शिक्षा सचिव ने जर्जर भवनों में शाला संचालित न करने सभी कलेक्टर को लिखे पत्र

 रायपुर 6 जुलाई 2024। शिक्षा सचिव ने सभी कलेक्टरों शाला भवनों के मरम्मत के संदर्भ में पत्र लिखा है। शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने अपने निर्देश में कहा है कि ऐसे शाला, जो जर्जर कमरों में संचालित हो रहे हैं, उसकी तत्काल मरम्मत की जाये। जो शाला भवन जर्जर है, वहां अध्यापन कार्य नहीं कराया जाये। 



जैसा कि आपको विदित है कि 26 जून, 2024 से नवीन शिक्षा सत्र प्रारंभ हो गया है और शालाओं में अध्यापन कार्य प्रारंभ हो चुका है। विभिन्न जिलों में शाला प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा है। शालाओं को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखने हेतु आपको और जिला शिक्षा अधिकारियों को समय-समय पर निर्देश दिए गए हैं कि अपने जिले के शाला भवनों का निरीक्षण कर लेवें तथा जो शाला भवन जर्जर है, उनमें अध्यापन कार्य नहीं कराया जाए एवं जो शाला भवन मरम्मत के लायक है उन्हें जिला स्तर पर उपलब्ध डीएमएफ/ सीएसआर या अन्य किसी निधि से नियमानुसार मरम्मत करा लेवें, ताकि किसी भी प्रकार की आकस्मिक दुर्घटना से बचाव हो सके। इसके बावजूद भी विभिन्न माध्यमों से यह बात संज्ञान में आ रही है कि कुछ शालाएं अभी भी जर्जर भवनों में संचालित की जा रही है, जो किसी भी स्तर से उचित नहीं है।

2/ कृपया अपने जिले की समस्त शाला भवनों का 03 दिवस के भीतर निरीक्षण करके आवश्यकतानुसार मरम्मत / सुधार कार्य कराया जाना सुनिश्चित करें। इसके पूर्व भी आपके निर्देशन में स्कूल जतन योजना अंतर्गत प्रदेश के मरम्मत योग्य / जर्जर शाला भवनों का चिन्हांकन किया जाकर शाला भवनों में मरम्मत / अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिसके लिये आपको राशि जारी की गई है। जारी की गई राशि का समुचित उपयोग नियमानुसार किया जाना सुनिश्चित करें।

3/ यह भी सुनिश्चित करें कि जो शाला भवन जर्जर हों उनमें किसी भी स्थिति में कक्षाएं संचालित नहीं की जाए। जर्जर भवनों वाली शालाओं के संचालन हेतु सामुदायिक भवन, अन्य शासकीय भवन, अन्य शाला भवन या अन्य सुरक्षित विकल्प का उपयोग किया जाए।

4/ शालेय बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथकिता है, अतः शाला भवनों के मरम्मत कार्य प्राथमिकता पर कराया जाना सुनिश्चित करें ।

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