संज्ञा की परिभाषा, भेद व उदाहरण
संज्ञा एक ऐसा शब्द है जो एक विशिष्ट वस्तु या वस्तुओं के समूह के नाम के रूप में कार्य करता है।जैसे- जीवित प्राणी, स्थान, कार्य, गुण, अस्तित्व की स्थिति या विचार।
संज्ञा की परिभाषा
किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, गुण, जाति, भाव, क्रिया, द्रव्य आदि का ज्ञान कराने वाले शब्द या नाम को संज्ञा कहा जाता है। संज्ञा के कारण हम किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान और जाति के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
उदाहरण–: सीता (व्यक्ति), आगरा (स्थान), पुस्तक (वस्तु), सोना (क्रिया), क्रोधित (भाव) आदि। ये दिए गए सभी नाम संज्ञा है। जिसके कारण हमें किसी के बारे में जानकारी मिलती है।
1. ताजमहल आगरा में स्थित है।
इस वाक्य में आगरा किसी स्थान का नाम है। इसलिए यह संज्ञा है
2. मोहन ने पुस्तक को मेज पर रख दिया।
इस वाक्य में मोहन (किसी व्यक्ति का नाम), पुस्तक (वस्तु), और मेज (वस्तु) संज्ञा का बोध करवाते है।
संज्ञा पाँच प्रकार की होती है–:
● व्यक्तिवाचक संज्ञा
● जातिवचक संज्ञा
●भाववाचक संज्ञा
●द्रव्यवाचक संज्ञा
●समूहवाचक संज्ञा
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
जिस शब्द से किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी आदि के नाम को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है। इस संज्ञा में व्यक्तियों के नाम, वस्तुओं के नाम, दिशाओं के नाम, देशों के नाम, समुद्रों के नाम, पुस्तकों के नाम, पर्वतों के नाम, समाचार पत्रों के नाम आदि शामिल होते हैं।
उदहारण- दिल्ली (जगह का नाम), सुभाष चंद्र बोस ( किसी विशेष व्यक्ति का नाम), मेज (वस्तु का नाम)।
1. मोहन स्कूल जा रहा है।
इसमें मोहन एक व्यक्ति का नाम है, इसलिए यह व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
2. गीता दिल्ली घूमने गई है।
इस वाक्य में गीता एक विशेष व्यक्ति और दिल्ली एक स्थान का नाम है। इसलिए यह व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
2. जातिवाचक संज्ञा
जिस शब्द या संज्ञा से किसी एक ही व्यक्ति या वस्तु की पूरी जाति या वर्ग के बारे में जानकारी मिलें, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है। यह संज्ञा किसी एक विशेष की बातें नहीं करती है बल्कि पूरी जाति का बोध करवाती है। इसमें पशु – पक्षियों, प्राकृतिक तत्वों, वस्तुओं तथा किसी काम आदि के वर्ग को शामिल किया जाता है।
उदाहरण- लड़का, नदी, गाड़ी, पर्वत, पेड़ आदि।यह सभी शब्द अपने वर्ग व पूरी जाति का बोध कराते हैं। इसलिए यह जातिवाचक संज्ञा हैं।
1. हमारे देश में अनेक पर्वत है।
इस वाक्य में पर्वत से उसकी पूरी जाति व वर्ग का ज्ञान हो रहा है, इसलिए यह जातिवाचक संज्ञा है।
2. हमारे बगीचे में पेड़ लगे हुए है।
इस वाक्य में पेड़ से सारी जाति और वर्ग का बोध होता है, इसलिए यह जातिवाचक संज्ञा है।
3. भाववाचक संज्ञा
जिस संज्ञा से किसी व्यक्ति या वस्तु के भाव, गुण, धर्म, भाव और दशा का ज्ञान हो, उसे भाववाचक संज्ञा कहते है। इससे उन सभी की अवस्था का भी पता चलता है। प्रत्येक पदार्थ का धर्म होता है जैसे मिठाई में मिठास, वीरों के वीरता, बच्चों में चंचलता, पानी में शीतलता आदि।
उदाहरण- खुशी, बचपन, कठोर, प्रेम, मिठास आदि के बोध को भाववाचक संज्ञा कहते है।
1. मुझे ठंडा पानी पीना है।
इस वाक्य में पानी के गुण और धर्म (ठंडा) का बोध हो रहा है, इसलिए इस वाक्य में भाववाचक संज्ञा है।
2. लड्डू मीठे है।
इस वाक्य में लड्डू के धर्म(मीठे) का बोध हो रहा है, इसलिए इस वाक्य में भाववाचक संज्ञा है।
4. द्रव्यवाचक संज्ञा
संज्ञा के जिस शब्द से किसी पदार्थ के द्रव्य तथा वस्तु के नाप–तोल का बोध हो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है। इस संज्ञा में वस्तु को गिना नहीं जा सकता है, उसका परिणाम होता है। यह पदार्थ तरल रूप में होता है।
उदाहरण–: तेल, पेट्रोल, घी, पानी आदि।
1. नदियों में पानी बहता है।
इस वाक्य में पानी के बहने अर्थात द्रव्य का बोध हो रहा है। इसलिए इस वाक्य में द्रव्यवाचक संज्ञा है।
2. गाड़ी में एक लीटर पेट्रोल डलवा देना।
इस वाक्य में पेट्रोल के नाप तोल का बोध हो रहा है, इसलिए इस वाक्य में द्रव्यवाचक संज्ञा है।
5. समूहवाचक संज्ञा
संज्ञा के जिस शब्द से किसी समूह का बोध हो तो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है। यह अलग-अलग या एक-एक व्यक्ति का बोध नहीं करवाता।
उदहारण– टीम, सेना, कक्षा,
1. भारतीय सेना देश की रक्षा करती है।
इस वाक्य में सेना से पूरे समूह का बोध होता है, इसलिए इस वाक्य में समूहवाचक संज्ञा है।
2. सभी खिलाड़ियों ने मिलकर एक टीम बना ली है।
इस वाक्य में टीम से खिलाड़ियों के समूह का बोध होता है, इसलिए इस वाक्य में समूहवाचक संज्ञा है।
0 Comments