चर्तुदश: पाठ:
नीतिनवनीतम्
प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिये:-
( क) क: वस्तुत: जीवति?
- यस्मिन जीवति बहवः जन्तव: जीवन्ति वस्तुत: जीवति |
(ख) कान् सुप्तान् प्रबोधयेत्?
- विधार्थी, सेवक: , पान्थ:, क्षुधार्तो, भयकर:, भण्डारी प्रतिहारी च एतान् सप्त सुप्तान् प्रबोधयेत् |
(ग) के पच्चदुर्लभा:?
- जननी, जन्मभूमि:, जाह्नवी, जनार्दन: जनकश्च पच्चदुर्लभ: |
( घ) कस्य धु्वाणि नश्यन्ति?
- य:धु्वाणि परित्यज्य अधु्वाणि निषेवते तस्य धु्वाणि नश्यन्ति|
(ड.) प्रियवाक्यं किमर्थं वक्तव्य?
- प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे जन्तव: तुष्यन्ति अत: प्रिय वक्तव्यं |
(च) विधार्थिभि: कति दोषा: त्यज्या:?
-कामं, क्रोधं,तथा लोभं,स्वादं,श्रृगार कौतुके अतिनिद्रां, अतिसेवां च विघार्थिभि: त्याज्या:|
2. नीचे लिखे वाक्यों के सामने सही गलत लिखिए:-
(क) काक: चञ्चवा उदरं पूरयति। सही
(ख) अधु्वाणि सेवनीय:। गलत
(ग) पञ्चजकारा: दुर्लभ:। सही
(घ) विघार्थिना अतिनिद्रा कर्तव्या ।गलत
(ड.) शठं मित्रं मृत्यु कारणं भवति। सही
पाठ का वीडियो देखने के लिए Click Here
संधि कीजिये और नाम लिखिए:-
(क) काक: + अपि= काकोsपि विसर्ग संधि
(ख) स्व+ उदर: = स्वोदर: गुणस्वरसंधि
(ग) पञ्चम: + च+ एव = पञ्चमश्चैव विसर्ग संधि
संधि विच्छेद कर प्रकार बताइये:-
क्षुधार्त: = क्षुधा+ आर्त दीर्घ संधि
तस्मात्तदेव: = तस्मात्+ तत+ एव व्यंजन संधि
भृत्यश्चोत्तरदायक:= भृत्य: +च+ उत्तरदायक: विसर्ग संधि
संस्कृत भाषा में लिखो:-
(क) उसी का जीवित रहना जीवन है जिसके जीने से बहुत से लोग जीवित रहते हैं|
- यस्य ध्रुवाणि अपि नश्यन्ति अध्रुवं नष्टमेव हि |
(ख) सोए हुए शिशु को नहीं जगाना चाहिए |
- सुप्तान् शिशु न प्रबोधयेत्|
(ग) मधुर वचन से सभी प्रसन्न होते हैं |
- प्रियवाक्येन सर्वे तुष्यन्ति|
(घ) उत्तर देने वाला नौकर अच्छा नहीं होता |
- उत्तर दायक: भृत्य: वरं न भवति |
(च) समस्त दुष्ट जनों से सेवित होने पर भी चंदन शीतलता नहीं त्यागता|
-समस्तै: दुष्टजनै: आसेव्यतोsपि चन्दनं शीतलत्व न मुञ्चति |
प्रस्तुति
प्रतिभा त्रिपाठी बालोद
0 Comments