औषधीय पौधों पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया

औषधीय पौधों पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन 

स्थान – शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुरदा (जिला जांजगीर-चांपा)


प्रकृति हमें जीवन प्रदान करती है, और औषधीय पौधे उसी प्रकृति के सबसे अनमोल उपहार हैं। इन्हीं पौधों के संरक्षण और उनके औषधीय महत्व को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुरदा में आज दिनांक 18/10/2025 को “औषधीय पौधों पर व्याख्यान एवं प्रदर्शनी कार्यक्रम” का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। इसके पश्चात संस्था प्रमुख श्री अनुज कुमार गुप्ता ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि हमारे देश की संस्कृति में पौधों को ‘देव’ का दर्जा दिया गया है। उन्होंने बताया कि तुलसी, नीम, गिलोय, एलोवेरा, अश्वगंधा, अदरक और हल्दी जैसे पौधे न केवल रोगों को दूर करते हैं बल्कि मानव जीवन को स्वस्थ और दीर्घायु बनाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने जीवन में पर्यावरण संरक्षण को आदत बनाने और कम से कम एक औषधीय पौधे को अपने घर में अवश्य लगाने का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम में संस्था के सभी शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएँ उत्साहपूर्वक शामिल हुए।श्रीमती रज़िया अंजुम शेख ने अपने संबोधन में बताया कि औषधीय पौधे केवल स्वास्थ्य का स्रोत ही नहीं हैं, बल्कि यह हमारे पर्यावरण की शुद्धता और जैव विविधता को भी बनाए रखते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को इन पौधों की पहचान करने, उनके वैज्ञानिक नाम जानने और उनके पारंपरिक उपयोगों की जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। श्रीमती अपर्णा त्रिपाठी ने बताया कि आज के समय में जब रासायनिक दवाओं के दुष्प्रभाव बढ़ रहे हैं, तब आयुर्वेद और प्राकृतिक औषधियों की ओर लौटना अत्यंत आवश्यक है।

कार्यक्रम में बच्चों द्वारा औषधीय पौधों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों ने तुलसी, नीम, एलोवेरा, गिलोय, पुदीना, अदरक, अश्वगंधा, अजवाइन, हल्दी आदि पौधों का परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने चार्ट, मॉडल और स्लाइड्स के माध्यम से उनके औषधीय गुणों, उनके प्रयोग तथा उनसे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों की जानकारी दी। बच्चों की सृजनात्मकता और मेहनत सराहनीय रही। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रज़िया अंजुम शेख एवं श्रीमती अपर्णा त्रिपाठी ने अत्यंत प्रभावशाली ढंग से किया। दोनों शिक्षिकाओं ने अपने सटीक उदाहरणों और सरल भाषा के माध्यम से विद्यार्थियों को औषधीय पौधों के वैज्ञानिक और सांस्कृतिक दोनों पक्षों से अवगत कराया। 

कार्यक्रम के अंत में संस्था प्रमुख श्री अनुज कुमार गुप्ता ने सभी विद्यार्थियों के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों में अनुसंधान की भावना और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है। उन्होंने यह भी कहा कि “हमारे जीवन में औषधीय पौधे न केवल रोगों से रक्षा करते हैं बल्कि हमें अपनी संस्कृति, परंपरा और प्रकृति से जोड़ते हैं।” अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया, जिसमें सभी अतिथियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम अत्यंत ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने वाला रहा।

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