हिंदी कक्षा 7वीं पाठ 2 प्रेरणा के पुष्प /PRERANA KE PUSHP

 पाठ 2  –प्रेरणा के पुष्प 

   लेखक मण्डल


छत्तीसगढ़ी शब्द मन के हिन्दी अर्थ अमराई =आम का बगीचा । बुजुर्ग = वृद्ध , बूढ़ा

फायदा  = लाभ 

अनुकरणीय = अपनाने योग्य 

डॉलर = अमेरिकी मुद्रा 

जनसाधारण = आम जनता 

संन्यासी = साधु , संत , ऋषि

कुटिया = झोपड़ी 

औषधि=  दवाई 

नाती - पोता = बेटे या बेटी का बेटा 

नातिन - पोती बेटे या बेटी की बेटी 

उपकार = भलाई 

रकम = राशि , धन , रुपया 

प्लेग = चूहे से फैलने वाला रोग

असहनीय = सहन न होने वाली 

यत्र - तत्र = यहाँ - वहाँ 

डोम = भारत वर्ष की एक अनुसूचित जाति , श्मशान में चिता जलाने वाला 

पाठ का सार- भगवान बुद्ध ने इस संसार को दु : खमय बताया है । इस दुःखमय संसार को सुखमय बनाने के लिए सर्वोत्तम उपाय हैं कि हम अपनी शक्ति के अनुसार संसार में सुख बाँटे । ऐसे कार्य करें जिससे अधिक - से - अधिक जरूरतमंद , पीड़ित , बीमार एवं असहाय लोगों को सुख एवं प्रसन्नता मिले । हमें परमार्थ के लिए निःस्वार्थ भावना से कार्य करना चाहिए । इस पाठ में परमार्थ की भावना से किए गए कार्यों का संक्षिप्त उल्लेख है।

 अभ्यास पाठ से प्रश्न 

1. बुजुर्ग को परिश्रम करते देखकर उनसे नौजवान के क्या सवाल थे ? 

उत्तर- बुजुर्ग को परिश्रम करते देखकर नौजवान ने पूछा ने " बाबा , यह क्या कर रहे हो ? "

प्रश्न 2. रेल से सफर करती बुजुर्ग महिला मुट्ठी से बाहर क्या बिखेर रही थी और क्यों ?

उत्तर- रेल से सफर करती बुजुर्ग महिला मुट्ठी से बाहर सुंदर फूलों और फलों के बीज बिखेर रही थी क्योंकि इनमें से कुछ भी अगर जड़ पकड़ ले तो लोगों को इनसे कुछ फायदा होगा ।

प्रश्न 3. अमरीकी वैज्ञानिक फ्रेंकलिन बेंजामिन के बारे में अनुकरणीय बात क्या सुनी जाती है ?

उत्तर - अमरीकी वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रैंकलिन के बारे में अनुकरणीय बात यह सुनी जाती है कि एक बार उन्होंने एक गरीब विद्यार्थी की 20 डॉलर देकर मदद की थी और वे भूल गए थे परंतु विद्यार्थी इस उपकार को नहीं भूला था और दिन फिरने पर अर्थात् विद्यार्थी के अच्छे दिन आने पर उन्होंने उस बीस डॉलर को लौटाने फ्रेंकलिन के पास आया तो फ्रेंकलिन ने कहा मुझे याद तो नहीं कि मैने यह रकम आपको कब दी थी खैर , आप इसे अपने ब ही पास रखिए और जब आपके पास कोई ऐसा ही जरूरतमंद आए तो उसे यह दे दीजिए । " उस व्यक्ति ने ऐसा ही किया , कहते  हैं । आज भी वह रकम अमेरिका में जरूरतमंदों के हाथों में घूम रही है ।



प्रश्न 4. महाप्राण विवेकानंद क्यों अस्थिर चित्त हो गए ? 

उत्तर - कोलकाता में प्लेग व्यापक रूप से फैल गया है । प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की मृत्यु रही है । यह दुःखद समाचार I सुनकर महाप्राण विवेकानंद अस्थिर चित्त हो गए ।

प्रश्न 5. विवेकानंद ने संन्यासी जीवन के बारे में क्या बताया ? 

उत्तर- विवेकानंद ने संन्यासी जीवन के बारे में बताया संन्यासी आवश्यकता पड़ने पर मठ में न रहकर वृक्षों के नीचे रहेंगे तथा भिक्षा द्वारा प्राप्त अन्न और वस्त्र उनके लिए पर्याप्त होगा । 

 प्रश्न 6. अपने काम से विवेकानंद स्वदेशवासियों को क्या शिक्षा देने लगे ?

उत्तर- अपने काम से विवेकानंद स्वदेशवासियों को यह शिक्षा देने लगे कि नर को नारायण मान सेवा करें तथा जातिगत आधार पर ऊँच - नीच की भावना न रखें , जातिगत घृणा न करें तथा मानवधर्म को सर्वोपरि मानकर आलिंगन करें ।

प्रश्न 7. प्लेग पीड़ितों की सहायता के लिए विवेकानंद ने क्या - क्या किया ? 

उत्तर- प्लेग पीड़ितों की सहायता के लिए स्वामी विवेकानंद जी ने एक बड़ी सी जमीन किराए पर ली और वहाँ पर कुटिया निर्माण की गई । जाति , वर्ण - विचार छोड़ , असहाय प्लेग के मरीजों को वहाँ पर लाकर कार्यकर्तागण सेवा - कार्य में रत् हुए । स्वामी जी भी स्वयं सेवा कार्य करने लगे । शहर की गंदगी साफ करने में , औषधीयों का वितरण करने में सभी कार्यकर्तागण सच्चे मन से लग गए । यह सब स्वामीजी के कारण हुआ । 

पाठ से आगे 

प्रश्न 1. आपके आस - पास ऐसे लोग होंगे जो दूसरों की सेवा के लिए बार - बार प्रयास करते हैं ऐसे लोगों के बारे में पता कर लिखिए । 

उत्तर- हमारे आस - पास ऐसे बहुत से लोग दिखते हैं जो दूसरों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं वे नि : स्वार्थभाव से दूसरों के लिए अपना जीवन अर्पित करते हैं बच्चा स्वयं पता करे ऐसे लोगों के बारे में कि आपके गाँव या मुहल्ले में यदि ऐसा कोई व्यक्ति है जो सामाजिक कार्य , स्वच्छता , बागवानी या अन्य कोई  भी कार्य जो वे दूसरों के लिए करते हैं ।

प्रश्न 2. पाठ का शीर्षक ' प्रेरणा के पुष्प ' रखा गया है ? इस पाठ को पढ़ने से आपको क्या अनुभूति हुई दस पंक्तियों में लिखने का प्रयास कीजिए ।

उत्तर- पाठ का शीर्षक ' प्रेरणा के पुष्प ' रखा गया है । इस पाठ को पढ़ने से हमे निम्नलिखित अनुभूति हुई –

1. हमें दूसरों की भलाई के लिए कुछ कार्य करना चाहिए ।

2. सफर में जाते वक्त फूलों और फलों के बीज ले जाने की प्रेरणा मिली । 

3. रोगी के लिए सेवा भावना की अनुभूति हुई ।

4. जरूरतमंद लोगों की मदद करने की प्रेरणा मिली ।

5. ' नेकी कर दरिया में डाल ' की अनुकरणीय बातें बेंजामिन से मिली । 

6. नर को नारायण मान अर्थात् मानव धर्म सर्वोपरि की अनुभूति हुई । 

7. वृक्षारोपण करने की प्रेरणा मिली । 

8. स्वार्थ की भावना त्याग करने की प्रेरणा मिली ।

9. जातिगत आधार पर भेदभाव नहीं करने की प्रेरणा मिली ।

10. दूसरों के कष्ट में सेवा एवं सहायता करने की प्रेरणा मिली ।

प्रश्न 3. बुजुर्ग व्यक्ति अपनी आने वाली पीढ़ी के प्रति कितने संवेदनशील होते हैं इस पाठ से पता चलता है । आपके आस - पास के बुजुर्ग क्या चाहते हैं ? इस पर उनसे बातचीत कर उन्हें संक्षेप में लिखिए ।

उत्तर- हमारे आस - पास के बुजुर्ग भी संवेदनशील हैं वे प्रकृति प्रेमी हैं , पशु - पक्षियों , गाय - बैल आदि से स्नेह रखते हैं । वे यह भी सोचते हैं कि यदि आज हम कुछ पेड़ लगायेंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ी को उसका लाभ मिलेगा । हमारे आस - पास के बुजुर्ग यह चाहते हैं कि बच्चे उनके साथ कुछ पल व्यतीत करें

प्रश्न 4. किसी बुजुर्ग व्यक्ति के प्रति हम नई पीढ़ी के लोगों का क्या कर्तव्य होना चाहिए ? मित्रों से इस विषय पर बातचीत कर अपने विचार रखिए । 

उत्तर- किसी बुजुर्ग व्यक्ति के प्रति हम नई पीढ़ी के लोगों का यह कर्तव्य है कि बुजुर्ग व्यक्ति के प्रति आदर भाव रखे , उनका सम्मान करें जरूरत पड़ने पर उनकी सहायता करें । बुजुर्ग अनुभवों का भंडार होता है उनकी सीख से बच्चों को ज्ञान प्राप्त होता है उनके पास बैठकर कुछ समय बिताएँ उनके जीवन के अनुभव सुनें उनकी बातों का आदर करें और उनसे नैतिक शिक्षा लें अपने जीवन में अनुकरण करें ।

प्रश्न 5. पाठ में ' जाति सूचक ' शब्द का प्रयोग देखने को मिलता है । क्या आपको लगता है कि कहीं से भी , ऐसे प्रयोग मानवीय समानता या किसी सभ्य समाज का बोध कराते हैं । आपस में विचार कर लिखिए ।

उत्तर- पाठ में ' जातिसूचक ' शब्द का प्रयोग मिलता है जो सभ्य समाज या मानवीय समानता का बोध नहीं कराते मानव धर्म सर्वोपरि है आज समाज सभ्य और शिक्षित होते हुए भी इस प्रकार का व्यवहार करे तो अशोभनीय है व्यक्ति जन्म से नहीं कर्म से बड़ा होता है । जातिसूचक शब्दों से पूर्व प्रत्येक व्यक्ति को व्यक्ति मानना धर्म है और उनसे समानतापूर्ण व्यवहार करना चाहिए । 

प्रश्न 1. पाठ में ' सहयात्री ' शब्द का अर्थ है साथ - साथ यात्रा करने वाला , इस शब्द का निर्माण ' यात्री ' में ' सह ' शब्द को जोड़कर बनाया गया है । इसी तरह से आप ' सह ' शब्द को जोड़कर कुछ अन्य शब्दों का निर्माण कीजिए । 

उत्तर- 1. सहपाठी , 2. सहयोग , 3. सहचर , 4. सहकर्मी , 5. सहकारी ।

प्रश्न 2. पाठ में सफेद बाल , वृद्ध महिला , सुंदर फूल , गरीब विद्यार्थी , अनुकरणीय व्यक्ति , असहनीय दुख , असहाय मरीज आदि शब्द विशेषण और विशेष्य के उदाहरण हैं इसमें से विशेष्य और विशेषण को पहचान कर लिखिए और पाठ में प्रयुक्त हुए ऐसे ही शब्द प्रयोग को खोजकर लिखिए । 

उत्तर- विशेषण सफेद, वृद्ध ,सुंदर गरीब ,अनुकरणीय ,असहनीय  एवं  बाल, महिला,फूल,विद्यार्थी, व्यक्ति,दुख,मरीज विशेष्य है।

पाठ में प्रयुक्त ऐसे ही शब्दों की सूची में 

बूढ़ा-आदमी 

कठिन -श्रम

दुःखद- समाचार

कठोर- नियम 

 बड़ी-सी-जमीन 

ऊँची -जाति । 

प्रश्न 3. पाठ में इस तरह के प्रयोग आप देख सकते हैं जिनके बाल , उस बुजुर्ग , इस उम्र , इस उम्मीद , इस रास्ते , यह छोटी रकम , रेखांकित शब्दों को हम सार्वनामिक विशेषण कहते हैं अर्थात् यहाँ पर सर्वनाम शब्द संज्ञा या सर्वनाम के संकेत या निर्देश के रूप में आए हैं अतः सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण हैं । पाठ से इस प्रकार के उदाहरण ढूँढ कर लिखिए । 

 उत्तर- जिन्हें , इसके , तुम्हारे , उसके , आपके , उन्हें , उनके , अपने , उन्होंने उससे ।

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