एड्स रोग पर जन-जागरूकता कार्यशाला का आयोजन
स्थान: शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, कुरदा
स्वास्थ्य के क्षेत्र में जागरूकता सबसे बड़ी शक्ति है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, कुरदा में “एड्स रोग पर जन-जागरूकता कार्यशाला” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को एड्स जैसे खतरनाक रोग के कारणों, लक्षणों, संक्रमण के स्रोतों तथा इसके प्रति अपनाए जाने वाले सावधानियों से अवगत कराना था। जांजगीर से आए स्वास्थ्य विभाग के लोगों के द्वारा उपस्थित विद्यार्थियों को एड्स के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एड्स (AIDS) का पूरा नाम Acquired Immune Deficiency Syndrome है, जो एच.आई.वी. (HIV) नामक वायरस के कारण होता है। यह वायरस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट कर देता है, जिससे व्यक्ति विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ जाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि एड्स का संक्रमण केवल चार माध्यमों से फैलता है —
● संक्रमित रक्त चढ़ाने से,
● असुरक्षित यौन संबंध से,
● संक्रमित सुई या ब्लेड से,
● संक्रमित माँ से जन्म लेने वाले बच्चे में।
शिक्षकों ने छात्रों को यह समझाया कि एड्स से ग्रसित व्यक्ति से सामान्य व्यवहार जैसे हाथ मिलाना, साथ बैठना या भोजन साझा करना से संक्रमण नहीं फैलता। अतः ऐसे लोगों के प्रति समाज में भेदभाव नहीं, बल्कि सहानुभूति और सहयोग का भाव रखना चाहिए। कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों द्वारा एड्स पर बनाए गए पोस्टर, स्लोगन और चार्ट प्रदर्शित किए गए। नारे जैसे “एड्स से डर नहीं, सावधानी जरूरी है” और “जानें, समझें और बचाव करें” ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विजेता विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम में शिक्षकों के साथ-साथ विद्यालय के अन्य कर्मचारी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। शिक्षिकाओं में रजिया अंजुम शेख,अंजना सिंह परिहार ,भावना मशीह,शांति थवाईत, रेखा साहू, अपर्णा त्रिपाठी, नीलम राठौर, ज्योति साराफ, वर्षा सामंत तथा अन्य स्टाफ सदस्य सक्रिय रूप से शामिल हुए।
अंत में कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन श्री जीवनलाल राठौर द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं न केवल जानकारी प्रदान करती हैं बल्कि सामाजिक सोच में भी सकारात्मक परिवर्तन लाती हैं। यह जन-जागरूकता कार्यशाला अत्यंत सफल रही और विद्यार्थियों ने यह संकल्प लिया कि वे एड्स के प्रति स्वयं भी जागरूक रहेंगे तथा समाज में दूसरों को भी जागरूक करेंगे। इस आयोजन ने सभी के मन में स्वास्थ्य सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को प्रबल किया।
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