हिंदी कक्षा 8वीं पाठ 2 एक नई शुरुआत

पाठ 2 एक नई शुरुआत



1 . श्रीकांत को कक्षा का मॉनिटर क्यों बनाया गया?

उत्तर–कक्षा के 85% लड़कों ने श्रीकांत का समर्थन किया है। इसीलिए श्रीकांत को मॉनिटर बनाया गया।

2. श्रीकांत को मॉनिटर बनाए जाने पर सुधीर की क्या प्रतिक्रिया थी?

उत्तर–कक्षा के अध्यापक जी ने श्रीकांत को मॉनिटर बनाए जाने की घोषणा की। तब सभी लड़कों ने तालियां बजाई। लेकिन सुधीर उसे तिरछी आंखों से देखने लगा। श्रीकांत की नजर जब सुधीर पर पड़ी तो सुधीर ने अकड़कर गर्दन दूसरी ओर घुमा ली।

3. श्रीकांत को कक्षा के साथी सुधीर से किस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा थी?

उत्तर–अध्यापक ने श्रीकांत को मॉनिटर बनाए जाने की घोषणा की, तब सुधीर उसे तिरछी नजरों से देखने लगा। जब श्रीकांत की नजर उस पर पड़ी तो सुधीर ने अपनी गर्दन अकड़कर दूसरी तरफ घुमा ली। श्रीकांत को अपने दोस्त से इस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा नहीं थी। उसे लगा सभी दोस्तों की तरह वह भी अध्यापक जी के इस निर्णय से खुश हैं।

4. सुधीर मन ही मन श्रीकांत से ईर्ष्या क्यों करता था?

उत्तर–श्रीकांत  छः महीने पहले ही उस शहर में आया था। उसने अपनी होशियारी और अच्छे व्यवहार से सभी दोस्तों का मन और अध्यापक जी का मन भी जीत लिया था। लेकिन सुधीर आंकडु और गुस्सैल स्वभाव का था। श्रीकांत को सभी लोग पसंद करते थे। शायद इसीलिए सुधीर मन ही मन में श्रीकांत से ईर्ष्या करता था।

5. किस घटना के बाद सबने सुधीर से बात करना कम कर दिया था?

उत्तर–जब सुधीर आठवीं कक्षा में था। तब वह गलत संगत में पड़ गया। शरारती तो वह बचपन से ही था। इसीलिए अध्यापक जी ने उसे सजा के रूप में सबके सामने स्टेज पर खड़ा कर दिया। इस घटना के बाद सबने सुधीर से बात करना कम कर दिया था।

6. सुधीर के बारे में छात्रों और शिक्षकों की क्या मान्यताएं थी?

उत्तर–सुधीर का स्वभाव गुस्सैल आंकड़ु था। वह शरारती तो था ही। लेकिन उसकी संगत भी बहुत बुरी थी। इसीलिए सुधीर एक बिगड़ा हुआ लड़का है ऐसे छात्रों और शिक्षकों की मान्यताएं थी।

7. सुधीर ऐसा कौन सा काम करता था जिससे श्रीकांत को मॉनिटर काम संभालने में परेशानी होती थी?

उत्तर–सुधीर एक बिगड़ैल लड़का थाl सब को परेशान करना उसे अच्छा लगता थाl वह शरारती तो था ही, लेकिन उसकी संगत भी बुरी थी। जब श्रीकांत अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभा रहा था, सुधीर उसको परेशान करने का एक मौका तक नहीं छोड़ता था। जब श्रीकांत ब्लैक बोर्ड साफ करके उस पर लिखने के लिए चौक लेने जाता था तब सुधीर बोर्ड पर जाकर अलग अलग कार्टुन्स बनाता था और अध्यापक आने से पहले वह और उसके दो साथी क्लास में इतनी शोर मचाते थे कि मॉनिटर को डांट खानी पड़ती है। इस वजह से श्रीकांत को मॉनिटर का काम संभालने में परेशानी होती थी।

8. सुमेश की बात सुनने के बाद श्रीकांत की सुधीर की गिरावट के लिए किस को उत्तरदाई मानता है और क्यों?

उत्तर–सुधीर का बर्ताव जब श्रीकांत को अजीब लगने लगा तब श्रीकांत को सुमेश ने सब बाते बताई। सुधीर ऐसा अजीब बर्ताव क्यों करता है यह सुमेश ने श्रीकांत को बताया। उसकी बात सुनकर श्रीकांत सोचने लगा उसे यह लगाकर सुधीर ऐसा अजीब बर्ताव करता है इसके पीछे कक्षा के लड़के लड़कियां और अध्यापक जी इन सभी का हाथ है। सुधीर को हमेशा ही डाँट  मिली थी। प्रार्थना के समय उसे पूरे स्कूल के सामने खड़ा कर दिया गया। यह विद्यार्थी के लिए अपमानास्पद बात है। इस वजह से उसका स्वभाव ऐसा बन गया है।

9. सुधीर पर विश्वास करके श्रीकांत ने उस में क्या परिवर्तन लाया?

उत्तर– श्रीकांत ने सुधीर पर विश्वास दिखाया और उसमें परिवर्तन लाने की ठान ली। उसमें सुधीर को उसके क्षमता अनुसार काम दिए जो उसने बखूबी पूरे कर दिए। श्रीकांत का यही विश्वास काम आ गया और सुधीर दिन पर दिन बदलता गया सुधीर अब गलत बर्ताव नहीं करता था। वह शांत नजर आने लगा।

10. सुधीर के व्यवहार और व्यक्तित्व में कैसे परिवर्तन आया?

उत्तर–श्रीकांत ने सुधीर पर भरोसा दिखाया और उसे महत्वपूर्ण कुछ कार्य सौंप दिए जो सुधीर ने अच्छे से पूरे कर दिए। धीरे-धीरे उसमें परिवर्तन आने लगा। अकड़ कि जगह अब उसने सौम्य भाव पनपने लगा था। अब वह शांत रहने लगा था। उसमें धीरे-धीरे बदलाव नजर आने लगे थे।

11.  सुधीर की आंखों में नमी क्यों उतर आई?

उत्तर– सुधीर शुरुआत से ही शरारती था और गलत संगत में पडकर उसके इस शरारत को बढ़ावा मिल गया था। इस शरारत के लिए सभी अध्यापक ने उसे शिक्षा दी थी। यह अपमानास्पद बात है। इस वजह से सभी छात्रों से दूर रहने लगे थे और इन सब बातों का परिणाम यह हुआ कि सुधीर दिन पर दिन गुस्सेल होता गया। लेकिन श्रीकांत में उस पर विश्वास दिखाया, उसे बहुत सारे महत्वपूर्ण काम करने के लिए कहे। एक दिन लड़कियों को घर जाने के लिए देर हो गई। तो उन लड़कियों को घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी से सुधीर को सौंप दी। श्रीकांत ने सुधीर पर जो विश्वास दिखाया, उसे इस लायक समझा कि वह लड़कियों को सुरक्षित घर पहुंचा सकता है। इसीलिए उसकी आंखों में नमी उतर आई।

12. ‘श्रीकांत उसकी मौन भाषा को बखूबी समझ रहा था’ पंक्ति का भाव अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर– श्रीकांत ने कहा सुधीर अब मॉनिटर होगा। अब मैं यह जिम्मेदारी सुधीर को सौंपना चाहता हूं। यह निर्णय सुनकर सुधीर सकुचाया। लेकिन सभी लड़के तालियां बजाने लगे। सुधीर आंखें झुकाए बैठा था और कृतज्ञता से श्रीकांत को देख रहा था। मानो कह रहा हो कि ‘मुझे इस ऊंचाई तक पहुंचने में तुम्हारा ही हाथ रहा है।’

13. सुधीर का परिवर्तित रूप गीता और सुप्रिया ने कब महसूस किया?

उत्तर– गीता और सुप्रिया को जब सुधीर घर तक पहुंचाने गया था, तब सुधीर ने यह जिम्मेदारी बखूबी निभाई। उस वक्त सुधीर का परिवर्तित रूप गीता और सुप्रिया ने महसूस किया।

पाठ से आगे

1. किसी कक्षा कक्ष में मॉनिटर की क्या भूमिका होती है? परस्पर विचार कर लीजिए।

उत्तर–अध्यापक के अनुपस्थिति में मॉनिटर को पूरा कक्षा संभालना होता है। सभी छात्राओं की समस्याएं सुलझाने होती है। पाठशाला के जो भी नियम है उन नियमों का पालन करवाना भी मॉनेटर की ही जिम्मेदारी होती है। मॉनिटर कक्षा का प्रमुख होता है, इसीलिए उसे खुद भी इन नियमों का पालन करना होता है।

2. कक्षा आठवीं में सुधीर को सजा के रूप में पूरे स्कूल के सामने स्टेज पर खड़ा रखा गया। किसी भी विद्यार्थी को इस प्रकार से सार्वजनिक तौर पर सजा देना आपको कितना उचित लगता है? साथी से बात कर इसके दोनों पक्षों पर अपनी समझ लिखिए।

उत्तर–ऐसा कहते हैं कि छोटे बच्चों का मन संवेदन पूर्ण होता है। उसे हानि पहुंचाना गलत है। इससे बच्चों का बर्ताव बिगड़ जाता है। वह एक तो आक्रमक हो जाते हैं, या फिर शांत शांत रहने लगते हैं। सुधीर को भी सजा के रूप में पूरे स्कूल के सामने स्टेज पर खड़ा कर दिया गया। ऐसे उसे सजा देना गलत बात थी। उसे अच्छी तरह से समझाया जा सकता था। जो व्यवहार श्रीकांत ने सुधीर के साथ किया। अगर वही व्यवहार अध्यापक जी उसके साथ करते तो वह इतना गुस्सैल नहीं बनता।

3. पाठ में आपको एक ही कक्षा और लगभग एक ही उम्र के दो किशोर बच्चों सुधीर और श्रीकांत का व्यवहार देखने को मिलता है। कौन सा व्यवहार आपको आकर्षित करता है और क्यों?

उत्तर–हमें श्रीकांत और सुधीर इन दोनों का व्यवहार देखने के लिए मिलता है। सुधीर एक अकडूं और गुस्सेल लड़का है। बचपन से बहुत शरारती है। उसकी संगत भी अच्छी नहीं है और श्रीकांत एक शांत और बुद्धिमान छात्र है। श्रीकांत ने सुधीर को सही रास्ता दिखाने के लिए जो उसे जो सही लगा वही मार्ग अपनाया। इसके लिए उसने सभी दोस्त और अध्यापक को भी साथ ले लिया। इसका परिणाम यह हुआ यह सुधीर का स्वभाव बदल गया। इसीलिए श्रीकांत का व्यवहार हमें आकर्षित करता है।

4. सुधीर की मां ने बताया कि सुधीर ने चार-  पांच वर्ष पूर्व अपना जन्मदिन मनाना छोड़ दिया था। सुधीर ने ऐसा क्यों किया होगा? साथियों से वार्तालाप कर कल्पना अथवा अनुमान से इस प्रश्न का उत्तर लिखिए।

उत्तर–सुधीर बहुत शरारती था और वह गलत संगत में पड़ गया था। इसलिए सभी अच्छे दोस्त उससे दूर ही रहते थे। वह अकेला था। इस वजह से उसने अपना जन्मदिन मनाना छोड़ दिया था।

5. कल्पना कीजिए आप अगर श्रीकांत के स्थान पर कक्षा के मॉनिटर होते और आपके किसी साथी का आपके प्रति व्यवहार सुधीर की तरह होता तो आप क्या करते? उन्हें लिखिए।

उत्तर–अगर श्रीकांत के स्थान पर हम उस कक्षा के मॉनिटर होते, तो हम पहले जानने की कोशिश करते के हमारा मित्र सबके साथ ऐसा बर्ताव क्यों कर रहा है और यह जानने के बाद हम उसका हल ढूंढ लेते और इसका बर्ताव बदलने की कोशिश करते।

भाषा से

1. पाठ में आया है कि ‘सुधीर को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला’ जो गुणबोधक विशेषण है।  गुणवाचक विशेषण में प्रायः एक तुलना का भाव देखने को मिलता है जैसे – श्रेष्ठ (मूल अवस्था) श्रेष्ठतर (उत्तर अवस्था अर्थात दो विशेष्यों में तुलना भाव) श्रेष्ठतम (उत्तम अवस्था अर्थात सभी विशष्यों में सबसे अच्छा) उत्तर और उत्तम अवस्था उनके बोधक संस्कृत के तर और तम् प्रत्यय है। इन तथ्यों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित शब्दों को तीनों गुणबोधक विशेषण स्वरूप को बदलते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए- उच्च, वृहत, गुरु, प्राचीन, लघु, अधिक

उत्तर–

उच्च- उच्चतर- उच्चतम्

वृहत- ‌वृहत्तर- वृहतम्

गुरु- गुरुतर-‌ गुरुतम्

प्राचीन- प्राचीनतर-‌ प्राचीनतम्

लघु-‌लघुतर – लघुतम्

अधिक- अधिकतर-‌अधिकतम्

2. निम्नलिखित तालिका में दिए गए विशेषणों से भाववाचक संज्ञाए बनाएं। एक उदाहरण आपके लिए हल किया गया है।

उत्तर–

विशेषण   भाववाचक संज्ञा

गहरा       गहराई

बड़ा          बड़ाई

गुरु          गुरुत्व

सुंदर          सुंदरता

मधुर           मधुरता

3. आपने तत्सम तद्भव देशज और विदेशी शब्दों के बारे में पढ़ा है। पाठ में गुस्सैल और अक्खड़ शब्द का प्रयोग हुआ है जो देश है अर्थात वैसे शब्द जिनका जन्म था स्थानीय तौर पर हुआ है। पाठ से और अपने स्थानीय परिवेश में प्रयुक्त ऐसे पांच शब्दों को चुनकर वाक्य में प्रयोग कीजिए जो देशज शब्द कहलाते हैं।

उत्तर–

संगत – हमारी संगत अच्छी होनी चाहिए।

पात्र-  नाटक में सभी पात्र अच्छे थे।

लगन-‌ हमें हमारा अभ्यास बड़ी लगन से करना चाहिए।

बदमाश – पाठशाला से घर जाते हो बहुत सारे बदमाश लड़के घुमते हुए  दिखते हैं।

भीड़-  त्योहारों के दिनों में रास्ते पर बहुत भीड़ होती है।

4.  इस पाठ में निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग हुआ है-

तिरछी आंखों से घूरना, बात करने में कतराना, हाथ धोना, फटी – फटी आंखों से देखना। पाठ में इन मुहावरों से बने वाक्यों को तलाश कर लिखिए। फिर इन मुहावरों का अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए।

उत्तर–

तिरछी आंखों से घूरना- कक्षा में सिर्फ सुधीर ही ऐसा लड़का था जो तिरछी आंखों से श्रीकांत को घूर रहा था।

राधा जब नृत्य के प्रतियोगिता में पहली आई तब कई लोगों से घूर रहे थे।

बात करने में कतराना-  सभी उससे बात करने में कतराते थे।

गांव के सभी लोग गांव के मुखिया से बात करने में कतराते हैं।

हाथ धोना- उसे लगा सुधीर को ही गिरावट की इस हद तक पहुंचाने में शायद कक्षा के लड़के लड़कियां और अध्यापक सभी का हाथ है।

सरकार मुफ्त में धान बांट रही थी इसमें कई लोगों ने अपने हाथ धो लिए।

फटी – फटी आंखों से देखना- श्रीकांत की बात पर सुधीर फटी फटी आंखों से श्रीकांत को देखने लगा।

बच्चे बहुत दिनों बाद घर आ रहे थे इसीलिए मां उनको फटी फटी आंखों से देखने लगी।

5. ‘अक्खड़’ विशेषण शब्द है। इसमें बाज जोड़कर अक्खड़बाज बना है। बाज का अर्थ व माहिर होने के भाव से है। आप भी किन्ही दो अन्य शब्दों में बाज जोड़कर नए शब्द बनाइए और उनका अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए।

उत्तर–

शेखीबाज-  मणि भैया बहुत शेखीबाजी करते हैं।

बल्लेबाज – महेंद्र सिंह धोनी अच्छी बल्लेबाजी करते हैं।

धोखेबाज- सभी लोगों पर विश्वास नहीं करना चाहिए कहीं लोग धोखेबाज भी होते हैं।

6. इस कहानी को संक्षेप में अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर–

श्रीकांत बड़ा होशियार लड़का था। इसलिए बाकी छात्राओं ने और अध्यापक जी ने मिलकर उसे मॉनिटर बनाया। लेकिन सुधीर इस बात से जलने लगा। वह बहुत गुस्से लड़का था और वह बिगड़ा हुआ भी था। जब श्रीकांत अपना कार्य अच्छे से जिम्मेदारी पूर्ण करता था तब सुधीर और उसके साथी मिलकर श्रीकांत को सताया करते थे। इसका परिणाम यह होता है बहुत सारे अध्यापक आकर श्रीकांत को डाट कर चले जाते। सुधीर ऐसा बर्ताव क्यों करता है, इसके पीछे क्या कारण है, यह सब बातें श्रीकांत ने ढूंढ ली और आखिर में सुधीर को बदलने का निश्चय उसने कर लिया। जब स्कूल का वार्षिक उत्सव मनाया जा रहा था तब श्रीकांत ने मुख्य पात्र के लिए सुधीर का चयन किया। अध्यापक इस बात पर संदेह प्रकट करने लगे। लेकिन श्रीकांत उनकी बात काट कर बोला कि मुझे सुधीर पर पूरा भरोसा है। नाटक का अभ्यास करते करते एक दिन अंधेरा छाने लगा। तब श्रीकांत ने गीता और सुप्रिया को घर छोड़ने की जिम्मेदारी सुधीर पर दे दी और उसमें एक जिम्मेदारी की भावना पैदा की। वार्षिक उत्सव में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार सुधीर को मिल गया और उसके चेहरे पर गर्व का भाव था। उसके बाद कई छात्रों स्कूल की ओर से पिकनिक पर जा रहे थे। उस पिकनिक की फीस जमा करने की जिम्मेदारी श्रीकांत ने सुधीर को सौंप दी। सुधीर ने यह जिम्मेदारी भी अच्छे से निभाई। सुधीर का स्वभाव अब बदलने लगा था। जब सुधीर का जन्मदिन था, तब श्रीकांत ने उसके दोस्तों के साथ मिलकर उसके घर जाने का निश्चय किया। सारे दोस्तों को अपने घर पर देखकर सुधीर अचंभित हो गया। तभी सुधीर की मां आकर बोली से सुधीर में चार-पांच साल से जन्मदिन ही मनाया नहीं था। तुमने अच्छा किया कि तुम यहां पर आ गए। अगले दिन श्रीकांत में अध्यापक जी से कहा कि मुझे मॉनिटर बने हुए तीन माह हो गए हैं। अब मुझे यह जिम्मेदारी सुधीर को सौंपनी है। तब सुधीर आंखें झुका कर बैठा था। बीच-बीच में वह अपनी कृतज्ञता पूर्ण सर श्रीकांत पर डाल रहा था और श्रीकांत भी उसकी भाषा समझ रहा था।

Post a Comment

0 Comments