विशेषण /HINDI VYAKARAN/VISHESHAN

 विशेषण 



 सुनहरा सूर्य

हराभरा उपवन

रंगबिरंगे फूल

एक पेड़

छोटाऔर नीला पंछी

भूरा कुत्ता

इन वाक्यों में "सुनहरा",'हरा भरा','रंगबिरंगे', 'एक' "छोटा", ''नीला'' "भूरा"इत्यादि शब्द विशेषण शब्द हैं।

 संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं।

गुण वाचक विशेषण

 जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा और सर्वनाम के रंग-रूप,आकार-प्रकार,गुण-दोष,काल-स्थान,दिशा,स्वाद, गंध,स्वभाव,आदि से संबंधित  विशेषता का बोध होता है,उन्हें गुण वाचक विशेषण कहते हैं।

राधा आज प्रातःकाल के समय अध्यापक के साथ समुद्र तट पर गयी।  समुद्र का पानी खारा और नीला था।वहाँ उसने रंगबिरंगी मछलियां देखी।अध्यापिका ने बताया बड़ी मछलियां छोटी मछलियों  को खा जातीं हैं।

 उपर्युक्त वाक्यों में प्रातःकाल,खारा, नीला,रंगबिरंगी,छोटी-बड़ी संज्ञा शब्दों के गुण रंग-रूप,स्वभाव,समय का बोध करा रहे हैं अतः ये गुणवाचक विशेषण हैं।

 दो बच्चे शाला जा रहे हैं।तभी उन्होंने देखा कि एक पेड़ पर चिड़िया ने एक घोंसला बनाया था।उस घोंसले में दो चूज़े थे।उनकी माँ उन्हें दाना खिला रही थी।

दो,एक शब्द बच्चे,पेड़, घोंसलें और चूजों की संख्या का बोध कर रहे हैं अतः ये संख्यावाचक विशेषण हैं।

1. संख्यावाचक विशेषण-जिन संख्यावाचक शब्दों से किसी निश्चित संख्या का बोध होता है,उसे  निश्चितसंख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

 दो लड़कियाँ पार्क में घूम रहीं है।

 छः दोस्त खेल रहे हैं।

दो बन्दर पेंड़ पर उछल-कूद कर रहे हैं।

उपयुर्क्त वाक्यों में 'दो लड़कियां, छह दोस्त,दो बन्दर 'निश्चत संख्या का बोध करा रहे हैं।अतः ये निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण- जिस शब्द से निश्चित संख्या बोध नहीं होता है,उसे अनिश्चित वाचक विशेषण कहते हैं।

पेड़ पर कुछ चिड़ियाँ  बैठी हैं।

राधा के पास कुछ रंग-बिरंगे गुब्बारे हैं।

इन वाक्यों में  चिड़ियाओं और गुब्बारों की संख्या निश्चित नहीं है।अतः ये अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण हैं।

परिमाणवाचक विशेषण- -जो शब्द संज्ञा और सर्वनाम की मात्रा या परिमाण का बोध कराते हैं, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे-

राजू दूकान पर दो किलो दूध लेने गया।उसने दूकानदार से कहा अंकल झाग सहित दूध नापने से थोड़ा दूध कम हो जाता है।कृपया ठीक से नापिए।बाद में उसने 250 ग्राम पनीर तथा आधा किलो दही भी ली।

 उपर्युक्त वाक्यों में "दो किलो,थोड़ा,250 ग्राम,तथा आधा किलो शब्द नाप-तौल संबंधी विषेशता बता रहे हैं अतः ये परिमाणवाचक विशेषण हैं।

निश्चित परिमाणवाचक विशेषण-

वे विशेषण शब्द जो निश्चित माप-तौल का बोध कराते हैं,निश्चित परिमाण वाचक विशेषण कहलाते हैं।

 उदाहरण-

दादी बाज़ार से दो किलो टमाटर लाई।

मोहन ने दर्जी की कमीज के लिए दो मीटर कपड़े दिए।

राधिका ने शरबत की एक बोतल खरीदी।

 इन वाक्यों में 'दो किलो,दो मीटर,एक लीटर शब्द 'टमाटर,कपड़े,शरबत के निश्चित परिमाण का बोध करा रहे हैं।अतः ये निश्चित परिमाणवाचक विशेषण हैं।

अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण- वे विशेषण शब्द जो संज्ञा तथा सर्वनाम की निश्चित मात्रा का बोध नहीं कराते हैं,उन्हें अनिश्चित परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं।

मोहन ने मां को दादी के लिए थोड़ा सूप बनाने को कहा।

 रोहन ने  मम्मी से दूध में ज़रा- सी  चीनी और डालने को कहा।

उपर्युक्त वाक्यों में ज़रा-सी,थोड़ा शब्द सूप और चीनी के निश्चित परिमाण का बोध नहीं करा रहे हैं।अतः ये अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण हैं।

सार्वनामिक( संकेत वाचक) विशेषण-

वे सर्वनाम शब्द जो विशेषण की भाँति प्रयोग में लाए जाते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

जैसे-

यह लड़का बुद्धिमान है।

वह महिला धीरे-धीरे आ रही है।

ये लड़के मेरे दोस्त हैं।

 उपर्युक्त वाक्यों में 'यह,वह,ये' शब्द सर्वनाम हैं, परंतु वे किसी संज्ञा की ओर इशारा कर रहे हैं अतः ये सार्वनामिक विशेषण हैं।

संख्यावाचक व परिमाण वाचक विशेषण में अंतर-

जिन वस्तुओं को नापा और तौला जा सकता है,उनका परिमाण बताने वाले शब्द परिमाणवाचक शब्द तथा जिन वस्तुओं की गिनती की जा सकती है,उनकी संख्या का बोध कराने वाले  संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।

उसी तरह सर्वनाम का उपयोग संज्ञा के स्थान पर जबकि सार्वनामिक विशेषण का उपयोग संज्ञा के स्थान पर संज्ञा की ओर संकेत करते हुए होता है।

उदाहरण

यह आज मिलने आई है।(सर्वनाम).

यह पुस्तक मेरी है।(सार्वनामिक विशेषण)

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