मिट्टी की खुशबू /Mitti ki khushbu/

 मिट्टी की खुशबू


बारिश की जब प्रथम बौछारे 

मिट्टी को नहलाती है

मिट्टी से उठती वह सौन्धी खुशबू 

मेरे मन को महका जाती है।

अल्हड़ सी बलखाती मिट्टी, 

जीवन का  राज़ सुनाती मिट्टी,

इसकी सौंधी खुशबू बचपन

 की याद दिलाती है।

जब हम इस पहाड़ बना कर 

, खेलते थे इस पर खेल कई

घरौंदा बनाया लगाए

 इस पर पेड़ कई,

सींचा उनको पानी से तो 

हँस हँस कर खिलखिलाई  मिट्टी। 

मिट्टी से हमने दिए बनाये , 

सजाया अपना घर- आँगन 

तब दिया बन चमचमाई मिट्टी।

मिट्टी की यह खुशबू 

जीने का ढंग सिखाती है , 

जीवन का आधार हो कैसा 

यह पाठ हमे पढ़ाती है।

यह मिट्टी की खुशबू ही 

वर्षा के बूंदों की आने का 

प्रथम  संदेशा लाती  है ।

मिट्टी की यह सौंधी खुशबू

 मेरे तन मन को महकाती है , 

यह ही तो मेरे जीवन का 

असली मकसद बतलाती है।

Archana Sharma 19/06/2019

छत्तीसगढ़

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