एक शिक्षक ने सकारात्मक सोच एवं कठिन परिश्रम से गांव के सरकारी स्कूल को बना दिया ज़िले का स्मार्ट स्कूल
शिक्षक यदि चाहे तो कुछ भी बदलाव लाने में सक्षम होता है ऐसा ही कुछ कर दिखाया है राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिक्षक ने आइये जाने उनके स्कूल की कहानी
इंसान जब कुछ सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ता है तो सकारात्मक लोगों का कारवां बनता जाता है और उसके परिणाम भी बहुत ही सकारात्मक आता है ऐसा मानना है राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, आगोरिया ब्लॉक,शिव,ज़िला बाडमेर के कार्यवाहक संस्था प्रधान श्री श्रवण जांगिड़ का ।
जून 2018 में स्थानांतरण के उपरांत विद्यालय में नियुक्त के साथ ही एक उम्मीद को लेकर स्कूल में आना हुआ । जिसके साथ ही यह तय किया गया कि कुछ सार्थक प्रयास करके स्कूल को नई दिशा देने का काम किया जाये जिसमें पहला विचार आया स्कूल को ‘स्मार्ट स्कूल’ बनाना और नामांकन बढ़ाना।जिसकी कड़ी में लगातार समुदाय के लोगों एवं साथी शिक्षक साथियों के साथ निरंतर संवाद किया गया ।
नई जिमेदारी
जुलाई 2019 में विद्यालय की जिम्मेदारी मेरे पास आई और इसके साथ ही आया अपने विचारों को जमीन पर उतारने का समय । सबसे पहले समुदाय को स्कूल से जोड़ने का कार्य प्रारंभ किया जिसके दौरान निकल कर आया कि कुछ समय पहले विद्यालय काफी विवादों में रहा था जिसके परिणाम स्वरूप विद्यालय का नामांकन लगातार कम हो रहा था और विद्यालय पर समुदाय का विश्वास कम होता जा रहा था। इसके लिए विद्यालय में आयोजित कार्यक्रमों में तथा समुदाय में होने वाले कार्यक्रमों में समुदाय के लोगों से निरंतर बातचीत की गई एवं अपने विचारों को लोगों को समझाने का काम किया गया जिससे समुदाय के लोगों का भी विश्वास बना और इसी विश्वास के आधार पर गाँव के युवाओं का समूह तैयार हुआ जिनके साथ सोशल मीडिया के माध्यम से एक मंच पर जोड़कर अपनी स्कूल को ‘स्मार्ट स्कूल’ बनाने की योजना से अवगत करवाया गया ।
बढ़ते कदम स्मार्ट स्कूल की ओर
सितम्बर 2019 से विद्यालय को विषम परिस्थितियों में भी ‘स्मार्ट स्कूल’ बनाने का काम शुरू किया गया जिसके लिए ग्रामीण युवाओं ने भरपूर आर्थिक एवं शारीरिक योगदान दिया गया । जिसके तहत विद्यालय को आकर्षक चित्रों एवं रंगों के माध्यम से खुबसूरत बनाने का काम किया गया जिसमें विभिन्न मानचित्र, कहानियाँ, प्रतीक चिन्ह, प्रेरक वाक्य आदि के माध्यम से दीवारों को ही सीखने का माध्यम बना दिया गया ।
सामुदायिक सहभागिता का परिणाम
इसके साथ ही विद्यालय में बच्चों के साथ मिलकर गार्डन का निर्माण किया गया, बच्चों के किये झूले एवं फिसल-पट्टी लगाई गई,स्मार्ट क्लास रूम, खिलौना बैंक के माध्यम से बच्चों के लिए बहुत से TLM की व्यवस्था की गई जिससे बच्चों के सीखने में गति आई इसके साथ ही स्टेशनरी बैंक की स्थापना करके बच्चों को लिए आवश्यक शिक्षण सामग्री की व्यवस्था भामाशाहों के द्वारा की गई । इन सभी प्रयासों का असर यह हुआ कि बच्चों का विद्यालय में मन लगने लगा एवं उनका सीखना बेहतर हुआ और बच्चों की उपस्थिति एवं ठहराव 90-95% तक रहने लग गया। विद्यालय में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ‘मीना मंच’ एवं ‘मीना समूह’ की स्थापना की गई एवं बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने का काम किया गया एवं इसमें बहुत हद तक सफलता भी मिली और स्कूल में बालिकाओं के नामांकन में वृद्धि हुई ।
इस बेहतर प्रयास से ब्लॉक के अन्य शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों को अवगत करवाने के लिए सत्रांत वाक्-पीठ का आयोजन भी विद्यालय में किया गया एवं सभी के साथ इस बदलाव की कहानी को साझा करने का अवसर मिला ।
इस विद्यालय के इस काम में इनके साथ विद्यालय के अन्य चार शिक्षक-शिक्षिका भी कंधे से कंधा लगाकर सहयोग में लगे रहे और विभाग के अधिकारियों के द्वारा इनको आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान होता रहा जिसको इनके द्वारा धरातल पर उतारने का काम किया गया ।
आज के समय में यह विद्यालय शिव ब्लॉक का ही नहीं बल्कि बाड़मेर जिले के बेहतरीन ‘स्मार्ट स्कूल’ में अपना स्थान रखता
है।
स्कूल में हुए बदलाव की बोलती तस्वीरें
स्कूल की खबर अखबारों में
2 Comments
GreatWork. Badhai. SirJi. 👌👌👌
ReplyDeleteWell done Sir ji
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