उपसर्ग/UPSARG/शब्द रचना/SHABD RACHANA

 शब्द रचना: उपसर्ग,प्रत्यय और समास


रचना के आधार पर शब्द तीन प्रकार के होते हैं-रूढ़, यौगिक और योगरूढ़।। रूढ़ शब्द अपने मूल रूप में ही प्रयोग किये जाते हैं जबकि यौगिक शब्दों की रचना दो शब्दों के योग से या मूल शब्दों में शब्दांश जोड़कर की जाती है।इन्ही शब्दांशो को उपसर्ग और प्रत्यय कहा जाता है।यौगिक शब्दों की रचना तीन प्रकार की होती है-

1. उपसर्ग द्वारा

2. प्रत्यय द्वारा

3. समास द्वारा

उपसर्ग(prefix)

नीचे लिखे शब्दों को देखिए-

उप+हार= उपहार

अध  + खिला =अधखिला

 इस तरह हमने देखा कि हार और खिला के आगे 'उप'और 'अध' शब्दांश लगाने से  नया शब्द बना है और उसके अर्थ में भी परिवर्तन  हो गया है। कई बार  शब्द के अर्थ में विशेषता भी आ जाती है। शब्द  के आगे जुड़ने वाले इन शब्दांशो को उपसर्ग कहते हैं।

उपसर्ग शब्द तथा सर्ग से मिलकर बना है।उप का अर्थ है पास तथा सर्ग का अर्थ है सृष्टि। शब्द के पास पहुँच कर  उनमें नए अर्थ का निर्माण करना।अतः हम कह सकते हैं कि 

उन शब्दांशो को जो शब्दों के आदि  (आरम्भ) में जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता ला देते हैं,उपसर्ग कहलाते हैं।

हिंदी में मुख्य रूप से पाँच प्रकार  के उपसर्गों का प्रयोग किया जाता है।

1. संस्कृत के उपसर्ग।

2. हिंदी के उपसर्ग।

3. अरबी-फारसी के उपसर्ग।

4. उपसर्ग की तरह प्रयुक्त होनेवाले संस्कृत के अव्यय।

5.अंग्रेजी के उपसर्ग।

 संस्कृत के उपसर्ग

उपसर्ग -अ

अर्थगत विशेषता   -नहीं, अभाव    

 शब्दरूप -अगम,अचल,अधर्म

2. उपसर्ग- अन

अर्थगतविशेषता-   नहीं, अभाव         

शब्दरूप- अनादर,अनावश्यक

3. उपसर्ग -अति,

अर्थगतविशेषता-अधिक             

 शब्दरूप - अत्यधिक,अत्याचार

4. उपसर्ग -अधि

अर्थगतविशेषता-श्रेष्ठ,ऊपर

 शब्दरूप -अधिनायक,अधिकृत

5. उपसर्ग -अनु            

अर्थगतविशेषता-पीछे,समान।          

शब्दरूप -अनुकूल,अनुज

6. उपसर्ग -अप            

 अर्थगतविशेषता-बुरा,हीन।            

शब्दरूप -अपमान,अपकार।

7. उपसर्ग -अभि            

अर्थगतविशेषता-सामने,ओर         

शब्दरूप -अभिशाप,अभिमान

8.  उपसर्ग-अव            

अर्थगतविशेषता- बुरा,हीन          

 शब्दरूप-अवगुण,अवसर

9. उपसर्ग -आ              

अर्थगतविशेषता-तक,सहित    

 शब्दरूप-आचरण,आकार

10. उपसर्ग -नि             

अर्थगतविशेषता-नीचे,निषेध।          

शब्दरूप - निवास,निदान

11. उपसर्ग -परा              

अर्थगतविशेषता-विपरीत   

शब्दरूप-पराजय,पराधीन

12. उपसर्ग -परि         

  अर्थगतविशेषता-आसपास।        

शब्दरूप- परिसंचरण, परिगत

13. उपसर्ग - प्र

अर्थगतविशेषता- अधिक,आगे

शब्दरूप- प्रखर,प्रचार

14. उपसर्ग -सं

अर्थगतविशेषता - अच्छा,साथ

शब्दरूप- संशय, संग्रह

15.उपसर्ग - प्रति

अर्थगतविशेषता- सामने

शब्दरूप- प्रतिशोध,प्रतिध्वनि

16.उपसर्ग - वि

अर्थगतविशेषता- विशेष,भिन्न

शब्दरूप- विजय,विनाश

17. उपसर्ग- उप

अर्थगतविशेषता- पास,समान

शब्दरूप- उपदेश, उपग्रह।

संस्कृत के उपसर्ग

उपसर्ग -अध

अर्थगतविशेषता- आधा

शब्दरूप- अधपका, अधखिला

उपसर्ग- अन

अर्थगतविशेषता- नहीं,अभाव

शब्दरूप- अनमोल,अनपढ़

उपसर्ग- औ

अर्थगतविशेषता- निषेध,हीन

शब्दरूप- औघड़,औघट

उपसर्ग-कु

अर्थगतविशेषता- बुरा

शब्दरूप- कुपुत्र,कुसंग

उपसर्ग- चौ

अर्थगतविशेषता- चार

शब्दरूप- चौराहा, चौपाल

उपसर्ग- दु

अर्थगतविशेषता- बुरा

शब्दरूप- दुलबा, दुकाल

उपसर्ग- नि

अर्थगतविशेषता- बिना,रहित

शब्दरूप- निकम्मा,निठल्ला

उपसर्ग- बिन

अर्थगतविशेषता- बिना

शब्दरूप- बिनब्याह,बिनकहे

उपसर्ग- भर

अर्थगतविशेषता- ठीक,पूरे

शब्दरूप- भरपूर,भरपेट

उपसर्ग- स

अर्थगतविशेषता- सहित,अच्छा

शब्दरूप- सरस,सपूत

उपसर्ग- सु

अर्थगतविशेषता- अच्छा

शब्दरूप- सुगम,सुजान

अरबी-फारसी के उपसर्ग

उपसर्ग-अल          

अर्थगतविशेषता-निश्चित।             

शब्दरूप-अलबत्ता,अलविदा

उपसर्ग- बे।          

अर्थगतविशेषता- बिना                  

शब्दरूप-बेचैन,बेअदब।

उपसर्ग-बा            

अर्थगतविशेषता-सहित                

शब्दरूप-बाकायदा,बाअदब।

उपसर्ग-बद।         

अर्थगतविशेषता- बूरा                   

शब्दरूप-बदनाम,बदबू

उपसर्ग-बिला        

अर्थगतविशेषता- बिना।              

शब्दरूप-बिलाकसूर, बिलावजह।

उपसर्ग-कम          

अर्थगतविशेषता- थोड़ा।           

शब्दरूप-कमबख्त,कमज़ोर।

उपसर्ग-खुश         

अर्थगतविशेषता-अच्छा।            

शब्दरूप-खुशदिल,खुशमिजाज।

उपसर्ग-गैर          

अर्थगतविशेषता-भिन्न,अलग।       

शब्दरूप-गैरमर्द,गैरहाज़िर।

उपसर्ग-दर।         

अर्थगतविशेषता- में।                 

शब्दरूप-दरमियान, दरअसल।

उवसर्ग-ना            

अर्थगतविशेषता-नहीं।              

शब्दरूप-नाचीज़, नालायक।

उपसर्ग-ला।          

अर्थगतविशेषता-बिना,नहीं।            

शब्दरूप-लापरवाह,लाइलाज

उपसर्ग-हम       

अर्थगतविशेषता-  समान,साथ।    

शब्दरूप-हमउम्र,हमशक्ल। 

उपसर्ग-सर         

अर्थगतविशेषता- मुख्य।            

शब्दरूप-सरताज,सरकार।

उपसर्ग-ऐन           

अर्थगतविशेषता-ठीक,पूरा।         

शब्दरूप-एनमौक़ा, ऐनवक्त।

उपसर्ग की तरह प्रयुक्त होंने वाले संस्कृत के अव्यय

उपसर्ग - अधः

अर्थगतविशेषता- नीचे

शब्दरूप- अधोलिखित,अधोगति,अधःपतन

उपसर्ग- अंतः

अर्थगत विशेषता- भीतरी

शब्दरूप- अन्तः पुर,अंतः करण।

उपसर्ग- अंतर

अर्थगतविशेषता- भीतरी

शब्दरूप- अंतर्मन,अंतरराष्ट्रीय।

उपसर्ग- चिर

अर्थगतविशेषता- बहुत,देर

शब्दरूप- चिरकाल,चिरायु

उपसर्ग- पुनः

अर्थगतविशेषता- फिर

शब्दरूप- पुनर्निर्माण, पुनराभ्यास

उपसर्ग- सह

अर्थगतविशेषता- साथ

शब्दरूप - सहचर,सहपाठी।

उपसर्ग -बहिः

अर्थगतविशेषता- बाहर

शब्दरूप- बहिर्मुख,बहिष्कार

उपसर्ग- पुरा

अर्थगतविशेषता- पुराना,पहला

शब्दरूप- पुरातत्व,पुरातन

उपसर्ग- सत्त

अर्थगतविशेषता- सच्चा

शब्दरूप- सत्कर्म,सज्जन।

अंग्रेजी के उपसर्ग

उपसर्ग- सब

अर्थगतविशेषता- SUB

शब्दरूप- सबइंस्पेक्टर, सब-रजिस्ट्रार

उपसर्ग- डिप्टी

अर्थगतविशेषता- DEPUTY

शब्सरूप- डिप्टी कलेक्टर, डिप्टीकमिश्नर

उपसर्ग- हेड

अर्थगतविशेषता- HEAD

शब्दरूप-हैड मस्टर,हेड ,कैशियर

उपसर्ग- हाफ

अर्थगतविशेषता-हाफ

शब्दरूप- हाफ पैंट,हाफ प्लेट

उपसर्ग- चीफ

अर्थगतविशेषता- CHIEF

शब्दरूप- चीफ मिनिस्टर,चीफ जज।

उपसर्ग- जनरल

अर्थगतविशेषता-GENERAL

शब्दरूप- जनरल स्टोर,जनरल मर्चेंट।

उपसर्ग- असिस्टेन्ट

अर्थगतविशेषता- ASSISTANT

शब्दरूप- असिस्टेंट टीचर।

उपसर्ग-वाइस

अर्थगतविशेषता- VICE

शब्दरूप- वाइस कैप्टन, वाइस प्रेसीडेन्ट।

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