाक्य लिखो ।
उत्तर- ( क ) हरियाली नहीं होती ।
( ख ) जलवायु विषम हो जाती ।
( ग ) शुद्ध वायु नहीं मिलती ।
( घ ) वनों की लकड़ी नहीं मिलती ।
( ङ ) वनों से मिलने वाले लाभों से वंचित रह जाते
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