ई-कचरा प्रबंधन पर कार्यशाला : जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में एक कदम

 ई-कचरा प्रबंधन पर कार्यशाला : जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में एक कदम

स्थान – शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुरदा


आज के तकनीकी युग में जहाँ हर व्यक्ति मोबाइल, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर निर्भर हो गया है, वहीं इन उपकरणों के खराब या अनुपयोगी होने पर उत्पन्न होने वाला ई-कचरा (Electronic Waste) हमारे पर्यावरण के लिए एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। इसी महत्वपूर्ण विषय पर आज शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुरदा में “ई-कचरा प्रबंधन” विषय पर एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला के दौरान शिक्षकों ने विद्यार्थियों को ई-कचरे के प्रकार, उसके दुष्प्रभाव और उसके उचित प्रबंधन के तरीकों की जानकारी दी। बताया गया कि जब हम अपने पुराने मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान को किसी भी स्थान पर फेंक देते हैं, तो इनमें मौजूद सीसा, पारा और कैडमियम जैसे जहरीले रसायन मिट्टी और जल स्रोतों को प्रदूषित कर देते हैं। यह न केवल पर्यावरण को हानि पहुँचाते हैं, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरा उत्पन्न करते हैं।

शिक्षकों ने यह भी समझाया कि यदि ई-कचरे को उचित रीसाइक्लिंग केंद्रों तक पहुँचाया जाए, तो उसमें से सोना, चाँदी और ताँबे जैसी कीमती धातुएँ पुनः उपयोग में लाई जा सकती हैं। परंतु जब यह कचरा कहीं भी फेंक दिया जाता है, तो यह धातुएँ बेकार चली जाती हैं और पुनर्चक्रण (Recycling) की प्रक्रिया असंभव हो जाती है।

कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों में यह जागरूकता फैलाना था कि हम सबका दायित्व है कि हम अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें और ई-कचरे के प्रति जिम्मेदार बनें। बच्चों ने इस अवसर पर यह संकल्प लिया कि वे घर और विद्यालय दोनों स्थानों पर ई-कचरे को कभी भी इधर-उधर नहीं फेंकेंगे और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे। इस प्रकार यह कार्यशाला न केवल ज्ञानवर्धक रही बल्कि विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण की भावना को भी सशक्त बनाने में सफल रही।

श्रीमती ज्योति सराफ

व्याख्याता वाणिज्य

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