हिंदी कक्षा 8वीं पाठ 3 अब्राहम लिंकन का पत्र/Abraham Lincoln

पाठ 3 अब्राहम लिंकन



 प्रश्न अभ्यास

1. अब्राहम लिंकन कौन थे? उन्होंने किसे पत्र लिखा?

उत्तर– अब्राहम लिंकन अमेरिकी राष्ट्रपति थे। उन्होंने अपने पुत्र के शिक्षक को पत्र लिखा।

2. अब्राहम लिंकन ने अपने पत्र में किस तरह के व्यक्तियों के बारे में लिखा है?

उत्तर–दुनिया में जैसे अच्छे लोग होते हैं वैसे ही बदमाश लोग भी होते हैं। कोई स्वार्थी राजनीतिज्ञ है तो कोई जनता के हित में काम करने वाले देश प्रेमी। अगर हमारे दुश्मन होते हैं, तो हमारे दोस्त ही होते हैं। इन व्यक्तियों के बारे में अब्राहम लिंकन ने अपने पत्र में लिखा है।

3. किताबों की मनमोहक दुनिया के साथ-साथ प्रकृति की सुंदरता को निहारने की सलाह लिंकन ने क्यों दी है?

उत्तर–अब्राहम लिंकन कहते हैं कि किताबों की मनमोहक दुनिया के साथ-साथ उसे प्रकृति की सुंदरता, नीले आसमान में उड़ते पक्षी, सुनहरी धूप में मधुमक्खियां और पहाड़ के ढलानों पर खिलखिलाते जंगली फूलों की हंसी को भी निहारने दे, क्योंकि किताबों की दुनिया जैसे मनमोहक होती है, वैसे ही यह प्रकृति मनमोहक होती है। इससे भी हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। प्रकृति जैसी सुंदर होती है हमें भी वैसे ही सुंदर होना है।

4. अमेरिकी राष्ट्रपति की स्कूल से क्या अपेक्षा आए हैं और क्यों?

उत्तर–अमेरिकी राष्ट्रपति के स्कूल से यह अपेक्षा है कि उनके पुत्र को इस पाठशाला से यह सब सिख मिले कि उसे हार मिले तो उसे दुखी नहीं होना है।जीत में खुश होना भी सिखाए। वैसे ही अपने मुसीबतों को हंसकर टालना सिखाएं। नकल करके पास होने से फेल होना बेहतर है क्योंकि जब हम हारते हैं तब भी हम बहुत कुछ सीखते हैं।

5. अमेरिकी राष्ट्रपति शिक्षक के माध्यम से अपने पुत्र को क्या-क्या से सिखलाना चाहते थे?

उत्तर– अमेरिकी राष्ट्रपति शिक्षक के माध्यम से अपने पुत्र को ऐसी शिक्षा देना चाहते हैं, जिससे वह अच्छा इंसान बन सके। बदमाश लोगों से दूर रह सके। वह यह जान ले की दुनिया में जैसे बदमाश लोग होते हैं, वैसे अच्छे इंसान भी होते हैं। अगर स्वार्थी राजनीतिज्ञ होते हैं तो जनता के हित में विचार करने वाले देश प्रेमी भी होते हैं। अगर दोस्त होते हैं तो दुश्मन भी होते हैं। मुसीबतों को हंसकर टालना सिखाएं, वह अपना अलग रास्ता बनाना सीखे। दुख में भी वह हंसता रहे, अगर रोना चाहे तो वह रो ले। यह सब बातें अमेरिकी राष्ट्रपति शिक्षक के माध्यम से अपने पुत्र को सिखलाना चाहते थे।

6. प्रकृति की सुंदरता का चित्रण अब्राहम लिंकन ने किस प्रकार किया है?

उत्तर–प्रकृति की सुंदरता, निले आसमान में उड़ते आजाद पक्षी, सुनहरी धूप में गुनगुनाती मधुमक्खियां और पहाड़ के ढलनों पर खिलखिलाते जंगली फूलों की हंसी इन शब्दों में प्रकृति की सुंदरता का चित्रण अब्राहम लिंकन ने किया है।

7. “नकल करके पास होने के बजाय फेल होना बेहतर है” अब्राहम लिंकन ने ऐसा क्यों कहा है क्या आप इस कथन से सहमत है?

उत्तर– नकल करके पास होने के बजाय फेल होना बेहतर है ऐसे अब्राहम लिंकन कहते हैं, क्योंकि जब हम नकल करके पास होते हैं तो हमें उस विषय का ज्ञान नहीं होता और जो ज्ञान मिलता है उसका हम इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसके बजाय फेल होना ही अच्छा है। नकल करना यह गलत बात है। हम जब गुरु  सिखा रहे होते हैं, तो हम उस पर ध्यान नहीं देते। हम उसका अभ्यास नहीं करते और अगर हम नकल करके पास होते हैं तो यह बाकी विद्यार्थियों पर अन्याय करने जैसा होता है। यह सफलता जीवन में टिकती भी नहीं है। गलत कार्य करो ऐसा हमें कोई नहीं सिखलाता।

8. मेहनत से कमाया एक पैसा भी हराम में मिली नोटों की गड्डी से कहीं अधिक मूल्यवान होता है। आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर– जब हम मेहनत करते हैं और धन कमाते हैं तो उससे हमें खुशी मिलती है। समाधान मिलता है। लेकिन जब हम गलत कार्य करके पैसे लाते हैं तो उसका कोई मूल्य नहीं होता। गलत कार्य करके हमें खुशी नहीं मिलती और अगर मिलती भी है तो वह खुशी जल्द ही खत्म हो जाती है। उसका कोई महत्व नहीं होता। मेहनत से कमाया हुआ धन इसका महत्व उससे ज्यादा होता है।

9. लिंकन अपने बेटे को निम्नलिखित बातों से खिलाने के लिए गुरुजी पर जोर क्यों दे रहे थे?

क. बदमाशों को करारा जवाब देना सिखाने के लिए

उत्तर –जब हम पाठशाला से बाहर निकलकर अपनी जिंदगी से जीना शुरु कर देंगे, तब हमारा सामना अच्छे और बुरे इन दोनों लोगों से होगा। उस वक्त हमें अच्छे लोगों से कैसे बात करनी है और बुरे लोगों को बदमाशों को जवाब कैसे देना है यह समझ जाना चाहिए।

ख. भीड़ से अलग होकर रास्ता बनाने की हिम्मत के लिए

उत्तर–सभी लोग इकट्ठा एक भीड़ में चल रहे हैं तो उस भीड़ से अलग होकर हमें हमारा अलग रास्ता चुनना चाहिए। हमें हमारा अलग लक्ष्य तय करना चाहिए। तभी हमारी पहचान बनेगी।

ग. अपनी आत्मा और अपने ईमान को कभी न बेचने के लिए

उत्तर– हमें कोई भी गलत कार्य करना नहीं चाहिए। अगर हम ऐसे करते हैं तो हम हमारी आत्मा और ईमान को बेच देते हैं। यही इसका अर्थ होता है। हमारे जीवन में हम एक लक्ष्य तय करते हैं। उस तक पहुंचने के लिए हमें कभी भी गलत रास्ते को नहीं चुनना चाहिए। हम अपनी मेहनत से उस लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं और रास्ते में आने वाली समस्याओं का सामना भी कर सकते हैं।

घ. चाटूकारों से सावधान रहने के लिए

उत्तर–हमारे आसपास बहुत ऐसे ही लोग होते हैं जो हमारा भला नहीं चाहते। ऐसे लोगों से हमें सावधानी बरतनी चाहिए ।आंखें बंद करके इन पर विश्वास नहीं करना चाहिए। यह लोग हमें कभी भी सही जानकारी नहीं देते और किसी और को भी हमारी मदद नहीं करने देते।

पाठ से आगे

1. पत्र में लिंकन ने गुरुजी से अपनी अपेक्षाएं बताई है। आपकी भी अपने गुरु जी से अधिक अपेक्षाएं होंगी। उन्हें साथियों से बातचीत कर लिखिए और कक्षा में सुनाइए।

उत्तर–हर एक चीज से कि अपने गुरु जी से या फिर हर एक माता पिता के अपने पुत्र के गुरुजी से यही अपेक्षाएं होती है कि वे उसे सिर्फ किताबी बाते ना सीखा कर उसे जीवन के हर एक बात सिखाएं। जीवन जीने के लिए जो नियम होते हैं वह हमें गुरुजी सिखाएं ताकि आगे जाकर हम अपने जीवन में आगे बढ़ पाए। हर एक समस्या का समाधान कर पाए।

2. अपने आस पास बहुत से लोगों को आप सामान्य बातचीत में कहते सुनते हैं कि ‘वह एक नेक या सच्चा इंसान है’ आप अपने अनुमान अनुभव और समझ से ऐसे लोगों की खासियत को लिखिए।

उत्तर– सच्चे इंसान कि खासियत यही है की, वह सबके साथ अच्छा बर्ताव करता है, उसका व्यवहार सबके साथ मैत्रीपूर्ण होता है।वह दिलका भी सच्चा होता़है। किसीके बारे में वह बुरी बाते नहीं सोचता। सबसे मानवतापुर्ण व्‌यवहार करता है। खुद के साथ साथ वह दुसरों णा भी भला करता है।

3. अब्राहम लिंकन मानते थे कि शिक्षक छात्रों को आदर्श नागरिक बना सकता है। आपके विचार से शिक्षक के अलावा कौन से लोग हो सकते हैं जो एक छात्र को आदर्श नागरिक बनवाने में सहयोग कर सकते हैं और कैसे? विचार कर लिखिए।

उत्तर–हम जिस समाज में रहते वो समाज, माता- पिता, दोस्त, बुजुर्ग, आस – पडोस के लोग, यह सभी एक छात्र को आदर्श नागरिक बनवाने में सहयोग कर सकते हैं । क्यों की यही लोग सबसे ज्यादा हमारे संपर्क में आते है। इन्हें देखा कर और इनकी बातों से हम कुछ ना कुछ सिखते रहते हैं।

4. पाठ में लिंकन ने जिन गुणों की चर्चा की है उसमें से जो गुण आपको अच्छे लगते हैं उन को शामिल करते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए। पत्र में यह भी बताइए कि वह गुण आपको अच्छे क्यों लगते हैं?

 उत्तर–

राजेश  गुप्ता

अकलतरा

19.02.2024

 

प्रिय मित्र मनोज,

नमस्ते

 

मित्र  मनोज तुम्हारी बहुत याद आती है। जब से मैंने अकलतरा छोड़ा  है, और मेरे गांव में आकर रहने लगा हूं तब से हमने जो मस्ती की है, हर काम में, हर कठिन समय में तुमने जो मेरी मदद की है वह सब बातें मुझे याद आती है। यहा भी मेरे बहुत अच्छे मित्र बन गए हैं जिनका व्यवहार तुम्हारे जैसा ही है। मेरा एक मित्र है जिसका नाम आनंद है। वह बहुत अच्छा है। सबके साथ घुल-मिलकर रहता है। सबकी मदद करता है। बहुत होशियार भी है। पूरे पाठशाला में आनंद सबकी मदद करता  है। इस वजह से सब उसे जानते है। बडों से नम्रता से बात करता है। साहसी भी है। एक छोटे बच्चे की जान भी उसने बचाई थी। इसलिए उसे पूरे पाठशाला में सम्मानित भी किया था।

मैंने उससे बहुत सारी बातें सीखी है तुम जब मुझे मिलने आओगे तो मैं तुम्हारी उससे पहचान करा दूंगा। तुम्हारे साथ भी उसकी अच्छी दोस्ती हो जाएगी। काका काकी को मेरा नमस्ते कहना और मुझे पता भी भेजते रहना।

तुम्हारा मित्र रमेश

भाषा से

आपके पाठ्यपुस्तक के अन्य अध्याय हुए कई और प्रकार के विराम चिन्हों का उल्लेख और प्रयोग हुआ है उन्हें पहचान में और शिक्षक की सहायता से वाक्य में उनका प्रयोग कीजिए।

अल्पविराम (,) स्नेह, वर्ण, राशि, धूल

पूर्णविराम (।) मैं अपने पुत्र को शिक्षा के लिए आपके हाथों सौप रहा हूं।

निर्देशक चिन्ह-  बहुत बड़े शहरों में घूमने जाना चाहता था जैसे- मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, पुणे

प्रश्नार्थक चिन्ह- तुमने खाना खाया क्या?

विस्मयसूचक चिन्ह- अरे! यह तुमने क्या कर दिया?

अवतरण चिन्ह- “ओह -आओ आओ; अंदर आ जाओ।”

विकल्प चिन्ह- वह पत्र लड़का/ लड़की ने लिखा होगा।

योजक चिन्ह- वह गांव में एक साथ घूमते-फिरते थे।

2. पाठ से इसी तरह के वाक्यों का चुनाव करें जो वचन के भेदों को स्पष्ट करती है।

उत्तर–

एक वचन

अब तो जैसे पूरा दादा ही बन गया है।

उसे हारना सिखाएं और जीत में खुश होना भी सिखाए।

मैंने अपने पत्र में बहुत कुछ लिखा है

बहुवचन

सभी लड़की तालियां बजाने लगे।

सभी उससे बात करने में कतराते थे

सब लोग भेड़ों की तरह एक ही रास्ते पर चल रहे है।

3. इन शब्दों को शुद्ध रूप में लिखिए-

उत्तर–

न्यायप्रीय- न्यायप्रिय

अडीग -अडिग

दुस्मन- दुश्मन

मूसिबत- मुसीबत

धुप-‌धूप

निहारने- निहारने

4. नीचे दिए हुए शब्दों में ज्ञ प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए उनके अर्थ लिखिए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

उत्तर–

गणित- गणितज्ञ

आर्यभट्ट एक बड़े गणितज्ञ थे।

शास्त्र-शास्त्रज्ञ

अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति थे जो एक शास्त्रज्ञ भी रह चुके हैं।

धर्म -धर्मज्ञ

हमारे पड़ोसी अपने धर्म का पालन बड़ी कठोरता से करते हैं वह एक धर्मज्ञ है।

मर्म -मर्मज्ञ

अल्प-अल्पज्ञ

अल्पज्ञ लोगों को अपने जीवन में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

5. जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा यह बनाई जाती है। जैसे- मनुष्य से मनुष्यता। निम्नलिखित जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञाए बनाइए।

उत्तर–

पशु –  पशुता

देवता – देवत्व

गुरु – गुरुत्व

मित्र-मित्रता

Post a Comment

0 Comments