हिंदी कक्षा- 6वीं पाठ 9 दू ठन नान्हे कहानी /डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी

कक्षा- छठवीं पाठ 9 दू ठन नान्हे कहानी 

        डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी


अभ्यास प्रश्नोत्तर 

मुँह अँखरा प्रश्न ( मौखिक प्रश्न )

1. हीरा उपर कखरो नजर काबर नइ परिस ?

 ( हीरे के ऊपर किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी ? )

उत्तर - हीरे ऊपर कखरो नजर एखर सेती नइ परिस काबर कि ओखर चारों - खंर काँद जाम गे रहय । 

( हीरे के ऊपर किसी की नजर इसलिए नहीं पड़ी क्योंकि उसके चारों ओर घास उग आए थे । )

2. झिंगुरा ह ओस के बूँद ल हीरा के सगा काबर कहिथे ?

 ( झिंगुर ने ओस की बूंद को हीरे का रिश्तेदार क्यों कहा ? )

उत्तर - झिंगुर ह ओस के बूंद ल हीरा के सगा ऐखर सेती कहिथे काबर कि ओस कि बूँद ह घलो हीरा कस सुध्यर चमकत रहय ।

( झिंगुर ने ओस के बूंद को हीरे का रिश्तेदार इसलिए कहा क्योंकि ओस की बूंद भी हीरे के समान सुन्दर चमक रही थी । )

3.पियासे चिरई ह का जिनिस ल देखके खाल्हे उतरिस ? 

( प्यासी चिड़िया क्या चीज देखकर नीचे उतरी ? ) 

उत्तर - पियासे चिरई ह हीरा ल ओस के बुंद समझके खाल्हे उतरिस । 

( प्यासी चिड़िया हीरे को ओस समझकर नीचे उतरी । ) 

4. चिरई ह अपन चोंच ल ओस के धुंद समझ के मारिस त ओला का लगिस ?

( चिड़िया अपनी चोंच को जब ओस की बूंद समझकर मारी तो क्या आभास हुआ ? ) 

उत्तर - चिरई ह अपन चोंच ल ओस के बुंद समझ के मारिस त ओला पखरा बरोबर लगिस । 

( चिड़िया जब अपनी चोंच को ओस को बंद समझकर मारी तो उसे पत्थर का आभास हुआ । )

5. ओस के बुंद ह हीरा अक चिरई के बात ल सुनके मन में का विचार करथे ? 

( ओस की बुंद चिड़ियाँ और हीरे की बात सुनकर मन में क्या सोचती है ?

उत्तर - ओस के बुंद ह दुनो के बात ल सुन के विचार करिस के ओकरे जीवन अऊ सुघरह ह धन्य हे जैन मन , पर के खातिर अपन जान ल त्याग देथे । 

( ओस की बूंद दोनों की बातें सुनकर विचार करती है , कि उन्हीं का जीवन सुन्दर और धन्य है , जो दुसरों के लिए अपना जीवन त्याद देते हैं । 

6. झिंगुरा ह कांदी में सपट के कोन से घटना ल देखिस अऊ का सोचिस ?

( झिंगुर बाबू धास में छिपकर कौन - सी घटना देख रहा था और क्या सोचा ? ) 

उत्तर - झिंगुरा ह कांदी म सपटे सपटे हिरा , ओस के बुंद अऊ चिरई के घटना ल देखिस त सोचिस के एक झनके ( हीरा ) हृदय ह पथरा बरोबर कठोर हे त दुसर के ( ओस ) हिरदे म मया दया के अमरित भरे हे ।

( झिंगुर घास के पीछे छुपे - छुपे हीरा और ओस की बूंद और चिड़िया की घटना को देखते हुए सोचने लगा की एक का हृदय पत्थर की तरह कठोर जबकि दूसरे ( ओस ) का हृदय प्रेम और दया के अमृत से भरा है । ) 



7. माधो बाबू ल अपन महतारी के काबर सुरता आगे ? 

( माधो बाबू को अपनी माँ की याद क्यों आ गई ? )

उत्तर - सजे - धजे नारी मन ल देख के ओला अपन महतारी के सुरता आगे ।

( सजी धजी नारियों को देखकर उसको अपनी माँ की याद आ गई । )

8. विपिन ह सुरुज के पिंवरा किरन ल देख के का सोचत रहिस ?

 ( विपिन सूरज की पीली छटा देखकर क्या सोच रहा था ? )

उत्तर - विपिन ह सोचथे- कहूँ मैं बादर म चढ़े सकतेव , त बोरा भर सोन सकेल के ला लेतेव ।

 ( विपिन सोचता है- काश मैं बादल में चढ़ सकता तो बोरे भर के सोने इकट्ठा कर ले आता । )

पाठ से आगे 

1. “ हीरा ' अऊ ओस के बूंद कहानी म एक हिरदे पथरा बरोबर कठोर हे त दूसर हिरदे म मया दया के अमरित भरे हवय काबर कहे गेहे ? 

उत्तर - हीरा कीमती होथे लेकिन प्यासा के प्यास नहीं बुता सके एखरे सेती ओला पथरा बरोबर हिरदे कहे गे है । दूसर म ओस के बूंद ह प्यास बुझाथे एकर सेती ओला मया - दया के अमरित भरे हवय कहे गे हवय ।

  भाषा तत्व एवं व्याकरण

प्रश्न 1. खाल्हे लिखाय वाक्य मन के अर्थ वाला एक शब्द लिखव ।

उत्तर -1 . जेन कभू सच नई बोलय-     लबरा 

2. जेन बनी भूती करथे- बनिहार

3. जेन ह बैपार करथे-    बैपारी

4. जेन खेल- तमाशा देखाथे- डंगचगहा । 

प्रश्न 2. " इया " प्रत्यय लगाके नवा शब्द बनावव । 

उत्तर - समझ + इया- समझइया

 सोच + इया -सोचइया 

सकल + इया- सकलइया

देव + इया- देवइया 

देख + इया- देखइया । 

प्रश्न 3. भाव वाचक संज्ञा ल विशेषण म बदलव ।

 उत्तर-

भाव वाचक संज्ञा  विशेषण

 1. त्याग      -         त्यागी         

2. लबरा      -       लबराई

3. चमक     -     चमकाई

 वाक्य -

1 . लछमन ह एक महान त्यागी भाई रहिस । 

2. ज्यादा लबराई मत मार , भगवान हर सब देखत हे ।

 3. पानी - बरसात के दिन म बिजली के चमकाई ह प्राण ले - लेथे ।

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