हिंदी कक्षा 8वीं पाठ 12 अपन चीज के पीरा

 पाठ 12 अपन चीज के पीरा

प्रश्न और अभ्यास

पाठ से

प्रश्न 1. परसराम के सुभाव कइसे रहिस ?

उत्तर - परसराम जेन मेर नहीं, तेन लाठी अँटियाथे अऊ बात-बात म अँगरा उगलथे सोज गोठियाय ल तो जानय नहीं जुच्छा अटेलही मारथे।

प्रश्न 2. गोदवरी ह काकर बारी म जा के चरय ?

उत्तर- गोदवरी ह रुपऊ के बारी म जा के चरय।

प्रश्न 3. रुपउ ह गोदवरी ल पकड़े खातिर का जतन करिस?

उत्तर- रुपऊ जेन मेर ले गाय बारी म बुलके बर पइधे रहय तेने मेर बने गड्ढ़ा खन के ओला डारा पाना म तोप दिस।

प्रश्न 4. रुपऊ का सोच के डर्रात राहय ?

उत्तर- गाय के गोड़ टूट जही त उल्टा मोर करलइ हो जही, इही सोच के डर्रात रहाय।

प्रश्न 5. गाँव वाले मन परसराम ल का डाँड़ डाँड़िन अउ ओला का चेतइन ?

उत्तर - गाँव वाले मन परसराम ल दू सौ रुपया डाँड़ डाँड़िन अउ ओला चेतइन आज ले कखरो खेत-खार ल चराबे झन, गाय ल ढिलबे झन समझे।

प्रश्न 6. रमेसर ह अपन दाई-ददा ले का बात बर बातिक-बाता होवय ?

उत्तर- रमेसर रोज-रोज के बद्दी ले हलाकान होके ददा-दाई संग बातिक-बाता घलो हो जाये।

प्रश्न 7. रमेसर ह नाचा देखे बर काबर नई गिस ?

उत्तर- अपन जिनिस के का पीरा होथे ये तो ददा ल सिखोयेच ल परही करके ऊहू नाचा देखेबर नइ गिस।

पाठ से आगे

प्रश्न 1. परसराम ह अपन गाय ल रोज रातकुन छेल्ला चरे बर ढिल देवय, ओखर ये काम ह सहीं रहिस के गलत ? अउ गलत रहिस त काबर ? अपन बिचार लिखव।

उत्तर - परसराम ह अपन गाय ल रोज रातकुन छेल्ला चरे बर ढिल देवय, ओखर ये काम ह सही नइ रिहिस काबर कि जेखर नुकसान होथे, उही एखर दुख-पीरा ल जानथे। ओला अइसन नइ करना चाही।

प्रश्न 3. रमेसर के जघा तुमन होतेव त का करतेव कारण सहित उत्तर लिखव ?

उत्तर- रमेसर के जघा मय होतेव त मय भी दाई-ददा ल समझातेव सबला अपन चीज के पीरा हे ददा। जरा सोच कोने तोर बारी खेत-खार ल चराही त तोला नइ बियापही, तोला नई पिराही का। अऊ समझाय ये नई समझतीस त मय भी वैसने करतेव जेन रमेसर ह करिस ।

भाषा से

प्रश्न 1. खाल्हे लिखाय वाक्य ल पढ़व -

'एक-दू अठोरिया के कुछू नइ जनाइस।'

ये वाक्य म 'अठोरिया' के अथे हे - आठ दिन के समयावधि ।

खाल्हे लिखाय शब्द मन ल अपन वाक्य म प्रयोग करव -हप्ता के हप्ता, पंदराही, महीना के महीना, साल पुट।

उत्तर - हप्ता के हप्ता- मजदूर मन ह हप्ता के हप्ता मजदूरी ले थे।

महीना के महीना - स्कूल-कालेज म महीना के महीना फीस देबर पड़थे।

पंदरही - गोपाल के दाई ह पंदरही दिन बर मइके गे है।

सालपुट - एक साल पुट म 365 दिन होथे।

प्रश्न 2. खाल्हे लिखय मुहावरा मन के अर्थ लिखव अउ अपन वाक्य म प्रयोग करव -

लाठी अँटियाना, लाहो लेना, छिल छिल दिखना,

छक्का-पंजा बंद होना, मुँह म पेरा गोंजना, बात लगना, बेरा चढ़ना।

ये पाठ म अउ गजब अकन मुहावरा के प्रयोग करे गेहे। उनला छाँट के लिखव अउ उँखर अर्थ लिखव।

1. लाठी अटियाना –घमंड करना

वाक्य - परसराम जेन मेर नहीं तेन मेर लाठी अटियाथे।

2. लाहो लेना – उत्पात करना, शैतानी करना।

वाक्य - परसराम के गाय गोदावरी, अब्बड़ लाहो ले थे।

3. छिल-छिल दिखना – चिकना चमकदार दिखना।

वाक्य - परसराम के पत्नी गाय के गाढ़ा गाढ़ा दूध ला पी के छिल छिल दिखत रिहिस।

4. छक्का पंजा बंद होना– बोलती बंद होना।

वाक्य - रुपऊ ह जब गोदावरी ल पकड़ लिस तब परसराम के छक्का पंजा बन्द होगे, मूड़ी ल नवाय रिहिस।

5. मुँह में पेरा गोंजना –हक मारना

वाक्य - मनखे ल कभी भी काखरो मुँह में पेरा गोंजना नइ चाही।

6. बात लगना – बुरा लगना।

वाक्य - रुपऊ ल परसराम के बात लग गिस अउ उहू ह मजा चखाय बर उपाय सोचे लगिस ।

7. बेरा चढ़ना – सुबह से दोपहर होना।

वाक्य - गाय ल खोजत-खोजत बेरा चढ़ गिस फेर गाय ह नइ मिलिस ।

पाठ के मुहावरा अऊ उँखर अर्थ लिखव ।

उत्तर- अटलेही मारना - उल्लंघन करना, किसी की न मानना।

उचाटा मारथे - कुलाँचे मारना

पल्ला भागना - सरपट दौड़ना

बिंदरा बिनास करना - तहस-नहस करना

अँगरा उगलथे- आग उगलना।

प्रश्न 3. खाल्हे लिखय वाक्य ल पढ़व -

'अइसन गाय के चाल-चलन ल देखके सियनहा मन हाना पारे होही-पड़धे गाय, कछारे जाय।'

ये वाक्य म 'पइधे गाय', कछारे जाये', ह एक ठन कहावत आय।

चार ठन छत्तीसगढ़ी कहावत खोज के लिखव अउ अपन वाक्य म प्रयोग करव।

उत्तर- 1. ओखली में मुड़ डारैव त मूसर से का डर – कठिन काम शुरू करके कठिनाइयों से क्या डरना।

वाक्य - बंजर जमीन ल खरीदकर जुताई शुरू करेव। कठिनाई त आहिच। ओखली में मुड़ डारैव त मूसर से का डर।

2. अपन हाथ जगन्नाथ –अपना काम स्वयं करना।

वाक्य - रमेसर ह अलमारी खोलके लड्डू निकालिस अऊ खइस फेर कहिस अपन हाथ जगन्नाथ।

3. जेकर लौठी उखरे भइस– बलवान की ही जीत होती है।

वाक्य - बद्रीप्रसाद अदालत ले जीत तो गिस फेर ओकर खेत ल अभी भी पहलवान सिंह जोतत हवय। आजकल तो एक रे जमाना हे जेकर लौठी उखरे भइस।

4. बन्दर का जाने अदरक के स्वाद – अयोग्य व्यक्ति अच्छी वस्तु का गुण नहीं जान सकता।

वाक्य - अफजल ह खीर के मजा का जाने वो तो हड्डी चबाथे बन्दर का जाने अदरक के स्वाद ।

4. खाल्हे लिखाय उदाहरण ल पढ़व अउ समझव -

मनखेच ल - मनखे ल ही इहां 'मनखे' शब्द मा 'च'

प्रत्यय लगा के 'मनखेच' शब्द बनाय गेहे। इहां 'च' के अर्थ हे 'ही'। 'च' प्रत्यय लगाके 'मनखे' शब्द उपर जोर दे गे हे। खाल्हे लिखितय शब्द मन म 'च' प्रत्यय जोड़ के नवा शब्द बनावव अउ अपन वाक्य म प्रयोग करव -

अलगे, काली, मोर, खेत, सबो ।

उत्तर - अलगे + च = अलगेच

वाक्य - दिखे में बिसाहू अपन भाई ले अलगेच हे।

काली + च = कालीच

वाक्य - मोर दाई गांव ले कालीच आही।

मोर + च = मोरेच

वाक्य - ये गेंद ह मोरेच हे, ते कहाँ ले पाय।

खेत + च = खेतेच

वाक्य - सब्बो गाय-गरवा मिल के हमर खेतेच ल चर दिस।

सबो + च = सबोच

वाक्य - सबोच बड़े मन ला मोर जोहार ।

प्रश्न 6. ये पाठ के संदेश ला अपन भाषा म लिखव।

उत्तर - ये पाठ के संदेश " अपन चीज के पीरा" हे। कोनो-

कोनो गुसइयाँ मन जानबूझ के अपन गाय-गरवा.ल रात म छेल्ला चरे बर ढिल देथे अऊ छेल्ला बेवारस गरवा मन खेत-खार बारी-बखरी के बिंदरा-बिनास कर देथे। जेकर नुकसारन होथे, उही एखर दुख-पीरा ल जान थे। अइसन कभू नइ करना चाही।

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