सौर परिवार के सदस्यों की पहचान कविता के माध्यम से/SOLAR SYSTEM

सौर परिवार के सदस्यों के लक्षण आसान तरीके से याद करने  हेतु कविता।


         सूर्य

मैं हूँ एक तारा ,
लगता हूँ सबको प्यारा,
गर्मी देना मेरा काम,
सूरज है मेरा नाम,
ग्रह मेरे चारो ओर चक्कर लगाते,
सारे ग्रह मुझे बहुत है भाते।
         
          बुध ग्रह
सूर्य के बाद मैं आता हूं ,
बुध ग्रह मैं कहलाता हूँ। 
सूर्य  के हूँ सबसे पास ,
ग्रहों में हूँ सबसे खास।
          
          शुक्र ग्रह
मुझे अपने आप पर होता फक्र
क्योंकि मैं हूँ चमकीला शुक्र
बुध के बाद मैं आता हूं,
भोर का तारा कहलाता हूँ।
सांध्य को मैं जल्दी आता ,
इसलिए सांध्य का तारा, कहलाता हूँ।

             पृथ्वी
जहाँ से मिलता तुमको ज्ञान 
सुनलो भाई पृथ्वी मेरा नाम,
केवल मुझमे ही तो जीवन है,
सूर्य से हैं मेरा तीसरा स्थान।
  
              मंगल
लाल-लाल दिखलायी देता
इसलिए लाल ग्रह कहलाता हूँ
मंगल ग्रह मेरा नाम
पृथ्वी के बाद मेरा स्थान।

          बृहस्पति
मंगल के बाद मैं आता हूं 
बृहसपति कहलाता हूँ,
नाम मे हुँ सबसे बड़ा ,
ग्रह भी बड़ा कहलाता हूँ।
              
           शनि 
तीन वलयो वाला ग्रह हूँ मैं
इसलिए बहुत सुंदर हूँ मैं
मेरे नाम से लोग डरते है।
सुनो भाई मुझे शनि कहते हैं।
            
              वरुण 
मैं वरुण कहलाता हूँ
ठंडा होने के कारण सबको भाता हूँ ।

कामिनी जोशी
अधीक्षिका
KGBV दुल्लापुर बाजार
ब्लॉक-पंडरिया
जिला कवर्धा छत्तीसगढ़

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