पाठ 15 शतरंज में मात
डॉ. श्री प्रसाद
प्रश्न और अभ्यास
पाठ से
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
प्रश्न 1."भरी सभा में मुंडन? इससे बढ़कर है कोई अपमान ।"
ये शब्द किसने किससे कहा ?
उत्तर- तेनालीराम ने राजा से कहा।
प्रश्न 2. मुंडन किसका और क्यों हो रहा था?
उत्तर - मुंडन तेनालीराम का हो रहा था क्योंकि वह राजा से शतरंज का खेल हार गया था जिससे राजा अपने अपमान का बदला लेने चाहते थे।
प्रश्न 3. तेनालीराम ने अपनी किस चतुराई से दंड से मुक्ति पायी और पाँच हजार अशर्फियाँ ले ली?
उत्तर-तेनालीराम ने राजा से कहा की महाराज जब आप ही मेरे माता-पिता हैं फिर आप सामने विराजमान हैं फिर मुंडन कैसे कराऊँ, इधर मेरा मुंडन हुआ और उधर आप स्वर्ग सिधारे तो इस चतुराई के कारण राजा ने नाई से उस्तरा रोकने को कहा और दंड माफ किया तथा पाँच हजार अशर्फियाँ भी ले ली।
प्रश्न 4. दरबारी तेनालीराम से क्यों चिढ़ते थे, कारणों को लिखिए।
उत्तर - दरबारी तेनालीराम से उसकी बुद्धिमानी, वाक्पटुता और चतुराई के कारण चिढते थे।
भाषा से
प्रश्न 1. 'सिर चढ़ना' - नाटक में तुमने यह मुहावरा पढ़ा। ऐसे चार और मुहावरे लिखिए जिनमें 'सिर' शब्द का प्रयोग होता है।
(i) सिर धुनना - पछताना
(ii) सिर नीचा होना - लज्जित होना
(iii) सिर पर कफन बाँधना - मरने को तैयार रहना
(iv) सिर नीचा करना - पराजित करना
प्रयोग - (i) फेल होने पर रामू सिर धुनने लगा।
(ii) सोहन की चोरी पकड़ी जाने पर उसके माता-पिता का सिर नीचा हो गया।
(iii) देश की रक्षा के लिए सैनिकों ने सिर पर कफन बाँध लिया।
(iv) कारगिल के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान का सिर नीचा कर दिया।
प्रश्न 2. निम्नलिखित संज्ञा शब्द के विशेषण बनाइए ।
संज्ञा - शिक्षा, अपमान, दोष, ढोंग, क्रोध, ज्ञान
संज्ञा विशेषण
शिक्षा शिक्षित
अपमान अपमानित
दोष दोषी
ढोंग ढोंगी
क्रोध क्रोधी
ज्ञान ज्ञानी
प्रश्न 3. विलोमार्थी शब्दों की जोड़ी बनाइए।
क ख उत्तर
प्रशंसा अव्यवस्था निंदा
चतुराई सज्जन मूर्खता
खुश पराजय नाखुश
दुष्ट निंदा सज्जन
उत्तम नाखुश अधम
जय मूर्खता पराजय
व्यवस्था अधम अव्यवस्था


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