मिशन शिक्षण संवाद छत्तीसगढ़ के प्रभारी बेहतरीन शिक्षक पवन कुमार सिंह/Pawan kumar singh/Innovative Teacher


आज हम आपका परिचय नवाचारी शिक्षक के अंतर्गत  से छत्तीसगढ़ राज्य  के  बेहतरीन अध्यापक पवन कुमार सिंह से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से, समर्पित और  प्रयासों से अपने विद्यालय को विविध शिक्षण गतिविधियों और उपलब्धियों का तथा सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया। जिससे  शिक्षा के सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक नामांकन एवं उपस्थिति पर शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त करने में सफल हुए। जो हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयास हैं। 



पवन कुमार सिंह

शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, पोटिया, विकासखंड : धमधा, जिला : दुर्ग, छत्तीसगढ़ 

 विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के प्रयास : 

स्वयं के प्रयास :

शालाओं को एक अलग पहचान दिलाने के लिये क्रमबद्ध प्रयास किये गये जो निम्न हैं-

1. ग्राम के विशिष्ट नागरिकों को विद्यालय से जोड़ते हुए सर्वप्रथम दोनो शालाओं में कार्यरत शिक्षक साथियों एवं प्रधान पाठकों में समन्वय स्थापित कर शाला को प्रगति प्रदान करने हेतु स्वप्रेरित किया गया।

2. विद्यालय के बच्चों में अभिव्यक्ति कौशल व नवाचारों से शाला में ठहराव के लिये अभिप्रेरित किया गया।

3. समुदाय को विद्यालय से जोड़ने हेतु व्यक्तिगत रुप से मिलकर अभिप्रेरित किया गया व शिक्षा की उपयोगिता समझाते हुये उनसे आर्थिक एवं शारीरिक सहयोग प्राप्त किया गया।

4. अपने शिक्षक साथियों, प्रधान पाठकों, समुदाय व उच्च अधिकारियों को विश्वास में लेकर उनके सहयोग से विद्यालय व बच्चों का संज्ञानात्मक एवं सह-संज्ञानात्मक क्षेत्र में विकास के लिए कार्य प्रारंभ किये गये।

5. सर्वप्रथम विद्यालय उन्नयन की कार्य योजना तैयार कर शिक्षक साथियों, प्रधानपाठकों व शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ चर्चा करने के पश्चात् विद्यालय की आवश्यकताओं को तीन श्रेणियों में विभाजित किया –

 विभाग के माध्यम से पूर्ण होने वाली आवश्यकतायें। 

शिक्षकों एवं जनसमुदाय के सहयोग से पूर्ण होने वाली आवश्यकतायें।

 आसपास के उद्योगों एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों के सहयोग से पूर्ण होने वाली आवश्यकतायें।

आवश्यकताओं को ध्यान रखते हुए वार्षिक कार्ययोजना के तहत कार्य प्रारंभ किया गया, जिसका विवरण निम्न है –

 अन्य शिक्षको के सहयोग से / जनप्रतिनिधि के सहयोग से /जन सहभागिता से

1. स्वच्छ, आकर्षक, प्रेरक, हरियर आंतरिक परिसर बनाने में। 

2. विद्यालय के बाह्य अहाते की सजावट व आकर्षक करने में। 

3. कक्षा की सजावट एवं प्रिंट रिच तैयार करने में।

4. पृथक कक्ष में पृथक पुस्तकालय हेतु अलमीरा व डिस्पले बोर्ड के निर्माण में।

5. सांस्कृतिक मंच के निर्माण में।

6. नलघर के निर्माण।

7. शाला परिसर में बागवानी। 

8. SMART CLASS के निर्माण में।

9. मिनी थियेटर के निर्माण में ।

अन्य सहयोग से : 

ग्राम पोटिया में कार्यरत सचिव, रोजगार सहायिका, पटवारी, कृषि विस्तार अधिकारी इत्यादि से एवं विकास खंड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी से भी आर्थिक सहयोग सहयोग लेना विशेष उपलब्धि है।


किये गए प्रयासों का परिणाम

 प्रयास के पहले एवं प्रयास के बाद नामांकन : 

ग्राम पोटिया की आबादी कम है, फिर भी बहुत से बच्चे शिक्षा से दूर थे और जो विद्यालय में नामांकन कराते थे वो भी नियमित विद्यालय नहीं आते थे। 

इस समस्या से निजात पाने के लिए निजी विद्यालयों की तर्ज पर विद्यालय के आंतरिक व बाह्य परिसर को आकर्षक व शैक्षिक बनाया गया साथ ही कई नवाचारों के माध्यम से बच्चों को प्रेरित किया गया एवं SMC के सदस्यों के माध्यम से पालको से संपर्क कर उन्हें प्रेरित किया गया। वर्तमान में शत प्रतिशत नामांकन के साथ लगभग 100 फीसदी उपस्थिति रहती है। 

वर्तमान उपस्थिति का प्रतिशत :

वर्तमान में विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति लगभग 100 फीसदी रहती है, क्योंकि शाला प्रबंधन समिति के सहयोग से पालकों से निरंतर संपर्क रहता है। 

 प्रतियोगिताओं में सफल छात्रों की संख्या :

NMMSE राष्ट्रीय साधन सह प्रावीण्य परीक्षा में विद्यालय से प्रतिवर्ष 5 से 7 बच्चों का चयन।


विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ :

विद्यार्थियों द्वारा प्राप्त पुरस्कार :

1. बाल कैबिनेट में सफाई मंत्री के रूप में कार्य करने वाली छात्रा को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त हुआ है।

2. विद्यालय के बाल कैबिनेट के कार्यों के लिए राज्य स्तर पर निकलने वाले चर्चा प्रपत्र में स्थान देकर सम्मानित किया गया। 

 विद्यार्थियों की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता :

1. NMMSE राष्ट्रीय साधन सह प्रावीण्य परीक्षा में विद्यालय से प्रतिवर्ष 5 से 7 बच्चों का चयन। 

विद्यार्थियों की अन्य उपलब्धियाँ :

1. इंस्पायर अवार्ड में विद्यालय के छात्र /छात्राओं ने जिला एवं राज्य स्तर पर अपनी सहभागिता प्रदान करते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज की है।

विद्यालय की प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियाँ : 

1. विद्यालय में बच्चों के ठहराव के लिए साप्ताहिक उपस्थिति एवं शैक्षिक प्रदर्शन के आधार पर प्रति शनिवार प्रश्न मंच, एक मिनट, कौन बनेगा दसपति जैसी गतिविधियाँ कराते हुए पुरस्कृत करते हुए खेल खेल में शिक्षा दी जाती है।

2. विभिन्न अवसरों पर सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित करते हुए बच्चों को मंच प्रदान करते हुए उनके आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी की जाती है। कई बच्चों के द्वारा विकासखंड एवं जिला स्तर पर अपनी गायन एवं नृत्य कला का प्रदर्शन करते हुए पुरस्कार प्राप्त किया गया है।

3. विद्यालय के छात्र / छात्राओं ने विकासखंड /एवं जिला स्तर की विभिन्न खेल गतिविधियों में भाग लेकर पुरस्कार प्राप्त किए है। कुछ बच्चों ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व किया है।


 शिक्षक और विद्यालय की उपलब्धियाँ : 

विद्यालय की उपलब्धियाँ : 

1. स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार : 2016-17 में राष्ट्रीय स्तर पर शासकीय प्राथमिक शाला पोटिया व शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पोटिया दोनों ही विद्यालयों को मानव संसाधन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा सम्मानित किया गया है।

2. शास. प्राथमिक/पूर्व शाला पोटिया को उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार से 2014-15 में राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है।

3. NMMSE राष्ट्रीय साधन सह प्रावीण्य परीक्षा (छात्रवृति परीक्षा) में 2013-14 से प्रतिवर्ष 3 से 5 बच्चे चयनित हो रहे हैं। सत्र 2019-20 में विद्यालय से 7 बच्चों का चयन हुआ है।

4. शास. प्राथमिक / पूर्व माध्यमिक शाला पोटिया की तर्ज पर जिले के विद्यालयों को तैयार करने के लिए जिलाधीश महोदय के द्वारा अनुशंसा की गई है।

शिक्षक की उपलब्धियाँ :

विद्यालय के शिक्षक पवन कुमार सिंह को उनके विद्यालय के प्रति समर्पण व योगदान के लिए विभिन्न अवसरों पर सम्मानित किया गया है।







1. उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार 2014 (जिला स्तर पर)

शास. पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक पवन कुमार सिंह को शिक्षक दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डे के द्वारा उनके कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ शिक्षक सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है। 






2. स्वच्छता पुरस्कार 2017 (राष्ट्रीय स्तर पर)

स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2016-17 में राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालय के स्वच्छता नोडल के रूप में स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त किया। 

3. स्वच्छता पुरस्कार 2018 (राज्य स्तर पर) 

स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2017-18 में राज्य स्तर पर विद्यालय के स्वच्छता नोडल के रूप में स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त किया। शासकीय प्राथमिक शाला पोटिया व शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पोटिया दोनो ही विद्यालयों को स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप द्वारा स्वच्छता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 

4. मुख्यमंत्री ज्ञानदीप पुरस्कार 2018 (जिला स्तर पर)

शास. पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक पवन कुमार सिंह को शिक्षक दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डे जी के द्वारा उनके कार्यों के लिए मुख्यमंत्री ज्ञानदीप पुरस्कार से पुरस्कृत किया जा चुका है। 

5. उत्कृष्ट एवं नवाचारी शिक्षक पुरस्कार 2018 (विकासखंड स्तर पर)

शास. पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक पवन कुमार सिंह को विकासखंड स्तरीय “लईका मड़ई” के अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री श्री रविन्द्र चौबे एवं विधायक प्रतिनिधि व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जीवन वर्मा जी के द्वारा उनके कार्यों के लिए उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत किया जा चुका है। 

6. उत्कृष्ट व प्रेरक शिक्षक पुरस्कार 2019 (बालोद जिले में)

शास. पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक पवन कुमार सिंह को विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर संत श्री बालक दास जी के द्वारा पाटेश्वर धाम डौंडी लोहारा में उनके कार्यों के लिए उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत किया जा चुका है। 

7. छ.ग. कला साहित्य अकादमी पुरस्कार 2019 (दुर्ग जिले में) 

साहित्य के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों खासतौर पर सामान्य ज्ञान आधारित लेखन कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ कला साहित्य संगठन ने, संगठन की सदस्यता के साथ पुरस्कृत किया गया। 

8. न्यू ऋतंभरा साहित्य मंच पुरस्कार 2019 (दुर्ग जिले में) 

साहित्य के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों खासतौर पर सामान्य ज्ञान आधारित लेखन कार्यों के लिए न्यू ऋतंभरा साहित्य मंच पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। 

9. अरविंदो सोसाइटी नवाचार पुरस्कार 2019 (दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड में) 

10. कबाड़ से जुगाड़ जिला स्तरीय पुरस्कार 2020 (दुर्ग जिले के दुर्ग विकासखंड में)

कबाड़ से जुगाड़ प्रदर्शनी में विभिन्न TLM के प्रदर्शन के लिए जिलाधीश दुर्ग के द्वारा कबाड़ से जुगाड़ जिला स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

शिक्षक समाज के लिए संदेश

पूर्व समय में शिक्षक न केवल विद्यार्थियों बल्कि समाज के भी मार्गदर्शक एवं आदर्श होते थे किन्तु वर्तमान समय में शिक्षा एक व्यापार का रूप लेती जा रही है, साथ ही शिक्षक भी अपना सम्मान खो रहे है, क्योंकि बहुत से शिक्षक साथी अपने कर्तव्यों एवं आदर्श व्यक्तिव के विपरीत कार्यों में संलग्न होने लगे है। ऐसे शिक्षकों की संख्या कम ही है, किन्तु इनके कारण समस्त गुरुजनों पर प्रश्न चिह्न लगता है। शिक्षक राष्ट्र निर्माता होने के साथ ही देश के भविष्य को तैयार करते है, विद्यार्थी शिक्षकों को अपना आदर्श व हीरो मानते है। इस कारण हम गुरुजनों का कर्तव्य है की हम ऐसे कार्य व व्यवहार करें जो समाज व हमारे विद्यार्थियों के लिए प्रेरक बने। 




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