वचन / VACHAN/NUMBER IN HINDI/वचन के प्रकार /VACHAN/NUMBER IN HINDI

 वचन NUMBER /वचन के प्रकार  /VACHAN /NUMBER IN HINDI  



वचन क्या है???

वचन हिंदी व्याकरण में किसी भी प्रकार के वस्तु या व्यक्ति के नाम के आगे या पीछे संख्या को बताने के लिए जो संख्या प्रयोग किया जाता है उसे ही वचन कह सकते हैं। 

किसी वस्तु , व्यक्ति की संख्या का बोध कराने का कार्य वचन के द्वारा किया जाता है। 

वचन की परिभाषा

शब्दों के उस रूप को जो किसी वस्तु के एक अथवा अनेक होने का बोध कराता है , उसे वचन कहते हैं। जिन शब्दों के माध्यम से संख्या की प्रतीति होती है , वहां वचन माना जाता है। वचन का अर्थ है बोली तथा कथन।

"शब्दों से संख्या का बोध कराना ही वचन है।"

निश्चित संख्या को बताने के लिए हमारे हिंदी भाषा में उपलब्ध गिनती के लिए जो संख्या है उसका प्रयोग किया जाता है। 

संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का बोध हो, उसे वचन कहते हैं। उदाहरण:

आज हमारे शासकीय डॉ. इंद्रजीत सिंह  महाविद्यालय अकलतरा में वार्षिकोत्सव मनाया गया। सभी बच्चों ने अलग-अलग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। सभी विद्यार्थी समय पर विद्यालय आए। अंत में प्रधानाध्यापक  जी ने भाषण दिया और अध्यापकों ने अच्छा पढ़े और आगे बढ़ने की ऐसी प्रेरणा दी की मन खुश हो गया। 

उपरोक्त उदाहरण को  समझने का प्रयास करते हैं की आखिर किस प्रकार इसमें वचनों का प्रयोग किया गया है इस पूरे  वाक्य में हम देखते हैं की जो शब्द हैं जैसे की सभी बच्चों, सभी विद्यार्थी, अध्यापकों को मुख्य रूप से बहुवचन में या बहुवचन के रूप में गिना जाता है। क्योंकि इनकी संख्या एक से अधिक है उसी प्रकार प्रधानाध्यापक  एक वचन का बोध कराता है अर्थात इसकी संख्या केवल एक है। 

वचन के प्रकार 

हिंदी भाषा में वचन दो प्रकार के होते है। 

●एकवचन 

●बहुवचन 

1. एकवचन - संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से एक वस्तु, व्यक्ति तथा पदार्थ का बोध होता है, उसे एकवचन कहते हैं; जैसे- आँख, घोड़ा, पुस्तक, मेज, सड़क आदि। 

2. बहुवचन - संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से अधिक वस्तुओं, व्यक्तियों तथा पदार्थों का बोध होता है, उसे बहुवचन कहते हैं; जैसे- आँखें, घोड़े, किताबें, मेजें, सड़कें आदि। 

बहुवचन बनाने के नियम

नीचे कुछ वचन संबंधी विशेष नियम दिए जा रहें हैं, इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझें  किसी व्यक्ति विशेष के प्रति सम्मान या आदर प्रकट करने के लिए सदा बहुवचन का प्रयोग किया जाता है; जैसे- 

सम्राट अशोक मगध के सम्राट थे। 

श्रीमति इंदिरा गाँधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री थीं। 

बड़े आदमी अपना अधिकार प्रकट करने के लिए बहुवचन का प्रयोग करते हैं; जैसे-

भारत के प्रधानमंत्री ने कहा, "हम आतंकवाद का सफाया करके ही दम लेंगे।"

● कुछ शब्द सदैव बहुवचन में ही प्रयुक्त होते हैं; जैसे- लोग, बाल, हस्ताक्षर, प्राण, आँसू, प्रजा आदि। 

1. मेरी दीदी के बाल चमक रहें हैं। 

2. विज्ञान भवन में लोग एकत्र हो रहे हैं। 

3. आग में जलकर महिला के प्राण निकल गए। 

● व्यक्तिवाचक तथा भाववाचक संज्ञाओं का प्रयोग एकवचन में होता है; जैसे-

1. देव पढ़ रहा है। (व्यक्तिवाचक संज्ञा एकवचन में)

2. मंदिर की सुंदरता सबका मन आकर्षित कर लेती है। (भाववाचक संज्ञा एकवचन में)

● कुछ शब्द हमेशा एकवचन के रूप में प्रयुक्त होते हैं; जैसे- आग, वर्षा, सोना, दूध, पानी आदि। 

1. आज सुबह से वर्षा हो रही है। 

2. वर्षा का पानी घरों में भर गया है। 

3. घरों में आग लग चुकी है। 

4. दूध अब और भी महंगा हो गया है। 

वचन परिवर्तन के नियम

आपको इसे कुछ उदाहरण के माध्यम से बताया गया है । 

1. 'आ' को 'ए' में बदलना-

1. कमरा - कमरे 

2. पत्ता - पत्ते 

3. घड़ा - घड़े 

4. कुत्ता - कुत्ते 

5. तारा - तारे 

6. हीरा - हीरे 

2. 'अ' को 'एँ' में बदलना-

1. मेज - मेजें 

2. सड़क - सड़कें 

3. गाय - गाएँ 

4. बहन - बहनें 

5. पुस्तक - पुस्तकें 

6. आँख - आँखें 

3. 'आ' को 'आएँ' में बदलना-

1. सूचना - सूचनाएँ 

2. दवा - दवाएँ 

3. पाठशाला - पाठशालाएँ 

4. महिला - महिलाएँ 

5. कथा - कथाएँ 

6. भाषा - भाषाएँ 

4. 'इ' या 'ई' को 'इयाँ' में बदलना-

1. लड़की - लड़कियाँ 

2. नदी - नदियाँ 

3. टोपी - टोपियाँ 

4. पूड़ी - पूड़ियाँ 

5. रोटी - रोटियाँ 

6. सखी - सखियाँ 

5. 'ा' 'ँ' में बदलना-

1. बुढ़िया - बुढ़ियाँ 

2. चुहिया - चुहियाँ 

 3. चिड़िया - चिड़ियाँ 

4. कुटिया - कुटियाँ 

5. डिबिया - डिबियाँ 

6. गुड़िया - गुड़ियाँ 

 6. 'उ', 'ऊ' के साथ 'एँ' जोड़कर-

1. ऋतु - ऋतुएँ 

2. वधू - वधूएँ 

3. वस्तु - वस्तुएँ 

4. बहू - बहुएँ 

7. जन, वर्ग, गण, वृन्द जोड़कर- 

1. छात्र - छात्रगण 

2. अध्यापक - अध्यापक वृन्द 

3. गुरु - गुरुजन 

4. मजदूर - मजदूर वर्ग

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