गणेश वंदना
------------------------
हे गौरी पुत्र गजानन
तुम्हे है शत शत नमन
माता गौरी पिता महादेव
रिद्धि सिद्धि के हो तुम देव।
पान ,सुमन तुम्हे है अर्पण
आओ स्वीकार करो वंदन।।
हे गौरी पुत्र................।
बांझन को तुम देते सुत हो
निर्धन को करते धनवान
मुसक मे होकर सवार
करते हो तुम जग विचरन।
हे गौरी पुत्र..................।
नित्य पूजन करे जो तुमको
मन वांछित फल देते उनको मोदक
लड्डू प्रिय है तुमको
हे सिद्ध विनायक शिवनंदन।
हे गौरी पुत्र.................।
अंधन को तुम ज्योति देते
कोढ़ीन को सुंदर तन देते
भक्त जनों के तुम रखवारे
हे लंबोदर विघ्न हरन।
हे गौरी पुत्र..................।
रचनाकार :- महेत्तर लाल देवांगन
बिलाईगढ़ ( छत्तीसगढ़ )
भारत की नारी
आंधी नही मै चिंगारी हूँ
मै भारत की नारी हूँ
मै ही हूँ झांसी की रानी
दुर्गावती भी मै हूँ
अंतरिक्ष की कल्पना भी मै हूँ
पी टी उषा उड़न परी हूँ।
मै भारत की नारी हूँ।।
मै ही सीता और सावित्री हूँ
मै ही दुर्गा काली हूँ
मैं ही हूँ विष्णु की लक्ष्मी
मैं ही शक्ति शिव की नारी हूँ।
मैं भारत की नारी हूँ।।
मै हूँ सुनीति ध्रुव की माता
शिवाजी की वो जीजा बाई हूँ
मैं हूँ आई पी एस किरण बेदी
मैं प्रतिभा इंदिरा ममता भी हूँ।
मैं भारत की नारी हूँ।।
मै ही वीणा सरस्वती की
काली खप्पर वाली हूँ
राम कृष्ण गौतम की माता
मै ही वसुधा प्यारी हूँ।
मै भारत की नारी हूँ।।
पत्नी भी मै हूँ
बेटी भी मैं हूँ
सास भी हूँ बहु भी मैं हूँ
मैं सब की सम्मान दुलारी हूँ।
मै भारत की नारी हूँ।।
मै ही आन हूँ मै ही मान हूँ
मैं ही कवि की गान हूँ
मैं ही माता मै ही गुरु
मै जग की आधार हूँ
रहते देव सदा वहाँ
जहाँ पूजती नारी हूँ।
मैं भारत की नारी हूँ।
मैं भारत की नारी हूँ।।
रचना मौलिक एवं स्व लिखित है
रचनाकार :- महेत्तर लाल देवांगन
बिलाईगढ़ छत्तीसगढ़
विषय स्वागत गान
विधा गीत
स्वागतम् आपका स्वागतम्
आप आये हमे एक खुशी मिलजो गई
आपके दर्शन से मन की कली खिल गई
आप देव अतिथि हैं पधारे प्रथम
स्वागतम् आपका स्वागतम्।।
बड़े सौभाग्य से यह दिन आया
आज घर मे हमारे मंगल ध्वनि छाया
आपके चरणों से घर हुआ पावन
थाल आरती लिए हाथ पुष्प लिए करते हैं
पूजन हम
स्वागतम् आपका स्वागतम्।
आप ब्रम्हा भी हैं आप विष्णु भी हैं
आप ही सदा शिव महादेव भी हैं
दे दो ऐसा आशीष हमे देव
सुख समृद्धि और स्वास्थ्य दे उत्तम
स्वागतम् आपका स्वागतम्।
स्वागतम् आपका स्वागतम्।।
रचनाकार :- महेत्तर लाल देवांगन
बिलाईगढ़ ( छत्तीसगढ़ )
0 Comments