कक्षा 7वी
प्रथम : पाठ: प्रयाणगीतम
1. चड़नतुल्या .................वत्स: श्री राम।।
अर्थ :-भारत की मिट्टी चंदन के समान है प्रत्येक गांव तपोभूमि हैं प्रत्येक बालिका देवी रूप और हर बालक श्री राम रूप है।
2. इह प्रभाते शंखध्वनि:.............वत्सो वत्स: श्री राम:।।
अर्थ :-प्रत्येक शरीर मंदिर की तरह पवित्र है सभी मनुष्य उपकारी है यहां खिलौने की तरह खेला जाता है गाय को माता की तरह पूजा जाता है लोग जहां सुबह शंख बजाते हैं शाम को लोरी गीत गाते हैं प्रत्येक बालिका देवी की मूर्ति की तरह है प्रत्येक बच्चा बच्चा राम के समान है।
3. अत्र कर्मतो..........वत्स श्रीराम।।
अर्थ :-जहां कर्म से भाग्य का निर्माण किया जाता है लोग श्रम के प्रति निष्ठावान हैं यहां के कवि जन त्याग और तपस्या की महिमा अपनी कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं यहां ज्ञान की गंगा के समान पवित्र व अभिराम है जहां यहां की प्रत्येक बालिका देवी स्वरूप और बालिका श्रीराम है ।
4. अत्रत्यै:सैनिकै:..........वत्स श्री राम:।।
अर्थ:- यहां सैनिकों की द्वारा युद्ध भूमि में हमेशा श्रीमद्भागवत गीता गाई जाती है यहां खेत में हल के नीचे सुकुमारी सीता कोमल आंगी सीता खेला करती है यहां के जीवन के आदर्श मंगल सुख मणियों की तरह सुंदर है भारत भूमि की प्रत्येक बालिका देवी की तरह और बच्चा-बच्चा श्री राम है।
निम्नलिखित प्रश्नों का संस्कृत में उत्तर दीजिये–
(क)अस्माकं भारत भूमि है कीदृशी अस्ति?
उत्तर -अस्माकं भारतभूमि:चंदनतुल्या अस्ति।
(ख) अत्र भारते गौ:कि मन्यते ?
उत्तर -अत्र भरते गौ:जनयित्री मन्यते।
(ग) अत्रत्यै: सैनिकै: समरभुवि किं गीयते?
उत्तर- अत्रत्यै: सैनिकै: समरभुवि श्रीगीता गीयते।
(घ) अत्र जीवनादर्शे किं जटितम?
उत्तर-अत्र जीवनादर्शे मंगलमयमणिर्भिराम: जटित।
–रूपेश कुमार देवांगन शिक्षक
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला गौरझुमर,
सहसपुर लोहारा जिला कबीरधाम
1 Comments
बहुत बहुत बधाई
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