हिंदी कक्षा 6वीं पाठ 1अभियान गीत - डॉ. हरिवंशराय बच्चन

  पाठ 1

अभियान गीत- डॉ. हरिवंशराय बच्चन



1. भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के। धर्म अलग हों, जाति अलग हों, वर्ग अलग हों, भाषायें, पर्वत, सागर-तट, वन, मरुथल, मैदानों से हम आयें, फौजी वर्दी में हम सबसे पहले हिन्दुस्तान के । भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के ।

संदर्भ - प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक 'भारती' के पाठ 'अभियान गीत' से लिया गया है। इसके कवि 'श्री हरिवंशराय बच्चन' हैं।

प्रसंग - प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने भारत के वीर बालकों के मातृ-भूमि के प्रति प्रेम को प्रकट किया है।

व्याख्या- कवि कहते हैं कि भारत माता के वीर पुत्र गर्व से सीना तान कर चलते हैं। हम अलग-अलग धर्म को मानने वाले, जाति वाले तथा भिन्न-भिन्न भाषाओं को बोलने वाले हैं। हम पहाड़ी स्थानों से, समुद्र के किनारे वाले प्रदेशों से, रेगिस्तान से तथा मैदानों से आये हैं। सैनिक की पोशाक को धारण किये हुए हम सबसे पहले भारत माता के वीर सपूत हिन्दुस्तानी हैं।

शब्दार्थ - पर्वत = पहाड़। वन जंगल। मरुथल = रेगि- स्तान। फौजी वर्दी = सैनिक की वेशभूषा।

2. हिन्दुस्तान कि जिसकी मिट्टी में हम खेले-खाये हैं,

जिसकी रजकण को हम ममता-समता से अपनाये हैं, कर्ज चुकाने हैं, हमको उन रजकण के एहसान के। भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।

संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक 'भारती' के पाठ 'अभियान गीत' से लिया गया है। इसके कवि 'श्री हरिवंशराय बच्चन' हैं।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश में बालकों ने देश के प्रति अपना सम्मान और कर्त्तव्य दर्शाते हुए कहा है कि हम भारत माँ के ऋणसे उऋण नहीं हो सकते हैं।

व्याख्या- भारत माँ के वीर पुत्र कहते हैं कि हमने हिन्दुस्तान की धरती पर जन्म लिया है, इसकी मिट्टी में खेलकर बड़े हुए हैं। अपने देश के प्रत्येक कण से हमें प्यार है। माँ हम सभी से समानता का व्यवहार करती है। हमें भारत माँ जिसकी धूल से हमारा जन्म से संबंध है जिसने हमें अपनी ममता की छाँह देकर बड़ा किया है। हमें उसके अहसान का कर्ज चुकाना है। हम भारत जननी के पुत्र हैं, हम गर्व से सीना तान कर कदम-से-कदम मिलाकर चलते हैं।

शब्दार्थ - ममता = प्यार। रजकण धूल के कण। समता समानता ।

3. जिसकी पूजा में सदियों से श्रम के फूल चढ़ाये हैं।

जिसकी रक्षा में पुरखों में अगणित शीश कटाये हैं, हम रखवाले पौरुष वाले गौरव-मान के। भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के। 

संदर्भ-पूर्ववत् ।

प्रसंग- हमारे पूर्वजों ने भारत माँ की रक्षा हेतु अपने बलिदान दिए हैं। इसलिए हमें इस देश के गौरव की रक्षा करनी है।

व्याख्या- हमारी जन्म-भूमि की आराधना हेतु अनेक वर्षों तक अपने परिश्रमरूपी पुष्पों को अर्पित किया है। हमारे पूर्वजों ने अपने प्यारे देश की रक्षा हेतु अनगिनत मस्तकों का बलिदान दिया है। हम भारत माता के वीर सपूत अपने पुरुषत्व से इसकी महिमा की रक्षा करने वाले हैं, क्योंकि हमारे लिए जन्म-भूमि श्रेष्ठ हैं।

शब्दार्थ - सदियों से = अनेक वर्षों से। श्रम = मेहनत । पुरखे = पूर्वज । अगणित = जिसे गिना न जा सके। गौरव = महिमा। 

4. हम गिर जायें किन्तु न गिरने देंगे देश-निशान को, हम मिट जायें किन्तु मिटने न देंगे हिन्दुस्तान को, हम हैं सबसे आगे रहते अवसर पर बलिदान के। 

जो वीरत्व-विवेक समर में हम सैनिक दिखलायेंगे, उनकी गाथायें भारत के गाँव, नगर, घर गायेंगे, अनगिन कंठों में गूँजेंगे बोल हमारे गान के। भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।

 संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक 'भारती' के पाठ 'अभियान गीत' से लिया गया है। इसके कवि 'श्री हरिवंशराय बच्चन' हैं।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश में वीर और साहसी बालक यह संकल्प लेते हैं कि वे मरते दम तक देश के सम्मान की रक्षा करेंगे।

व्याख्या-कवि कहते हैं कि भारत के प्यारे वीरों ! हम भले ही गिर जायें, किन्तु हमारे देश के गौरव प्रतीक चिन्ह इस तिरंगे ध्वज के मान में कमी नहीं आने देंगे, चाहे इसकी रक्षा के लिए हमें अपने प्राणों को भी क्यों न न्यौछावर करना पड़े। हम देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाने हेतु सबसे आगे रहेंगे, किन्तु अपने प्यारे देश हिन्दुस्तान की स्वतंत्रता पर आँच नहीं आने देंगे। हमारे सैनिक युद्धभूमि में उचित अनुचित का ज्ञान रखते हुए अपनी वीरता के कारनामे दिखलायेंगे। देश के लिए बलिदान देने वाले वीरों की कहानियाँ भारत वर्ष के प्रत्येक गाँव, नगर तथा घर में सुनाई जायेंगी। अनगिनत देश की जनता उनकी वीरता को प्रदर्शित करने वाले गीतों के बोल सर्वत्र सभी दिशाओं में गुंजायमान करेंगी तथा आने वाली पीढ़ियाँ उनसे प्रेरणा ग्रहण करेंगी।

शब्दार्थ - निशान = चिन्ह, राष्ट्रध्वज । बलिदान = न्यौछावर । वीरत्व = वीरता। विवेक उचित अनुचित का ज्ञान। समर = युद्ध । गाथायें = कहानियाँ। अनगिन जिसे गिना न जा सके। कंठ = गला। गान = गीत ।

अभ्यास प्रश्नोत्तर

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

1. अभियान गीत से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर-अभियान का अर्थ है, दल-बल सहित चलना अर्थात् हाथों में राष्ट्र ध्वज लेकर कदम-से-कदम मिलाकर, परेड के रूप में चलते हुए गीत गान से है।

2. बालक भारत की मिट्टी की महिमा का गान क्यों कर रहा है ?

उत्तर-बालक भारत की मिट्टी की महिमा का गान कर रहा है, क्योंकि वह हिन्दुस्तान की मिट्टी में खेल कर बड़ा हुआ है। अपने देश के प्रत्येक कण से उसे प्यार है। भारत माँ सभी से ममता और समानता का व्यवहार करती है। इसकी रज से हमारा जन्म-जन्मान्तर का सम्बन्ध है, उसके अहसान का कर्ज चुकाना है।

3. सैनिक देश के लिए क्या प्रतिज्ञा करते हैं ?

उत्तर-सैनिक देश के लिए यह प्रतिज्ञा करते हैं कि हम ज अपना बलिदान दे देंगे किन्तु हमारे प्रतीक चिन्ह राष्ट्रीय ध्वज का अपमान नहीं होने देंगे। हम मिट जायेंगे किन्तु हमारे प्यारे देश हिन्दुस्तान को मिटने नहीं देंगे। समय आने पर राष्ट्र के लिए हम । अपना बलिदान देने को तत्पर रहेंगे।

4. अनेकता में एकता, यह भारत की विशेषता है। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-अनेकता में एकता यह भारत की विशेषता है, क्योंकि यहाँ पर अलग-अलग धर्मों को मानने वाले, जाति वाले, भाषा बोलने वाले, वेष-भूषा पहनने वाले लोग रहते हैं। फिर भी राष्ट्रहित की बात आती है तो वे संगठित हो जाते हैं।

5. भारत माता के बेटे सीना तानकर चलने की बात  क्यों करते हैं ?

उत्तर-भारत माता के बेटे सीना तानकर चलने की बात इसलिए करते हैं क्योंकि भारत की सांस्कृतिक विरासत एवं गौरव- - शाली अतीत पर उन्हें गर्व है।

6. भारत माता के बेटों पर उनकी माता के क्या कर्ज हैं, जिन्हें वे चुकाना चाहते हैं ?

उत्तर-भारत माता की मिट्टी में हमने जन्म लिया है, यहीं पर खेल कर बड़े हुए हैं। हमारा पालन-पोषण हुआ है। भारत माँ के रजकण के एहसान का हम पर कर्ज है, जिसे हम चुकाना चाहते हैं।

7. मातृभूमि की रक्षा के लिए सैनिक क्या-क्या करते हैं?

उत्तर-मातृभूमि की सुरक्षा के लिये देश के वीर जवान परिश्रम रूपी सुमन चढ़ाते हैं। भारत जननी के गौरव की रक्षा के लिए अनगिनत शीश (बलिदान) चढ़ाते हैं।

8. सैनिक खुद मिटकर देश के किन निशानों को बचाना चाहते हैं ?

उत्तर - सैनिक खुद मिटकर देश के निशान अर्थात् राष्ट्रीय आन, बान और शान के प्रतीकों को जैसे कमल, सिंह (व्याघ्र), तिरंगा ध्वज, राष्ट्रगीत, राष्ट्रगान, राष्ट्रीय चिन्ह (अशोक) आदि को बचाना चाहते हैं।

9. कवि सैनिकों की वीर गाथा को गाँव, नगर, घर तक क्यों पहुँचाना चाहता है ?

उत्तर-कवि सैनिकों की वीर गाथा को गाँव, नगर, घर तक इसलिए पहुँचाना चाहता है क्योंकि आने वाली पीढ़ी भी उनके बलिदान को न भूले और ये पीढ़ियाँ भी अपनी भारत माता पर गर्व करे। उनकी रक्षा के लिए प्राण देने को तैयार रहें।

10. बालक भारत की मिट्टी की महिमा का गान किस तरह कर रहा है ? अपनी भाषा में लिखिए।

उत्तर- भारत की मिट्टी की महिमा का गान करते हुए बालक कहता है कि हम इसी मिट्टी में पले-बढ़े, खेले-कूदे हैं, इस मिट्टी से हमें प्यार है और हम इसी से समानता की सीखसीखे हैं। 

  पाठ से आगे- 

1. भारत की सुरक्षा के लिए सैनिक सदैव तत्पर रहते हैं। अगर आपको देश के लिए कुछ करने का अवसर मिल जाये तो आप कौन-सा काम करना चाहेंगे ?

उत्तर-यदि मुझे देश के लिए कुछ करने का अवसर प्राप्त होगा तो मैं देश के सम्मान की रक्षा करूँगा एवं देश के दुश्मनों का डटकर मुकाबला करूँगा भले ही इस कार्य में मेरे प्राण न्योछावर हो जाये।

2. किसी सैनिक या फौजी को देखकर आपके मन में उनके परिवार वालों के प्रति कौन-से भाव आते हैं ? उन भावों को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर - धन्य है वे परिवार जिन्होंने अपने परिवार के इस लाल को भारत माता की रक्षा के लिए सहर्ष समर्पित कर दिया उनके प्रति मेरा सम्मान, प्रेम बढ़ जाता है।

3. अपने देश के प्रति हम सभी के क्या कर्त्तव्य हैं ? वैसे ही अपने विद्यालय के प्रति भी हमारे कर्त्तव्य है। कोई चार कर्त्तव्य जो अपने विद्यालय के प्रति निष्ठापूर्वक करना चाहते हैं, उन्हें लिखिए।

उत्तर- अ. विद्यालय की स्वच्छता पर ध्यान रखना।

ब .विद्यालय के अनुशासन का पालन करना।

स. विद्यालय में उपलब्ध सामग्री (सामान) का सही उपयोग एवं सुरक्षा करना।

द. विद्यालय के सम्मान बढ़ाने का प्रयास करना।

4. देश की रक्षा करने वाले फौजी वर्दी पहनते हैं। वर्दी पहनने के क्या कारण हो सकते हैं? अपने विचार लिखिए।

उत्तर- सैनिकों को वर्दी एक अलग पहचान दिलाता है जिसके कारण सैनिकों को वर्दी पर गर्व होता है। उनकी वर्दी में देशभक्ति, निष्ठा, त्याग की भावना समाई हुई होती है। लोग उन्हें सम्मान प्रदान करते हैं। इसको पहनने से सैनिकों में गर्व की भावना बढ़ जाती है।

5. राष्ट्र के प्रति नागरिकों के क्या-क्या कर्त्तव्य हैं ? उन्हें लिखिए।

उत्तर-हमें राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करना चाहिए। जब राष्ट्रगान चल रहा हो तो सावधान की स्थिति में खड़ा होकर उनका सम्मान करना चाहिए। राष्ट्र की सम्पत्ति की सुरक्षा एवं देश की एकता व अखण्डता को बनाये रखना चाहिए।

भाषा तत्व एवं व्याकरण

प्रश्न 1. कविता में आये निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

शीश कटाना, सीना तान कर चलना, कर्ज चुकाना, बलिदान देना।

उत्तर- शीश कटाना- प्राणों का बलिदान देना।

वाक्य - देश की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने अपने शीश कटाए हैं। 

सीना तान कर चलना = गर्व से चलना।

वाक्य - हम सब भारत माता के बेटे सीना तान कर चलते हैं।

कर्ज चुकाना = अहसान मानना, ऋण चुकाना।

वाक्य - बच्चों को माता-पिता का कर्ज चुकाना चाहिए।

बलिदान देना = प्राण न्यौछावर करना।

वाक्य - भगत सिंह ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे दिया।

प्रश्न 2. हाँ-नहीं, उत्तर वाले पाँच प्रश्नवाचक वाक्य सोचकर लिखिए -

उत्तर - 

 (1) क्या छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर है ?

(2) क्या अंग्रेजी भारत की भाषा है ?

(3) क्या रूस हमारा मित्र देश है ?

(4) क्या भारत में सफेद शेर पाये जाते हैं ?

(5) क्या आप विदेश जाना पसंद करते हैं ?

प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिये - पर्वत, सागर, वन, फूल।

उत्तर-पर्वत-पहाड़, अचल, शैल, भूधर

सागर-समुद्र, रत्नाकर, जलनिधि, वारिधि

वन-जंगल, कानन, विपिन

फूल-पुष्प, सुमन, कुसुम, प्रसून।

प्रश्न 4. निम्नलिखित उदाहरणों को पढ़कर योजक चिन्हों वाले ऐसे ही पाँच शब्द छाँटकर लिखिये।

जैसे- माता-पिता, गौरव-गाथा।

उत्तर-सागर-तट, खेले-खाये, ममता-समता, गौरव-मान, देश-निशान, वीरत्व-विवेक ।

प्रश्न 5. निम्न शब्दों के का बहुवचन लिखिए -

गाथा - गाथाएं 

कथा - कथायें

माता- माताएँ

लत- लतायें

माला- मालाएँ

सेना- सेनायें

विपदा- विपदाएँ

कामना- कामनायें।

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