पानी पीना, पर कैसे

 पानी पीना, पर कैसे

क्या आप पानी पीते है? उत्तर सामान्य है हां ,पर जब मैं आपसे पूछूं कि पानी कैसे पीते है तो कुछ लोग गुस्से से भर जायेंगे , बोलेंगे लो, अब हम इतने  बेवफुक हो गए है सीकि पानी कैसे पीते है ये भी नहीं जानते, अरे भई बचपन से पी रहे पानी तो,  लो अब सर  बताएंगे कि पानी कैसे पीये।ये सर न ,क्या कहे इनको शिक्षक किसने बनाया ,पानी पीने के बारे पूछ रहे है?अरे भई पानी पीते है ,तो पीते है ?उसमें क्या?पर कुछ लोगों के कान खड़े हो गए होंगे ,सर पूछ रहे है मतलब कुछ तो बात है, अरे चुप हो जा,  सुनने दे , कि हमारे पीने और उनके बताने में क्या अंतर है।

 पानी कैसे पीते है? बैठकर, खड़े होकर,या चलते हुए 

1. पानी खड़े होकर नहीं पीते (बैठ कर पीते,) खड़े होकर पानी पीने से हर्निया हो सकता है । मैं डरा नहीं रहा हूं ,बता रहा हु।

2. पानी घुट - घुट कर पीते है , एक सांस में पानी  नहीं पीते।पानी को खाते हैं। भोजन को पीते है।

3. खाना खाने के  15 मिनट पहले और बाद में45 से 60 मिनट तक पानी नहीं पीना चाहिए, क्यों? क्योंकि भोजन ठीक से पचता नहीं है।

जैसे चूल्हे ने खाना पकाए और जलती  आग में बीच बीच में पानी डालते रहे तो बताइए खाना पकेगा क्या?नहीं न।

भोजन के बीच में पानी नहीं पीना चाहिए। जरूरत हो तो गरम पानी पीये।

4. सुबह बिस्तर से उठते ही 1लीटर हल्का गुनगुना पानी पीये।फिर फ्रेश होने जाये।

ऐसा क्यों?

 सुबह की लार  जिसकी प्रकृति क्षारीय होती है पेट में जायेगा , रक्त क्षारीय बना रहेगा और हम  कभी बीमार नहीं होंगे या यूं कहे बीमार कम पड़ेंगे।

5. पानी गिलास के बजाय लौटा में पीये, मतलब जिस बर्तन का नीचे भाग चौड़ा हो। हम लोग फैशन के चक्कर में गिलास से पीते हैं।

6. पानी जीवित  जीव है, इसे ध्यान से पीये, पूरे ध्यान से और मन मे श्रद्धा का भाव रख पानी पीये। हम भारतीय तो ऐसे हैं कि जीवित तो जीवित है तो मृतक को भी पानी पिलाते है।  इसलिए तो पानी को अमृत कहते है।जो लोग कहते है पानी पीने का समय नहीं है इतनी व्यस्तता बढ़ गई है वो मानकर चले अंतिम दिनों में वे बिना पानी पीये निपट जायेंगे और पानी प्रतिवर्ष श्राद्ध कर्म में ही पाया करेंगे।

7. पानी पीते समय बात न करे, मतलब बात करते करते पानी न पीये।

8.  ठंडा पानी न पीये यह जीभ को सुख देता है ,मन को बहकाता है और जब आप बहकते तो बीमार हो जाते हैं ,तब यही जीभ दवाई खाने से मना करती है।मतलब बीमारी भी थी लाती है और जल्दी ठीक होने में मदद भी नहीं करती।

और हा एक बात, सारे फ़साद की जड़ भी, जीभ ही है सम्हल कर रहिए(याद है न जब आप गुस्से में घमंड में आय बाय बोलते है गाल कैसे लाल होते है और पीठ पर डंडे कैसे बरसते है और कभी - कभी  तो जान ही चली जाती है) तो जीभ का इस्तेमाल सम्हल कर करे।

वापस आते हैं  पानी पर,क्या आपको मालूम है पानी पचने में कितना समय लेता है , इसका उत्तर होगा नहीं,नहीं क्यों?क्योंकि कभी इस ओर ध्यान नहीं गया, हमने पानी तो पीया बस हो गया।

1 फ्रिज का ठंडा पानी (आप खरीद कर या घर में स्वागत के लिए देते है,वास्तव में वह स्वागत नहीं आप उस मेहमान को  रोगी बनाने में अपना योगदान देते है) इसे पचने में लगते है मात्र 

3 घंटा मतलब 180 मिनट

सामान्य पानी पचता है 1.5 घंटा अर्थात90 मिनट,

 पर गरम पानी 30 मिनट।

अरे सर क्या बता गए पानी भी पचता है?

तो जो लोग गुस्से से भरे हुए थे या पानी पर बाते सुनना पसंद नहीं कर रहे थे,कैसा लगा। अब समझ गए पानी कैसे पीना और कैसा  पानी पीना।

आप लोग मेरी बात मानेंगे नहीं। पर तय आपको करना है।

ऐसे ही भोजन का है 

फल 3 घंटा

शाकाहारी भोजन 8 घंटे में

मांसाहारी  भोजन पचने 32घंटा 

इस पर बात फिर कभी

Post a Comment

0 Comments