नागरिक शास्त्र कक्षा आठवीं अध्याय 3 मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य

 अध्याय 3 मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य



अभ्यास प्रश्न

 प्रश्न 1. सत्य / असत्य बताइये -

( 1 ) किसी विशेष जाति या धर्म को मानने वाले को ही नौकरी मिलती है ।असत्य

( 2 ) देश के किसी भी क्षेत्र में व्यक्ति निवास कर सकता है। सत्य

( 3 ) सार्वजनिक स्थलों का उपयोग हम समान रूप से कर सकते हैं । सत्य

( 4 ) समूह के अधिकारों का उल्लंघन होने पर जनहित याचिका दायर की जा सकती है । सत्य

प्रश्न 2 . निम्नलिखित उदाहरणों को पढ़कर लिखिए कि इन व्यक्तियों के किन मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है

(i) यदि किसी कारखाने में 12 वर्ष के बच्चों से कार्य कराया जाता है । 

उत्तर–शोषण के विरुद्ध अधिकार।

( ii ) बिना कारण किसी को गिरफ्तार करना और हथकड़ी में बाँधकर , ले जाना । 

उत्तर–स्वतंत्रता का अधिकार ।

( iii ) एक जैसे कार्य के लिये महिला श्रमिक को पुरुष श्रमिक से कम मजदूरी दिया जाना ।

उत्तर –समानता का अधिकार ।

( iv ) शांतिपूर्वक जुलूस निकालने से रोकना । 

उत्तर– स्वतंत्रता का अधिकार ।

प्रश्न 3. प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

( 1 ) मौलिक अधिकार से आप क्या समझते हैं ? लिखिए ।

उत्तर-  मौलिक अधिकार- देश के नागरिकों को सर्वांगीण विकास के लिए संविधान में अधिकारों का प्रावधान किया गया है , इन अधिकारों को मौलिक अधिकार अथवा मूलभूत अधिकार कहा जाता है । संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार निम्नलिखित हैं

( 1 ) समानता का अधिकार

( 2 ) स्वतंत्रता का अधिकार

( 3 ) शोषण के विरुद्ध अधिकार 

( 4 ) धार्मिक स्वतंत्रता काअधिकार 

( 5 ) शिक्षा व संस्कृति का अधिकार

( 6 ) मौलिक अधिकारों का हनन होने पर न्यायालय में जाने का अधिकार ।

( 2 ) हमें प्राप्त मौलिक अधिकारों के नाम लिखिए और किसी एक मौलिक अधिकार का वर्णन कीजिए । 

उत्तर–संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार निम्नलिखित हैं-

( 1 ) समानता का अधिकार

( 2 ) स्वतंत्रता का अधिकार

( 3 ) शोषण के विरुद्ध अधिकार 

( 4 ) धार्मिक स्वतंत्रता काअधिकार 

( 5 ) शिक्षा व संस्कृति का अधिकार

( 6 ) मौलिक अधिकारों का हनन होने पर न्यायालय में जाने का अधिकार ।

स्वतंत्रता का अधिकार - संविधान द्वारा इस अधिकार के अंतर्गत भारतीय नागरिकों को प्राप्त अधिकार हैं -

 1. भ्रमण की स्वतंत्रता - अपनी इच्छा के अनुरूप भारत के किसी भी क्षेत्र में भ्रमण करने का अधिकार प्रदान किया गया है ।

2. रोजगार की स्वतंत्रता- प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा व योग्यता के अनुरूप कार्य के चुनाव का अधिकार है ।

3. भाषण व सम्मेलन की स्वतंत्रता प्रत्येक नागरिक को अपने विचार व्यक्त करने व सभा , सम्मेलन आयोजित करने की स्वतंत्रता।

4. निवास की स्वतंत्रता प्रत्येक नागरिक की इस बात की तंत्रता है कि भारत के किसी भी क्षेत्र में निवास कर सकता है । 

उपर्युक्त सभी अधिकारों के लिए कानून की बाध्यता है अर्थात् प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते समय हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि हमने किसी के अधिकारों का हनन अथवा किसी कानून का उल्लंघन तो नहीं किया है । 

( 3 ) शिक्षा एवं संस्कृति के अधिकार से आप क्या समझते हैं?

उत्तर -भारत विविधताओं का देश है । यहाँ अनेक जाति , धर्म और भाषा के लोग रहते हैं । सबकी अपनी - अपनी संस्कृति , रीति - रिवाज हैं । भारतीय संविधान इन सभी को उनकी संस्कृति भाषा और लिपि को संरक्षित करने का अधिकार प्रदान करता है । संविधान में यह प्रावधान किया गया है कि अल्पसंख्यकों की अपने धर्म और भाषा के आधार पर स्कूल , कॉलेज और विश्वविद्यालय आदि खोलने तथा संचालित करने की स्वतंत्रता है । इस प्रकार की सभी संस्थाओं को शासन द्वारा अनुदान भी प्रदान करने का प्रावधान है इसके लिए उन्हें शासन द्वारा निर्धारित मानदण्डों को पूरा किया जाना आवश्यक है । 

( 4 ) स्वतंत्रता के अधिकार को उदाहरण द्वारा समझाइये । 

उत्तर - संविधान द्वारा नागरिकों के चतुर्दिक विकास के लिए मौलिक अधिकार प्रदान किये गए हैं । उन अधिकारों में स्वतंत्रता के अधिकार का विशेष महत्व है । इस अधिकार के अंतर्गत भाषण , रोजगार , भ्रमण , सभा - सम्मेलन व आत्मरक्षा की शामिल किया गया है । प्रत्येक नागरिकों को ये सभी स्वतंत्रता प्रदान किये गये हैं ।

 उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति अपने लिए रोजगार का चुनाव करना चाहता है तो वह अपनी इच्छा और योग्यता के आधार पर कोई भी काम शुरू कर सकता है । इसके लिए उसे किसी के दबाव में आने की आवश्यकता नहीं है । यदि कोई उसे कार्य करने से रोकता है तो वह निकटतम थाना में इसकी सूचना कर सकता है अथवा न्यायालय में अपील कर सकता है । यहाँ यह ध्यान रखने योग्य बात है कि व्यक्ति द्वारा चुना गया कार्य गैर कानूनी न हो ।

( 5 ) किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन होने पर उसे क्या करना चाहिए ? 

उत्तर - किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन होने पर उसे निम्नलिखित कदम उठाना चाहिए-

( 1 ) पीड़ित व्यक्ति को निकट के पुलिस थाना में रिपोर्ट ( एफ . आई . आर . ) लिखवाना चाहिए ।

( 2 ) संतुष्टिकाही नहीं होने पर निकट के सालय में अपील करना चाहिए । यदि अधिकारों का हर एक अधिक व्यक्तियों का ही तो ऐसी स्थिति में भी एक ही आवेदन द्वारा अपील किया जा सकता है । सभी को अलग अलग नील करने की आवश्यकता नहीं होती है ।

( 6 ) एक विद्यार्थी के रूप में आप किन - किन कर्तव्यों न पालन करेंगे ?

 उत्तर - एक विद्यार्थी के रूप में हम निम्नलिखित कर्तव्यों पालन करेंगे--

1. संविधान का पालन करें और उसके आदर्श संस्थाओं , राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें ।

 2. स्वतंत्रता के लिये हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखें और उनका पालन करें । 

3. भारत की प्रभुता , एकता और अखंडता की रक्षा करें और इसे अक्षुण्ण रखें ।

4. देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करें।

5. भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें की धर्म , भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो , ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हैं । 

6. हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करें । 

7. प्राकृतिक पर्यावरण की जिसके अंतर्गत वन , झील , नदी और वन्य जीव हैं , रक्षा करें और उसका संवर्धन करें तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखें ।

 8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण , मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें

9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखें और हिंसा से दूर रहें

10. व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की और बढ़ने का सतत् प्रयास करें जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू लें ।

11. 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के अवसर अभिभावकों द्वारा प्रदान करना ।

( 7 ) 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कारखाने में काम करवाना किस अधिकार के अंतर्गत प्रतिबंधित है ?

उत्तर -14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कारखाने में काम करवाना शोषण के विरुद्ध अधिकार के अंतर्गत प्रतिबंधित है 

( 8 ) मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य में क्या अंतर है ?

उत्तर- मौलिक अधिकार वे अधिकार होते हैं , जो व्यक्ति के जीवन के लिए मौलिक तथा अनिवार्य होने के कारण संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं लेकिन मौलिक कर्तव्य हमारे आस - पास रहने वाले लोगों के प्रति हमारी जिम्मेदारियाँ हैं , जो कर्तव्य हमें निभाने पड़ते हैं । 

परीक्षोपयोगी अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


 प्रश्न 1. उचित संबंध जोड़िए

 ( क ) जनहित याचिका  1. 1.समानता का अधिकार

 -( च ) समान काम , अधिकार , समान वेतन।

2.स्वतंत्रता का अधिकार-( घ ) जीवन रक्षा

3. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार -( ङ ) किसी भी धर्म को मानने की छूट।

4. शोषण के विरुद्ध अधिकार-( ग ) बेगारी कराना ।

5. संस्कृति व शिक्षा का अधिकार व शिक्षा-( ख ) विद्यालय खोलना ।

6. संवैधानिक उपचारों का मानने की छूट - ( क ) जनहित याचिका।

प्रश्न 2. खाली स्थान भरिए

( 1 ) संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों की संख्या छः है । 

( 2 ) देश के कानून के सामने सभी नागरिक समान है।

( 3 )  छुआछूत को कानूनी रूप से अपराध घोषित किया गया है।

( 4 ) उचित मजदूरी न देना शोषण के विरुद्ध अधिकार का हनन है।

( 5 ) भारत एक धर्म निरपेक्ष राज्य है।

प्रश्न 3. सत्य / असत्य लिखिए

( 1 ) कर्ज न चुका पाने के कारण साहूकार द्वारा मजदूरी करना बेगारी है । असत्य

( 2 ) भारत में अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन की छूट नहीं है । असत्य

( 3 ) महाराष्ट्र में मराठी बोलने वाले लोग अल्पसंख्यक हैं । असत्य

( 4 ) संविधान द्वारा नागरिकों के लिए आठ कर्तव्यों का निर्धारण किया गया है । असत्य

( 5 ) नागरिक कर्तव्यों के पालन न करने पर दण्ड दिया जा सकता है । असत्य

प्रश्न 4. सार्वजनिक सम्पत्ति से आप क्या समझते हैं ? 

उत्तर – सरकार द्वारा निर्मित सम्पत्ति को सार्वजनिक सम्पत्ति कही जाती है । सरकारी अस्पताल , स्कूल , कॉलेज , मंदिर , दार्शनिक स्थल , इमारतों , पर्यटन स्थल आदि सार्वजनिक सम्पत्ति के उदाहरण हैं ।

प्रश्न 5. धर्मनिरपेक्षता से आप क्या समझते हैं ? क्या भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है ? 

उत्तर- धर्म निरपेक्ष राज्य उस राज्य को कहते हैं जहाँ सरकार किसी भी विशेष धर्म को प्रधानता नहीं देती , जहाँ सभी धर्मों का समान रूप से आदर होता है । ऐसे राज्य में न तो किसी धर्म के प्रति पक्षपात होता है और न ही किसी धर्म को तुच्छ या हीन माना जाता है । सभी नागरिकों को अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म को मानने के लिए छूट होती है । हमारे संविधान के अनुसार भारत एक धर्म निरपेक्ष राज्य है ।

प्रश्न 6. बेगारी क्या है ? 

उत्तर– किसी व्यक्ति से बिना मजदूरी दिए काम बेगारी कहलाता है । हमारे देश में जमींदारों व साहूकारों द्वारा खूब बेगारी करवाई जाती थी ।

प्रश्न 7. बंधुआ मजदूरी क्या है ?

उत्तर – प्राचीन भारत में जमींदार , सेठ व साहूकार जिसे कर्ज देते थे , उससे ऊँची दर पर ब्याज वसूलते थे । कर्ज चुकता न कर पाने की स्थिति में कर्जदार को कर्ज चुकता होने तक उसे साहूकार के घर मजदूरी करनी पड़ती थी । चूँकि ब्याज दर बहुत ज्यादा होता था , इसलिए कर्जदार कर्ज चुकाते - चुकाते मर जाता था और सारा कर्ज , कर्जदार के बच्चों को साहूकार के घर मजदूरी करके चुकाना पड़ता था । इस प्रथा को बंधुआ मजदूरी कहा जाता है ।

प्रश्न 8. अल्पसंख्यक किसे कहते हैं ?

उत्तर– किसी क्षेत्र विशेष में जिस जाति के लोगों की संख्या कम होती है , वे उस क्षेत्र के लिए अल्पसंख्यक कहलाते हैं । उदाहरण के लिए किसी गाँव में 60 % हिन्दू , 20 % मुसलमान 15 % ईसाई और 5 % सिक्ख हो तो उस गाँव में सिक्खों को अल्पसंख्यक माना जायेगा । 

प्रश्न 9. मौलिक अधिकारों के हनन का क्या तात्पर्य है ?

उत्तर– यदि किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा नागरिकों को मौलिक अधिकारों के लाभ से उसे वंचित किया जाता है । अथवा करने का प्रयास किया जाता है , तो उसे मौलिक अधिकारों का हनन कहते हैं ।

प्रश्न 10. शोषण के विरुद्ध अधिकार का वर्णन कीजिए ।

उत्तर- शोषण के विरुद्ध अधिकार - शोषण का आशय किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा किसी व्यक्ति की मेहनत और उसकी मजबूरी का गलत ढंग से फायदा उठाना या उसकी मेहनत का उचित मजदूरी न देना है । इस अधिकार के तहत निम्न प्रावधान किया गया है

( 1 ) किसी व्यक्ति को बलपूर्वक अथवा दबाव डालकर उसके इच्छा के विरुद्ध कार्य करना शोषण है । -

( 2 ) 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से जोखिम भरा कार्य जैसे - बीड़ी बनाना , पटाखा बनाना , बोझा ढोना आदि कराना इस अधिकार की अवमानना है ।

( 3 ) किसी से बिना मजदूरी दिए काम लेना ( बेगारी ) , शोषण है ।

( 4 ) किसी व्यक्ति से कर्ज नहीं चुका पाने की स्थिति में दबावपूर्वक अपने ही पास कार्य ( बंधुवा मजदूरी ) लेना , शोषण है ।

प्रश्न 11. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार क्या है ? 

उत्तर– संविधान द्वारा नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया गया है जिसके अंतर्गत निम्नलिखित बिन्दुओं का उल्लेख किया गया है 

( 1 ) प्रत्येक नागरिक को अपनी इच्छा , श्रद्धा , आस्था और विश्वास के अनुरूप किसी भी धर्म को मानने की छूट । 

( 2 ) प्रत्येक धर्म के लोगों को अपने धर्म का प्रचार - प्रसार का अधिकार है ।

( 3 ) हर एक धर्म के लोग अपने - अपने धर्म संबंधी विद्यालयों अथवा धार्मिक संस्थाओं की स्थापना कर सकते हैं ।

( 4 ) अपने धर्म के अनुयाइयों का सभा , सम्मेलन व संगठन का निर्माण कर सकते हैं ।

( 5 ) अपने धर्म प्रचार के लिए विदेशों में भी जाने की छूट है । धर्म , परम्परा अथवा रूढ़ियों के नाम पर अमानवीय कार्य दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है । जैसे धर्म के नाम पर वलि दिया जाना ।

प्रश्न 12. जनहित याचिका क्या है ? उदाहरण सहित समझाइये ।

उत्तर- यदि किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा किसी समूह के अधिकारों का उल्लंघन होता है , तो प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति को अलग - अलग अपील करने की आवश्यकता नहीं होती । कोई भी व्यक्ति या संस्था लोगों की इस समूह की तरफ से सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर कर सकती है । इस प्रकार के मुकदमे को जनहित याचिका या लोकहित का मुकदमा कहा जाता है ।

उदाहरण के लिए एक गाँव में बिजली विभाग के द्वारा बिजली के खम्बे को ठीक नहीं करवाया गया , गाँव वालों ने इसकी शिकायत भी विभाग से की है । अचानक एक दिन खम्बा गिर जाता है और शार्ट होने के कारण एक किसान के घर में आग लग जाती है , और आग फैलकर आधे गाँव को चपेट में ले लेती है । इस प्रकार गाँव के लोगों को अकारण ही नुकसान उठाना पड़ता है । इस घटना से हुई क्षति की क्षतिपूर्ति के लिए किसानों अथवा इनकी ओर से किसी संस्था द्वारा न्यायालय में बिजली विभाग पर क्षतिपूर्ति का मुकदमा चलाया जा सकता है । इस प्रकार सामूहिक हित के प्रकरणों को जनहित याचिका कहा जाता है ।

प्रश्न 13. संविधान में वर्णित नागरिक कर्तव्यों का उल्लेख कीजिए । अथवा भारतीय संविधान में नागरिकों के लिए कौन - कौन से कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं ? 

उत्तर- नागरिकों के मूल कर्तव्य - जिस प्रकार हमारे मौलिक अधिकार हैं वैसे ही हमारे कर्तव्य भी हैं । हमारे आस पास रहने वाले लोगों के प्रति हमारी ये जिम्मेदारियाँ हैं कि अधिकारों को पाने के लिए हमें कुछ कर्तव्य निभाने पड़ते हैं । संविधान में निम्नलिखित कर्तव्यों का उल्लेख किया गया है 

1. संविधान का पालन करना- संविधान के नियमों का पालन करना एवं राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज का आदर करना हमारा कर्तव्य है । 

2. देश की रक्षा तथा राष्ट्र की सेवा करना हम सबका कर्तव्य है इससे हमारी आजादी बनी रहेगी और देश की उन्नति होगी । 

3. देश की स्वतंत्रता , एकता एवं अखण्डता को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है । इससे बन्धुत्व और सहयोग की भावना बढ़ेगी ।

4. सभी धर्म , भाषा और संस्कृति का आदर करना चाहिए । 

5. देश की संस्कृति और धरोहर की रक्षा करनी चाहिए ।

6. पर्यावरण की रक्षा करना हमारा अनिवार्य कर्तव्य है । इसके बिना स्वस्थ मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती ।

 7. वैज्ञानिक मानसिकता व मानवता का विकास करना हर भारतीय का कर्तव्य है । 

 8. सार्वजनिक सम्पत्ति जैसे स्कूल , अस्पताल , रेल , बस , डाकघर आदि की रक्षा करना एवं उसे सही हालत में रखना हमारा कर्तव्य है । 

9. प्रत्येक नागरिक का सम्मान करना और उनका अपमान न रोकना हम सबका कर्तव्य है ।

 10. प्रत्येक माता - पिता या अभिभावकों को 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा का अवसर प्रदान कराना उनका अनिवार्य कर्तव्य है।

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