पाठ 12 गुंडाधूर
शब्दार्थ- निष्कपट = कपट रहित ,
शोषक =शोषण करनेवाला ,
कुटिल = टेढ़ा ,
जज्बा = भावना ,
विद्रोह = सामूहिक विरोध ,
बेसुध = बेहोश ,
तत्पर = तैयार ,
सूदखोर = ब्याज पर व्यवसाय करने वाला ,
शोषण = किसी के श्रम या व्यापार से , अनुचित लाभ उठाना ,
धैर्यवान = धीरज रखने वाला ,
सशस्त्र = हथियार सहित ,
पिट्ठू = खुशामदी , समर्थक ,
दमन = कठोरता से दबाना ,
विश्वासघात = धोखा देना ,
राग = रंग मनोरंजन ,
आगंतुक = आने वाला
प्रश्न और अभ्यास
प्रश्न 1. आदिवासियों के विद्रोह का क्या नाम था ?
उत्तर -आदिवासियों के विद्रोह का नाम “ भूमकाल ” था । - प्रश्न 2. राजा रूद्र प्रताप देव के चाचा का नाम क्या था ? उत्तर - राजा रूद्रप्रतापदेव के चाचा का नाम लाला - कालेन्द्र सिंह था ।
प्रश्न 3. आदिवासियों का विद्रोह छत्तीसगढ़ में किस क्षेत्र में हुआ ?
उत्तर - आदिवासियों का विद्रोह बस्तर क्षेत्र में हुआ था । प्रश्न 4. बस्तर के आदिवासियों की विशेषताएँ लिखिए । उत्तर- बस्तर के आदिवासी अत्यन्त भोले - भाले , - शांति - प्रिय , सरल , निष्कपट , निश्छल एवं धैर्यवान होते हैं ।
प्रश्न 5. बैजनाथ पण्डा कौन था लोग उससे असन्तुष्ट क्यों थे ?
उत्तर - बैजनाथ पण्डा अंग्रेजों का दीवान था वह अंग्रेजों का पिट्ठू था वह अपने बेतुके आदेशों से प्रजा जन की मुश्किलें बढ़ा देता था , उनका मनमाना शोषण करता था , उन पर अत्याचार करता था इसलिए लोग इससे असंतुष्ट थे ।
प्रश्न 6. आदिवासियों के प्रेरणा स्रोत कौन कौन थे ? उत्तर – आदिवासियों के प्रेरणा स्रोत लाला कालेन्द्र सिंह , रानी सुवर्ण कुँवर , बाला प्रसाद , नरसिंह लाल तथा दुलार सिंह थे ।
प्रश्न 7. भूमकाल आन्दोलन का क्या असर हुआ था ? उत्तर – भूमकाल आन्दोलन के अन्तर्गत बस्तर का पुसवाल बाजार लूटा गया इससे एक भूचाल सा आ गया । पुलिस थाने लूटे गये , शोषकों को मारा गया । इस विद्रोह की आग देखते ही देखते पूरे बस्तर में फैल गई ।
प्रश्न 8. बस्तर का स्वाभिमान किसे कहा गया ?
उत्तर- बस्तर का स्वाभिमान गुण्डाधूर को कहा गया ।
प्रश्न 9. अलमार की लड़ाई में क्या हुआ ?
उत्तर - अलमार की लड़ाई में पाँच सौ क्रांतिकारी मारे गये ।
प्रश्न 10. केवल नाम लिखिए
( अ ) बस्तर का दीवान बैजनाथ
( ब ) राजा की सौतेली माँ सुवर्ण कुँवर
( स ) आम की टहनी और मिर्च का संदेश डारा मिरी
( द ) विश्वासघाती आदिवासी सोनू माँझी
प्रश्न 11. अगर सोनू माँझी ने विश्वासघात नहीं किया होता तो क्या होता ?
उत्तर - अगर सोनू माँझी ने विश्वासघात नहीं किया होता तो मेजर गेयर ने आत्मसमर्पण कर दिया होता ।
प्रश्न 12. आदिवासियों ने यदि तीर धनुष की जगह बंदूकों का प्रयोग किया होता तो क्या होता ?
उत्तर - आदिवासियों ने यदि तीर धनुष की जगह बंदूकों का प्रयोग किया होता तो निश्चित ही उनकी जीत होती ।
भाषा तत्व और व्याकरण
प्रश्न 1. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करो
उत्तर – मंत्रमुग्ध होना = सुध - बुध खोना ।
वाक्यों में प्रयोग - कृष्ण की बाँसुरी की आवाज सुनकर गोपिकाएँ मंत्र मुग्ध हो गईं ।
करारा जवाब देना = मुँहतोड़ ( सटिक ) जवाब देना । वाक्यों में प्रयोग - रानी दुर्गावती ने मुगलों की सेना को करारा जवाब दिया ।
जड़ से उखाड़ देना = समूल नष्ट कर देना ।
वाक्यों में प्रयोग - रानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रेजी सेना को जड़ से उखाड़ फेंका ।
छाया भी न छू सकना =किसी भी प्रकार की चोट न पहुँचा सकना ।
वाक्यों में प्रयोग - अंग्रेज सेना गुण्डाधूर की छाया भी न छू सके ।
भूचाल आना = खलबली मचना ।
वाक्यों में प्रयोग — भूमकाल की शुरुआत से अंग्रेज अधिकारियों में भूचाल - सा आ गया ।
टकरा जाना =झगड़ पड़ना ।
वाक्यों में प्रयोग - गुण्डाधूर की सेना अंग्रेजी सेना से टकरा गई ।
प्रश्न 2. नीचे लिखे वाक्यों में रेखांकित सर्वनाम किसके लिए प्रयोग किए गए हैं ?
( क ) वन पर आदिवासियों का ही एकाधिकार था पर दीवान बैजनाथ पण्डा ने ऐसी नीति अपनाई , जिसके कारण उस पर उनका अधिकार सीमित हो गया ।
उत्तर- उस , वन के लिए , उनका , आदिवासियों का ।
( ख ) बस्तर के लोग सरल , निष्कपट और ईमानदार होते हैं । ये शान्तिप्रिय भी होते हैं । ये आदि वासी कभी - कभी अपने शत्रुओं को करारा जवाब भी देते हैं ।
उत्तर – अपने आदिवासियों के लिए प्रयोग हुआ है ।
( ग ) हम तुम्हें उस समय का प्रसंग बता रहे हैं ।
उत्तर- ' हम ' उत्तम पुरुष के लिए , ' तुम्हें ' मध्यम पुरुष के लिये ।
प्रश्न 3. निम्नलिखित वाक्यों के खाली स्थानों - रेखांकित शब्दों के विलोम शब्द भरो–
1. गाँधी जी ने अंगेजों से सहयोग करने के स्थान पर असहयोग करने का निश्चय किया ।
2. रुद्रप्रताप देव सन् 1900 तक नाबालिग बाद में सन् 1903 में बालिग हुए ।
3. शांति के समय की अशांति बात करना ठीक नहीं । 4. आज जिस स्थिति में है पता नहीं कल क्या स्थिति बनेगी ।
प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग छाँटकर लिखिए- प्रगति , दुर्व्यवहार , अनुमति , बेसुध , निडर , अडिग , असफल , विद्रोह ।
उत्तर - उपसर्ग - प्र , दु , अनु , बे , नि , अ , अ , वि हैं ।
प्रश्न 5. नीचे कोष्ठक में कुछ प्रत्यय लिखे हैं । दिए गए शब्दों के साथ इनका प्रयोग कर नये शब्द बनाएँ – ( ता , पन , ई , वाला , दार , वान खोर )
उत्तर – भाग्य + वान = भाग्यवान
मिठाई + वाला = मिठाईवाला
लालच + ई = लालची
भोला + पन = भोलापन
आवश्यक + ता = आवश्यकता
सूद + खोर = सूदखोर
ईमान + दार = ईमानदार ।
प्रश्न 6. अब इसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों को तोड़कर लिखो विद्यालय , विरुद्ध , स्थिति , प्रयोग , संस्कृत । उत्तर – विद्यालय = ि + व + द्य + + ल + य
विरुद्ध = ि + व + र + + ध् + द
स्थिति = ि + स् + थ + ि + त
प्रयोग = प्र + य +ो + ग
संस्कृत = स + + स् + कृ + त
प्रश्न 7. आधा ट ( ट् ) और पूरा ठ मिलाकर दो शब्द खोजकर लिखो ।
उत्तर – मट्ठा , चिट्ठी ।
प्रश्न 8. इस पहेली में चार क्रांतिकारियों के नाम दिए हैं । दिए गए सूत्रों से इन्हें पहचानो और लिखो संकेत
उत्तर - 1. बस्तर का क्रांतिकारी गुण्डाधूर
2. काकोरी कांड का क्रांतिकारी – बिस्मिल
3. झारखण्ड का क्रांतिकारी बिरसा मुंडा
4. पानी के जहाज से कूदकर आया क्रांतिकारी सावरकर ।
प्रश्न 9. गुण्डाधुर की तरह छत्तीसगढ़ के किसी क्रांतिकारी का जीवन परिचय लिखो ।
उत्तर– शहीद वीर नारायण सिंह
वीर नारायण सिंह का जन्म रायपुर जिले के बलौदा बाजार तहसील में सोनाखान नामक स्थान में हुआ था । इनके पिता का नाम रामराय था । वे सोनाखान के जमींदार तथा प्रजा में लोकप्रिय थे , जिससे कुछ जमींदार उनसे नाखुश थे । वीर नारायण सिंह भी अपने पिता की तरह निर्भीक , दयालु एवं न्यायप्रिय थे । वे भी अपनी प्रजा में लोकप्रिय थे जिससे अन्य जमींदार उससे चिढ़ते थे । उस समय भारत में अंग्रेजों का राज्य था छत्तीसगढ़ में भी अंग्रेजों के अत्याचार बढ़ रहे थे । एक बार सोनाखान में अकाल पड़ा । लोग भूख से मरने लगे । वीर नारायण सिंह ने अपनी जनता के लिए भरसक प्रयास किए । उसने व्यापारी के गोदान का ताला तुड़वाकर अनाज लोगों में बाँट दिया । व्यापारी के द्वारा इसकी शिकायत अंग्रेज अफसर के पास करने पर उसे डकैती का आरोप लगाकर जेल में डाल दिया । वे जनता और सैनिकों की मदद से जेल से भाग गये । वीर नारायण सिंह छापामार युद्ध में निपुण थे । उन्होंने अंग्रेज स्मिथ की सेना को बुरी तरह परास्त कर दिया । कुछ ने अंग्रेजों की मदद की और वे सोनाखान की पहाड़ी को घेर कर उन्हें बंदी बना लिया गया और रायपुर में लाया गया । उन पर राजद्रोह एवं विद्रोह फैलाने का आरोप लगाकर उन्हें 10 दिसंबर सन् 1857 को फाँसी की सजा दी गई । ऐसे कर्मठ पुरुष का पालन पोषण कर छत्तीसगढ़ की धरती धन्य हो गई ।
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